26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर वकील बनीं निशा राव, सड़कों पर भीख मांगकर पूरी की पढ़ाई

इस्लामाबाद : लाहौर की रहने वाली निशा राव (Nisha Rao) आज सोशल मीडिया पर ट्रेंड में हैं. निशा राव पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर वकील (first transgender lawyer of Pakistan) बन गयी हैं. 28 साल की निशा ने काफी परेशानियां झेलकर वकालत की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के खर्च के लिए उन्हें सड़कों पर भीख भी मांगनी पड़ी. निशा की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. निशा का भी अपनी इस उपलब्धि पर काफी गर्व है. बता दें कि पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर समुदाय की हालत बेहद खराब है. निशा का सपना पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर जज बनने का है.

इस्लामाबाद : लाहौर की रहने वाली निशा राव (Nisha Rao) आज सोशल मीडिया पर ट्रेंड में हैं. निशा राव पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर वकील (first transgender lawyer of Pakistan) बन गयी हैं. 28 साल की निशा ने काफी परेशानियां झेलकर वकालत की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के खर्च के लिए उन्हें सड़कों पर भीख भी मांगनी पड़ी. निशा की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. निशा का भी अपनी इस उपलब्धि पर काफी गर्व है. बता दें कि पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर समुदाय की हालत बेहद खराब है. निशा का सपना पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर जज बनने का है.

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में ही राष्ट्रीय आईडी कार्ड पर तीसरे जेंडर की अनुमति दे दी है. उसके बावजूद इस समुदाय को वहां काफी हीन भावना से देखा जाता है. स्थानीय मीडिया से बातचीत में निशा ने अपने संघर्ष की पूरी कहानी बयां की है. निशा ने बताया है कि उनका सपना अभी पूरा नहीं हुआ है. उनका सपना जज बनने का है. उन्होंने कहा कि हमारे समुदाय को यहां जीने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में निशा ने कहा कि पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर समुदाय का जीचन काफी संघर्षों से भरा है. पाकिस्तानी संसद ने 2018 में एक कानून पास किया था, जिसमें ट्रांसजेंडर को समान नागरिक अधिकार दिये गये थे. लेकिन इसके बावजूद यहां हम जैसों के लिए जीवन आसान नहीं है. उन्होंने बताया कि खराब बर्ताव के अलावे ट्रांसजेंडर्स को यौन उत्पीड़न का शिकार भी होना पड़ता है.

Also Read: रेप पर रोक को लेकर पाकिस्तान में दो अध्यादेश को मंजूरी, कौमार्य परीक्षण पर लगी रोक, दोषी का किया जा सकता है बधियाकरण, लेकिन…

पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर्स को जीवन यापन के लिए शादियों में नाचना पड़ता है या फिर सड़कों पर भीख मांगनी पड़ती है. निशा ने बताया कि 18 साल की उम्र में वह लाहौर स्थित अपने घर से भाग गयी थीं. उनके पास जीवन बचाने के लिए भीख मांगने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. भीख में मिले पैसों से उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी की. आज उन्हें अपनी सफलता पर गर्व है और अपने समुदाय के बाकी लोगों को भी प्रेरणा दे रही हैं.

निशा कराची बार एसोसिएशन की सदस्य भी हैं और उन्हें कानूनी लाइसेंस भी मिल गया है. अब निशा का सपना जज बनने का है. इसके लिए निशा ने आगे की पढ़ाई भी शुरू कर दी है. अगर निशा जज बनती हैं तो पाकिस्तान के इतिहास में वह पहली ट्रांसजेंडर जज होंगी. निशा की सफलता पर सोशल मीडिया पर उन्हें कई जगहों से बधाइयां मिल रही हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें