Pakistan Navy Reaches Bangladesh: 1971 में जब बंग्लादेश बना था, तब से दोनों देशों के रिश्ते कभी गर्म नहीं हुए. लेकिन अब, 54 साल बाद पहली बार पाकिस्तान की नौसेना का युद्धपोत PNS SAIF बंग्लादेश के चट्टोग्राम बंदरगाह पर आया है. यह दौरा चार दिन का है. यह विजिट पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीन अशरफ के ढाका दौरे के साथ हुआ है. भारत भी इस कदम को गंभीरता से देख रहा है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी भारत की नौसैनिक रणनीति के लिए अहम माना जाता है.
Pakistan Navy Reaches Bangladesh: रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बातचीत
ढाका में पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीन अशरफ ने बंग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान और नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन से मुलाकात की. पाकिस्तान नौसेना के हवाले से कहा गया कि यह दौरा दोनों देशों के बीच “लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को मजबूत करने और समुद्री सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता” दिखाता है. पाकिस्तान की रक्षा मंत्रालय की मीडिया शाखा ISPR ने बयान जारी कर बताया कि दोनों देशों ने रक्षा सहयोग और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर चर्चा की. बातचीत में ट्रेनिंग, सेमिनार और आपसी विजिट बढ़ाने की संभावनाओं पर भी बात हुई.
Admiral Naveed Ashraf, Chief of the Naval Staff, Pakistan Navy met Admiral M Nazmul Hassan, Chief of the Naval Staff, Bangladesh Navy in Dhaka today. The two sides discussed avenues of cooperation in the maritime domain. pic.twitter.com/bAtmgShL5Q
— Pakistan High Commission Bangladesh (@PakinBangladesh) November 9, 2025
लगातार हाई-प्रोफाइल सैन्य संपर्क
यह कोई पहली मुलाकात नहीं थी. इसके पहले पाकिस्तान के CJCSC (Joint Chiefs of Staff Committee) चेयरमैन जनरल साहिर शामशाद मिर्ज़ा भी ढाका का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात की थी. इसके अलावा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारी भी बंग्लादेश गए थे. इनमें ISI के Director General of Analysis, मेजर जनरल शाहिद आमिर अफसर शामिल थे. इससे पहले बंग्लादेश के सैन्य अधिकारियों का एक डेलीगेशन पाकिस्तान का दौरा कर चुका था. यानी मिलिट्री एंगेजमेंट एक दिशा से नहीं, दोनों तरफ से बढ़ रहा है.
सरकार बदलने के बाद रिश्ते बदले
बंग्लादेश और पाकिस्तान के संबंधों में यह बदलाव अचानक नहीं आया. यह अगस्त 2024 के बाद शुरू हुआ, जब ढाका में छात्रों द्वारा चलाए गए आंदोलन “July Uprising” में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई और अंतरिम सरकार का नेतृत्व मोहम्मद यूनुस ने संभाला. सरकार बदलते ही ढाका और इस्लामाबाद के रिश्ते तेज़ी से सुधरने लगे.
क्या पाकिस्तान बंगाल की खाड़ी में फिर से पैर जमा रहा है?
PNS SAIF का बंग्लादेश पहुंचना और पाकिस्तान नेवी चीफ़ की विजिट को विशेषज्ञ सिर्फ एक डिप्लोमैटिक कदम नहीं मान रहे हैं. रणनीतिक हलकों में इसे पाकिस्तान की “री-एंट्री” के रूप में देखा जा रहा है. बंगाल की खाड़ी भारत के पूर्वी तटीय क्षेत्र और नौसेना की रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में पाकिस्तान की मौजूदगी भारत की सुरक्षा गणना को प्रभावित कर सकती है. विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान समुद्री मोर्चे पर फिर सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है और यह भारत के पूर्वी समुद्री क्षेत्र में नए स्ट्रेटेजिक दबाव की शुरुआत हो सकती है.
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