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‘अमेरिका अकेला नहीं लड़ सकता…’, पूर्व विदेशी सलाहकार ने भारत को लेकर कही बड़ी बात

Mary Kissel Said America Cannot Fight China Alone: अमेरिका अकेले चीन का मुकाबला नहीं कर सकता, भारत बना अहम साथी! जानें कैसे ट्रंप की नीतियों ने भारत-यूएस संबंधों को प्रभावित किया और SCO शिखर सम्मेलन ने भू-राजनीति में नई चुनौतियां और अवसर पैदा किए.

Mary Kissel Said America Cannot Fight China Alone: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पूर्व अमेरिकी विदेश विभाग सलाहकार और चीन विशेषज्ञ मैरी किस्सेल ने कहा है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका अकेले संघर्ष नहीं कर सकता और भारत का सहयोग बेहद जरूरी है. किस्सेल ने फॉक्स न्यूज के इंटरव्यू में कहा, “अगर हम सच में कम्युनिस्ट चीन को अमेरिका और हमारी जीवन शैली के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं, तो हमें भारत की जरूरत है. यह बस एक तथ्य है. हम अकेले एशिया-प्रशांत में उनका सामना नहीं कर सकते. उनके अनुसार, अमेरिका को सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और जापान पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि भारत की भागीदारी भी बेहद महत्वपूर्ण है.

Mary Kissel Said America Cannot Fight China Alone: ट्रंप की नीतियों ने भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर किया

किस्सेल का यह बयान ऐसे समय आया है जब डोनाल्ड ट्रंप की भारत विरोधी नीतियों ने दोनों देशों के संबंधों को कई वर्षों में सबसे निचले स्तर पर ला दिया है. इन नीतियों में 50 प्रतिशत टैरिफ, कश्मीर विवाद में हस्तक्षेप, ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की निंदा और पाकिस्तान के साथ मेल-जोल शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की यह रणनीति भारत को चीन-रूस ब्लॉक के करीब धकेल सकती है.

SCO शिखर सम्मेलन और वैश्विक भू-राजनीति

हाल ही में चीन के तियांजिन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख गैर-पश्चिमी नेता शामिल हुए. इस दौरान शी जिनपिंग, व्लादिमीर पुतिन, नरेंद्र मोदी, तुर्की के रजब तैय्यब एर्दोगन और ईरान के मसूद पेजेशकियन मौजूद रहे. पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है कि SCO अब चीन नेतृत्व वाले समूह के रूप में G-7 या NATO जैसे पश्चिमी समूहों का विकल्प बनता जा रहा है.

पढ़ें: ‘ड्रैगन’ ने दिखाई तबाही की ताकत, विक्ट्री डे परेड में चीन की DF-61 से लेकर YJ-17 तक की घातक मिसाइलें देख Putin-Kim दंग

विशेषज्ञ किस्सेल ने कहा, “यह बैठक ट्रंप प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती को उजागर कर रही है.” इसी दौरान चीन ने अपना विक्ट्री डे परेड भी मनाया, जिसमें दुनिया भर के शीर्ष नेताओं का जमावड़ा रहा. परेड के दौरान चीन ने YJ-सीरीज की हाइपरसोनिक मिसाइलें, डोंग फेंग-61 (DF-61) और डोंग फेंग-31BJ जैसी परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों का प्रदर्शन कर दुनिया को अपनी ताकत का संदेश दिया.

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विशेषज्ञों की राय, मध्य शक्तियों को मौका

युसुफ उंझवाला तक्षशिला संस्थान के भू-राजनीति विशेषज्ञ ने कहा कि ट्रंप की नीतियों ने भारत-अमेरिका के दशकों पुराने विश्वास को तोड़ा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में दोनों देशों के संबंध जमे हुए हैं, जिससे क्वाड जैसी साझेदारियों पर असर पड़ेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति इंडो-पैसिफिक में मध्य शक्तियों के लिए अवसर प्रदान करती है. उनका मानना है कि भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया को एक दूसरे के करीब आना चाहिए. विशेषज्ञों और अमेरिकी पूर्व सलाहकारों की राय यह स्पष्ट करती है कि चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने में भारत की भूमिका निर्णायक होगी.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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