Iran drought and flash flood: प्रकृति जितनी दयावान है, उतनी ही क्रूरता भी वही दिखाती है. ईरान के मामले में यह पूरी तरह साफ नजर आता है. पहाड़ों, नदियों और हरियाली से भरे इस देश में रेगिस्तान भी हैं. इस देश की राजधानी ही पानी की कमी से जूझ रही है. लेकिन वहां से बस कुछ ही सौ किलोमीटर पर बाढ़ आ गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें शाहरेक हेजरानी गांव की सड़कों पर तेज रफ्तार से बाढ़ का पानी बहता दिखाई दे रहा है. गांव की सड़क पर खड़ी कई गाड़ियां आंशिक रूप से पानी में डूबी हुई दिख रही हैं.
ईरान के इलाम प्रांत के अबदानान में स्थित शाहरेक हेजरानी गांव में भारी बारिश के कारण भीषण बाढ़ आ गई. अबदानान के गवर्नर ने पुष्टि की कि क्राइसिस मैनेजमेंट मुख्यालय की इमरजेंसी टीमें मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं, क्योंकि बाढ़ का पानी 40 परिवारों के घरों में घुस गया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पानी तेज धारा के साथ सड़कों पर बह रहा है, कुछ वाहन आधे पानी में डूब गए हैं, और कई घरों में भी पानी घुसता हुआ नजर आ रहा है.
वहीं एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पश्चिमी ईरान के मरिवान में बारिश के कारण सड़कों पर पानी की बड़ी धार दिखाई दे रही है. प्रेस टीवी एक्स्ट्रा की ओर से साझा किए गए वीडियो में लोग पानी से भरी सड़क पर गाड़ी चलाते दिख रहे हैं. यह ईरान के लिए राहत की ही बात है, क्योंकि बीते दिनों से राजधानी तेहरान पानी की भयंकर कमी से जूझ रहा है. देखें वीडियो
ईरान में ‘क्लाउड-सीडिंग’
ईरानी अधिकारियों ने देश में दशकों की सबसे भयानक सूखे से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का प्रयास किया था. IRNA की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को उर्मिया झील बेसिन में क्लाउड-सीडिंग की प्रक्रिया पूरी की गई. उर्मिया ईरान की सबसे बड़ी झील है, लेकिन यह अब लगभग सूख चुकी है और वहां सिर्फ विशाल नमक का मैदान बचा है. एजेंसी के मुताबिक आगे की कार्रवाई पूर्वी और पश्चिमी अजरबैजान में जारी रहेगी. कम वर्षा और खाली होते जलाशयों के कारण यह कृत्रिम बारिश की गई.
इसी तरह का एक तुलनात्मक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें पहले पानी से लबालब नदी दिखती है, उसके बाद पूरी तरह से सूखी जमीन नजर आ रही है. देखें-
पिछले हफ्ते राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने चेतावनी दी थी कि अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो तेहरान में पानी की राशनिंग शुरू करनी पड़ सकती है. यहां तक कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की नौबत भी आ सकती है. ईरान की मौसम एजेंसी के अनुसार इस साल देश में औसत के मुकाबले करीब 89% कम वर्षा दर्ज की गई है. अधिकारियों ने कहा कि यह पिछले पचास वर्षों में सबसे सूखी शरद ऋतु है.
सरकार ने घरों और व्यवसायों द्वारा अत्यधिक पानी के उपयोग पर दंड लगाने की भी तैयारी की है. ईरान के नेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट एंड ड्रॉट क्राइसिस मैनेजमेंट के प्रमुख अहमद वजीफेह ने बताया कि तेहरान, पश्चिम अजरबैजान, पूर्वी अजरबैजान और मार्कजी के जलाशय गंभीर स्थिति में हैं, जहां जल स्तर एकल अंकों तक पहुंच गया है. शुक्रवार को, बारिश की प्रार्थना के लिए सैकड़ों लोग तेहरान की एक मस्जिद में इकट्ठा हुए.
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