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अमेरिका के सबसे बड़े शहर का ताकतवर मेयर, गद्दी पर बैठते ही ममदानी के हाथ में आएंगी ये पावर

NYC Mayor Powers: न्यूयॉर्क सिटी का मेयर आखिर किन चीजों पर अधिकार रखता है? पुलिस, बजट, स्कूल, हाउसिंग और ट्रांसपोर्ट. जानिए कि अमेरिका के सबसे ताकतवर शहर का मेयर कितनी शक्ति रखता है और किन मामलों में सीमित है. जानिए मेयर बनने के बाद ममदानी को क्या-क्या पावर मिलेंगी.

NYC Mayor Powers: न्यूयॉर्क दुनिया के सबसे बड़े और जटिल शहरों में से एक है. आबादी 8.5 मिलियन से अधिक, बजट कई देशों से बड़ा, और रोज़मर्रा के फैसले लाखों लोगों की जिंदगी पर सीधा असर डालते हैं. इसी वजह से न्यूयॉर्क के मेयर को अक्सर “दुनिया का सबसे शक्तिशाली मेयर” कहा जाता है. मगर असलियत इससे थोड़ी अलग है. ताकत तो बहुत है, पर सीमाएं उससे भी ज्यादा. अब इस कुर्सी पर भारतीय मूल के मुस्लिम नेता और बहुत प्रगतिशील राजनीतिज्ञ जोहरान ममदानी बैठने जा रहे हैं. 

ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कैमो और रिपब्लिकन कर्टिस स्लीवा को हराकर जीत हासिल की है. सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क आए ममदानी की पृष्ठभूमि भी दिलचस्प है. पिता महमूद ममदानी अंतरराष्ट्रीय स्तर के मार्क्सवादी विद्वान और मां मीरा नायर विश्व-प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक हैं. चुनाव अभियान में ममदानी ने बड़े वादे किए. अमीरों पर टैक्स बढ़ाने से लेकर फ्री बस सेवा और शहर द्वारा संचालित किराना स्टोर तक. लेकिन सवाल यह है कि न्यूयॉर्क का मेयर क्या सच में इतनी ताकत रखता है कि वह इन सबको पूरा कर सके? आइए समझते हैं कि अधिकार कितने और सीमाएं कितनी है.

NYC Mayor Powers: बजट पर पूरा कंट्रोल लेकिन टैक्स पर नहीं

शहर का सालाना बजट तैयार करने की जिम्मेदारी मेयर के पास होती है. यह मेयर तय करता है कि पुलिस, स्कूल, ट्रांसपोर्ट, हाउसिंग और अन्य विभागों को कितना पैसा मिलेगा. विशेषज्ञ जे.सी. पोलांको बताते हैं कि यह पद 3 लाख से अधिक कर्मचारियों और 120 अरब डॉलर से ज्यादा के बजट को संभालता है. लेकिन यहां एक बड़ी रुकावट है कि मेयर अकेले टैक्स नहीं बढ़ा सकता और न घटा सकता है. टैक्स में बदलाव के लिए स्टेट लेवल पर मंजूरी चाहिए: न्यूयॉर्क स्टेट विधानसभा, स्टेट सीनेट और गवर्नर से. इसका मतलब, बजट बनाना मेयर के हाथ में है, लेकिन पैसे लाना दूसरे के हाथ में.

मेयर नियुक्त करेगा पर फैसला नहीं बदल पाएगा

न्यूयॉर्क में लाखों घर रेंट स्टेबलाइजड हैं, यानी इन मकानों का किराया हर साल सीमित रूप में ही बढ़ सकता है. इस पर निर्णय लेता है Rent Guidelines Board (RGB). इस बोर्ड के  9 सदस्य मेयर नियुक्त करता है. लेकिन यह ताकत भी पूरी नहीं है. RGB को कानूनी रूप से आर्थिक अध्ययन करना होता है. बिल्डिंग मालिकों की लागत, खर्च और आमदनी का विश्लेषण. विशेषज्ञ पोलांको कहते हैं कि बोर्ड राजनीतिक दबाव में किराया फ्रीज नहीं कर सकता. मौजूदा उदाहरण भी है मेयर एरिक एडम्स चाहते थे कि किराया न बढ़े, लेकिन बोर्ड ने वोटिंग करके किराया बढ़ा दिया.

