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रूस ने चंद्रमा पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू की, चीन के साथ मिलकर अंतरिक्ष में कब्जा करने की तैयारी!

Russia Moon Nuclear Plant: रूस चंद्रमा पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की तैयारी में है. यह रोवर्स, वैज्ञानिक स्टेशन और रूस-चीन संयुक्त अनुसंधान केंद्र को ऊर्जा देगा. लुना-25 की असफलता के बाद रूस स्थायी चंद्र मिशन और अंतरिक्ष अनुसंधान में फिर से प्रमुख भूमिका निभाना चाहता है. चंद्रमा की रणनीतिक और वैज्ञानिक अहमियत बढ़ रही है.

Russia Moon Nuclear Plant: रूस अगले दशक में चंद्रमा पर अपना न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की योजना बना रहा है. इसका उद्देश्य रूस के चंद्रमा मिशन को ऊर्जा देना और रूस-चीन के संयुक्त अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन को सपोर्ट करना है. दुनिया के बड़े देश चंद्रमा की खोज में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और रूस अब फिर से इस नई स्पेस रेस में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा है.

Russia Moon Nuclear Plant: रूस की अंतरिक्ष यात्रा और हाल की चुनौतियां

1961 में सोवियत कॉस्मोनॉट यूरी गगारिन पहले इंसान बने जो अंतरिक्ष में गए. तब से रूस ने खुद को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया. लेकिन हाल के दशकों में रूस अमेरिका और अब चीन से पीछे रह गया है. अगस्त 2023 में रूस का बिना चालक वाला “लुना-25” मिशन चंद्रमा की सतह से टकरा गया, जिससे उसकी चंद्रमा योजना को बड़ा झटका लगा. वहीं, एलन मस्क ने रॉकेट लॉन्च के तरीके बदल दिए और निजी कंपनियों ने इस क्षेत्र में रूस की पारंपरिक ताकत पर असर डाला.

Russia Moon Nuclear Plant in Hindi: चंद्रमा पर पावर प्लांट की योजना

रूस के राज्य अंतरिक्ष संगठन रोस्कोसमॉस ने बताया कि वह 2036 तक चंद्रमा पर पावर प्लांट बनाएगा. इसके लिए उसने लावोचकिन एसोसिएशन नामक एयरोस्पेस कंपनी के साथ समझौता किया है. यह पावर प्लांट रोवर्स, वैज्ञानिक वेधशालाओं और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को ऊर्जा देगा. रोस्कोसमॉस ने सीधे न्यूक्लियर शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन इसमें रूस की न्यूक्लियर कंपनी रोसाटॉम और कुर्चाटोव इंस्टिट्यूट शामिल हैं. इसका मतलब साफ है कि न्यूक्लियर पावर इस योजना का मुख्य आधार होगा.

न्यूक्लियर पावर सिस्टम चंद्रमा की लंबी रातों में भी लगातार ऊर्जा दे सकेगा, जो सोलर पैनल के लिए बड़ी चुनौती है. रोस्कोसमॉस के अनुसार यह प्रोजेक्ट केवल एक बार का मिशन नहीं है, बल्कि स्थायी वैज्ञानिक चंद्र स्टेशन बनाने की दिशा में पहला कदम है. (Russia Moon Nuclear Plant Prepares Lunar Power Plant With China in Hindi)

रूस-चीन संयुक्त चंद्रमा मिशन

रूस और चीन मिलकर अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन पर काम कर रहे हैं. यह अमेरिका की अगुवाई वाले मिशनों के लिए विकल्प माना जा रहा है. रोस्कोसमॉस के प्रमुख दिमित्रि बाकानोव ने बताया कि चंद्रमा पर न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करना उनकी एजेंसी की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है. साथ ही, रूस ने शुक्र ग्रह पर मिशन भेजने की दिशा में भी दिलचस्पी दिखाई है.

चंद्रमा का रणनीतिक महत्व

चंद्रमा, जो पृथ्वी से लगभग 3,84,400 किलोमीटर दूर है, न सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि रणनीतिक रूप से भी अहम है. यह पृथ्वी की धुरी को स्थिर करता है और समुद्र की ज्वार-भाटा में मदद करता है. रूस का यह प्रोजेक्ट यह दर्शाता है कि वह अंतरिक्ष अन्वेषण के अगले चरण में स्थायी मौजूदगी बनाए रखना चाहता है. अब मिशन सिर्फ “पहले पहुंचने” की प्रतियोगिता नहीं बल्कि लगातार अनुसंधान और ऊर्जा क्षमता पर केंद्रित हैं.

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Govind Jee
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गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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