Pakistan Tragedy: पाकिस्तान के उत्तरी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. पिछले 48 घंटों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 321 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी कि राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन बारिश और बंद रास्तों के कारण मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के अनुसार, मृतकों में से 307 लोग खैबर पख्तूनख्वा में मारे गए हैं. मृतकों में 15 महिलाएं और 13 बच्चे भी शामिल हैं, जबकि कम से कम 23 लोग घायल बताए जा रहे हैं. अधिकांश लोगों की मौत बाढ़ में बह जाने या मकानों के ढहने से हुई.
लगभग 2,000 बचावकर्मी नौ जिलों में राहत कार्य में जुटे हैं. मलबा हटाने, शव बरामद करने और जीवित लोगों को निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं. लेकिन तेज बारिश, भूस्खलन और टूटी सड़कों के कारण राहत कार्यों में भारी दिक्कतें आ रही हैं. खैबर पख्तूनख्वा रेस्क्यू एजेंसी के प्रवक्ता बिलाल अहमद फैजी के अनुसार, कई जगहों पर सड़कों के बंद होने से बचाव दल पैदल ही दूरदराज के इलाकों में पहुंच रहे हैं.
Pakistan Tragedy: आपदा प्रभावित घोषित जिले
प्रांतीय सरकार ने बूनर, बाजौर, स्वात, शांगला, मनसेहरा और बट्टग्राम को आपदा प्रभावित जिले घोषित कर दिया है. वहीं पाकिस्तान मौसम विभाग ने उत्तर-पश्चिमी हिस्से में अगले कुछ घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है. राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने बताया कि पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में 9 और गिलगित-बाल्टिस्तान में 5 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा शुक्रवार को राहत कार्य के दौरान खराब मौसम की वजह से एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो पायलट समेत 5 लोग मारे गए.
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Khyber Pakhtunkhwa Monsoon Disaster: ‘कयामत जैसा मंजर’
स्थानीय लोग इस त्रासदी को क़यामत जैसा मान रहे हैं. बूनर ज़िले के निवासी अज़ीज़ुल्लाह ने बताया कि पहाड़ खिसकने जैसी आवाज आई, जमीन कांप रही थी, ऐसा लगा जैसे दुनिया का अंत आ गया हो. वहीं, बाजौर में लोग खुदाई मशीनों से मलबा हटाकर शव निकाल रहे हैं. कई शवों का एक साथ जनाजा पढ़ा गया. अधिकारियों के मुताबिक इस बार मानसून सामान्य से पहले शुरू हुआ है और देर तक चलेगा. अगले 15 दिन हालात और खराब हो सकते हैं. जुलाई में पंजाब प्रांत में पिछले साल की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई और मौतों का आंकड़ा पूरे पिछले मानसून से ज्यादा रहा.
पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन से सबसे प्रभावित देशों में से है. वर्ष 2022 में आई बाढ़ ने देश के एक-तिहाई हिस्से को डुबो दिया था और करीब 1,700 लोगों की जान गई थी. बूनर ज़िले के शिक्षक सैफुल्लाह खान ने कहा कि हमारे गांव में कौन जिंदा है और कौन मरा, यह साफ नहीं है. मैं उन्हीं बच्चों के शव निकाल रहा हूं जिन्हें मैं पढ़ाता था. पूरा इलाका गहरे सदमे में है.
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