फ्री बसें 

ममदानी ने वादा किया था कि बस यात्रा मुफ्त कर दी जाएगी. लेकिन बस किराया तय करता है: MTA- Metropolitan Transportation Authority और MTA मेयर के नहीं, बल्कि न्यूयॉर्क स्टेट सरकार के अधीन है. सीबीएस न्यूज के अनुसार, MTA प्रमुख जैनो लिबर ने कहा है कि हम फायदा उन लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं जिनकी आय सीमित है न कि हर इलाके तक. ऊपर से MTA पहले से घाटे में है, और शहर में भीड़भाड़ मूल्य निर्धारण लागू करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में फ्री बस योजना लगभग अव्यावहारिक लगती है.

सरकारी किराना स्टोर

ममदानी चाहते हैं कि शहर कम आय वाले इलाकों में city-run grocery stores शुरू करे. लेकिन इसके लिए मंजूरी लेनी होगी सिटी काउंसिल से और यहीं दिक्कत है. हर काउंसिल सदस्य के इलाके में पहले से निजी किराना दुकानें होती हैं. कोई भी स्थानीय राजनीति अपने इलाके के दुकानदारों को नुकसान पहुंचाने का जोखिम नहीं लेना चाहेगी. इसलिए यह प्रोजेक्ट केवल पायलट स्तर तक ही सीमित रह सकता है. विशेषज्ञ पोलांको पोलांको स्पष्ट कहते हैं कि शहर द्वारा किराना स्टोर चलाए जाने की संभावना बेहद कम है. कानून बनाने की ताकत नहीं है लेकिन वीटो है. न्यूयॉर्क में कानून बनाता है सिटी काउंसिल.

सीबीएस न्यूज के अनुसार, मेयर का रोल यह है कि वह कानून पर साइन कर सकता है या उसे वीटो कर सकता है. लेकिन अगर मेयर वीटो करता है तो काउंसिल 2/3 बहुमत से उस वीटो को रद्द कर सकती है.हाल ही में मेयर एडम्स के साथ यह हुआ था. उन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स और गिग वर्कर्स से जुड़े कानूनों पर वीटो किया पर काउंसिल ने उन्हें फिर भी पास कर दिया.

मेयर की असली शक्ति 

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर की सबसे बड़ी ताकत नियुक्ति की शक्ति है. मेयर सीधे शहर के प्रमुख विभागों के प्रमुखों की नियुक्ति करता है, जिनमें शामिल हैं NYPD (पुलिस विभाग) के कमिश्नर, FDNY (फायर विभाग) के प्रमुख, और ट्रांसपोर्ट, फाइनेंस, स्मॉल बिजनेस जैसे अनेक विभागों के शीर्ष अधिकारी. इसके अलावा मेयर सैकड़ों बोर्ड और कमेटियों में सदस्यों की नियुक्ति करता है. न्यायपालिका के स्तर पर भी मेयर का प्रभाव दिखता है कि वह क्रिमिनल कोर्ट, फैमिली कोर्ट और सिविल कोर्ट के जजों की नियुक्ति कर सकता है. यानी प्रशासनिक व्यवस्था पर मेयर का सीधा और मजबूत नियंत्रण होता है.

सांस्कृतिक संस्थानों में भी प्रभाव

मेयर का प्रभाव केवल सरकारी कार्यालयों या प्रशासन तक सीमित नहीं है. कई प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्थानों जैसे मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट, लिंकन सेंटर, 9/11 मेमोरियल म्यूज़ियम, न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी के बोर्ड में मेयर स्वतः सदस्य होता है. इस वजह से कला, संस्कृति और जन-धरोहर से जुड़े फैसलों में भी मेयर की उपस्थिति और प्रभाव रहता है. यह दिखाता है कि मेयर की शक्ति सिर्फ प्रशासनिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक स्तर पर भी व्यापक है.

मेयर क्या नहीं कर सकता 

हालांकि मेयर के पास बड़ी शक्ति है, लेकिन कुछ सीमाएं स्पष्ट हैं. जैसे कि  मेयर टैक्स अपने आप नहीं बढ़ा या घटा सकता, इसके लिए राज्य की मंजूरी चाहिए. बस सेवा फ्री नहीं कर सकता, क्योंकि MTA राज्य सरकार के अधीन है और मेयर का पूरा नियंत्रण नहीं है. मेयर खुद से कानून नहीं बना सकता. कानून सिटी काउंसिल बनाती है, मेयर सिर्फ साइन या वीटो कर सकता है. काउंसिल चाहे तो मेयर के वीटो को दो-तिहाई बहुमत से उलट सकती है यानी अंतिम फैसला हमेशा मेयर के हाथ में नहीं रहता.

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Govind Jee
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गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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