Sai Deepak Oxford Union debate Pakistan: पाकिस्तानियों पर भरोसा करें कि वे ऑक्सफोर्ड यूनियन को भी सुअरबाड़ा बना देंगे. यह प्रभात खबर का कहना नहीं है. यह बयान है भारत के चर्चित वकील और लेखक साई दीपक का, जिनका गुबार फूटा. ब्रिटेन की प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में गुरुवार को जिस तरह की घटनाएं सामने आईं, वह हर लिहाज से केवल पाकिस्तान के ही बस की बात थी. दरअसल ऑक्सफोर्ड यूनियन में एक बड़ी बहस होने वाली थी, जिसका विषय था- पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति एक पॉपुलिस्ट रणनीति है जिसे सुरक्षा नीति के रूप में बेचा जाता है. इस बहस की शुरुआत से पहले ही पाकिस्तानी पक्ष अचानक पीछे हट गया, लेकिन आरोप लगाया कि भारतीय पक्ष ने आने से इनकार किया है. इससे साफ हो गया कि यह केवल एक डिबेट नहीं बल्कि एक सोचा-समझी चाल थी. लेकिन भारतीय विशेषज्ञ साई दीपक ने बिना देरी किए नैरेटिव को पटल से हटने नहीं दिया और तुरंत ही पाकिस्तान की असलियत दुनिया के सामने बेनकाब कर दी.
ऑक्सफोर्ड यूनियन के नाम पर पाकिस्तानी हाई कमीशन की चाल?
जिस बहस पर यह हंगामा हुआ, उसकी नींव ही एक सोची-समझी योजना पर रखी गई थी. इस डिबेट को आयोजित करने वाले थे ऑक्सफोर्ड यूनियन के प्रेसिडेंट मूसा हर्रा, जो दरअसल पाकिस्तान के रक्षा उत्पादन मंत्री के बेटे हैं. आयोजन में शामिल एक और प्रमुख नाम ट्रेजरर रजा का भी था, जो पाकिस्तानी मूल के हैं. यानी आयोजन भले ही ऑक्सफोर्ड यूनियन के नाम पर था, लेकिन पर्दे के पीछे इसे पाकिस्तान हाई कमीशन की तरह संचालित किया जा रहा था.
अंत समय में दीपक ने की वक्ताओं की व्यवस्था
भारत की ओर से चर्चित अधिवक्ता जे साई दीपक इस बहस में शिरकत करने लंदन पहुंचे थे, द मूसा हर्रा ने निमंत्रण भेजा था. उनके अलावा इस प्रोग्राम भारत के पूर्व सेना अध्यक्ष मेजन जनरल एम नरवणे और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी को भी न्यौता दिया गया था. लेकिन आखिरी क्षणों में उनके साथ यूके में रहने वाले एक्टिविस्ट मनु खजूरिया और पंडित सतीश के शर्मा को टीम में शामिल किया गया, जिन्हें खुद दीपक ने खुद बुलाया. 27 नवंबर को जब तीनों बहस के लिए तैयार थे, तभी जानकारी मिली कि पाकिस्तान की ओर से आने वाली टीम अचानक कार्यक्रम से हट गई है. लंदन में पाकिस्तानी हाई कमीशन ने एक्स पर इसे लेकर एक लंबा चौड़ा लेख इस मामले में प्रकाशित किया.
दीपक ने किया पाकिस्तान का पर्दाफाश
साई दीपक ने इस पोस्ट के बाद मामले को अपने हाथ में लिया और अपने पूरे वक्तव्य की शुरुआत, इस खबर की हेडिंग के साथ ही की. उन्होंने कहा- पाकिस्तानियों पर भरोसा करें कि वे ऑक्सफोर्ड यूनियन को भी सुअरबाड़ा बना देंगे. साई दीपक ने बताया कि शुरुआत में उन्हें आमंत्रित किया गया, लेकिन बाद में बहाना बनाया गया कि भारत से स्पीकर मिल नहीं रहे हैं और उनसे कहा गया कि वे खुद भारतीय अतिथियों की व्यवस्था करें. दीपक ने समय निकालकर गेस्ट खोजे, किंतु अंतिम समय पर उन्हें बताया गया कि गेस्ट तय हो चुके हैं.
साई दीपक का कहना है कि उन्हें खुद आयोजक मूसा हरराज का फोन आया, जिसमें मूसा ने बताया कि उन्हें अभी-अभी पता चला कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बहस में हिस्सा नहीं लेगा, जिसमें जुबैर महमूद हयात और हिना रब्बानी खार शामिल थे. इसके बदले साई दीपक को छात्रों के साथ बहस करने का प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने ठुकराते हुए कार्यक्रम में न शामिल होने का निर्णय लिया.
भारतीय टीम आई, तो पाकिस्तानी टीम होटल में छिपी बैठी
साई दीपक ने अपने पास आए ई-मेल्स और कन्फर्मेशन के स्क्रीनशॉट साझा करके बताया कि भारतीय स्पीकर समय पर लंदन पहुंच गए थे. लेकिन पाकिस्तान की ओर से झूठ फैलाया जा रहा था कि हिना रब्बानी खार और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बहस में हिस्सा लेंगे. यूनियन के प्रेसिडेंट मूसा हर्रा ने क्षमा मांगते हुए दावा किया कि उन्हें सुबह 10 बजे पता चला कि पाकिस्तान से कोई नहीं आएगा, लेकिन साई दीपक ने इसे भी झूठ बताया.
साई दीपक ने खुलासा किया कि पाकिस्तानी वक्ता बहस में आने के बजाय ऑक्सफोर्ड के जॉर्ज स्ट्रीट वाले एक होटल में डर के मारे दुबके बैठे थे. उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधियों की इस हालत को कटाक्ष करते हुए कहा कि वे आतंकियों की तरह बच्चों की ओट लेकर छिप रहे थे. उन्होंने चुनौती दी कि डिबेट में आओ और दिखाओ कि तुममें अभी भी थोड़ी रीढ़ बाकी है या नहीं.
साई दीपक के पूरे जवाब का ट्विटर थ्रेड का लिंक यहां क्लिक करके देख सकते हैं.
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