21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सऊदी अरब तभी ले पाएगा F-35 फाइटर जेट, जब ये शर्त पूरी होगी… इजरायल ने रख दी डिमांड, क्या इस अड़चन को मानेंगे ट्रंप?

US-Saudi Arab F-35 Fighter Jet Deal Israel conditions: सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं. इस दौरे पर किंगडम और US के बीच F-35 फाइटर जेट सौदा होने की पूरी संभावना है. लेकिन इसी बीच इजरायल ने इस सौदे पर एक शर्त रख दी है.

US-Saudi Arab F-35 Fighter Jet Deal Israel conditions: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सप्ताह सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से होने वाली मुलाकात को लेकर खासे उत्साहित और तैयार दिखाई दे रहे हैं. क्राउन प्रिंस जल्द ही अमेरिका की यात्रा पर पहुंचने वाले हैं, और इस दौरे को भव्य बनाने के लिए व्हाइट हाउस में विशेष तैयारियां की जा रही हैं. क्राउन प्रिंस लगभग सात साल बाद अमेरिका की जमीन पर कदम रखने जा रहे हैं. यह विशेष दौरा गाजा युद्ध की समाप्ति के बाद हो रही है, जहां उनके सम्मान में सुबह एक औपचारिक स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा, जबकि शाम को एक शाही डिनर रखा गया है. इस दौरे पर सऊदी अरब के F-35 लड़ाकू विमान खरीदने की भी संभावना है. लेकिन इजरायल ने इसमें एक अड़ंगा लगा दिया है. 

ट्रंप की उत्सुकता का कारण

ट्रंप लंबे समय से सऊदी अरब के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. फ्लोरिडा के लिए रवाना होते समय ट्रंप ने कहा कि यह सिर्फ एक साधारण मुलाकात नहीं होगी, बल्कि सऊदी अरब और उसके क्राउन प्रिंस को सम्मान देने का अवसर है. दोनों नेताओं के बीच बैठक मंगलवार को तय है.  उनकी कोशिश है कि रियाद, इजराइल के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताए, जो ट्रंप के प्रमुख अब्राहम समझौतों की श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि होगी. ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान ही यह परवान चढ़ रही थी. इसमें थोड़ा समय लगा, लेकिन हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को किया गया आतंकी हमला इस पर पलीता लगा गया. फिलहाल सऊदी नेतृत्व द्वारा इस दिशा में कोई स्पष्ट सकारात्मक संकेत नहीं दिया गया है, लेकिन ट्रंप को उम्मीद है कि देश जल्द ही इन समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकता है. उन्होंने कहा, “अब्राहम समझौते हमारी बातचीत का अहम हिस्सा होंगे. मेरी आशा है कि सऊदी अरब भी जल्द इसमें शामिल होगा.”

F-35 फाइटर जेट डील पर क्या हैं इजरायल की समस्याएं?

इस दौरे पर सऊदी और अमेरिका के बीच F-35 फाइटर जेट की डील होने की संभावना है. हालांकि, इजरायल का कहना है कि अगर सऊदी अरब इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करता है, तभी अमेरिका द्वारा उसे F-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री का समर्थन किया जाएगा. इजरायल ने इस सौदे को क्षेत्रीय सुरक्षा और अब्राहम समझौतों से जोड़ते हुए संकेत दिया है कि वह पड़ोसी देशों को F-35 मिलने को लेकर सावधान रहता है, क्योंकि इससे उसकी सैन्य बढ़त को चुनौती मिल सकती है. इजरायल लंबे समय से इस बात को लेकर सतर्क रहा है कि मध्य पूर्व के अन्य देश F-35 जैसे उन्नत लड़ाकू विमान हासिल न करें, क्योंकि इससे उसकी क्वालिटेटिव मिलिट्री एज, यानी सैन्य तकनीकी बढ़त कमजोर हो सकती है. वर्तमान में, इजरायल मध्य पूर्व का एकमात्र देश है जिसके पास F-35 हैं. उसके पास 45 विमान सक्रिय सेवा में हैं और 30 और ऑर्डर पर हैं.

सऊदी अरब से इजरायल की नजदीकी, तुर्की और यहूदी अस्तित्व को खतरा

अक्सिओस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल सऊदी अरब के F-35 हासिल करने को तुर्किये जैसे देशों से अलग नजरिए से देखता है, क्योंकि तुर्किये ने इन विमानों की मांग मुख्यतः इजरायल के खिलाफ सैन्य संतुलन बढ़ाने के लिए की थी. अक्सिओस की रिपोर्ट में, एक अधिकारी के अनुसार यदि इस बिक्री को कूटनीतिक प्रगति से नहीं जोड़ा गया, तो यह उल्टा प्रभाव डालने वाला कदम साबित होगा. वहीं दूसरे अधिकारी ने कहा कि तुर्किये के विपरीत, इजरायल को सऊदी अरब के F-35 खरीदने पर उतनी चिंता नहीं है, अगर यह अब्राहम समझौतों के तहत क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग का हिस्सा बनता है, जैसा कि संयुक्त अरब अमीरात के मामले में हुआ. एक अधिकारी ने यह भी कहा कि “सऊदी अरब से इजरायल तक F-35 को उड़ान भरने में सिर्फ कुछ मिनट लगते हैं,” इसलिए यदि यह डील होती है तो इन विमानों को सऊदी अरब के पश्चिमी हिस्सों में तैनात नहीं किया जाना चाहिए.

अंतिम बार 2018 में पहुंचे थे क्राउन प्रिंस

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पिछली बार 2018 में वॉशिंगटन आए थे. उसी साल तुर्की स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास के भीतर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी विवाद खड़ा कर दिया था. बाद में जारी CIA की रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह कार्रवाई प्रिंस के निर्देश पर की गई थी, हालांकि उन्होंने इस आरोप से पूरी तरह इनकार किया है.

ट्रंप ने की थी रिश्ते सुधारने की शुरुआत

अब जब वह दोबारा अमेरिका आ रहे हैं, तो इसे दोनों देशों के रिश्तों में आई दरार को लगभग भरने का संकेत माना जा रहा है. इससे पहले अपने दूसरे कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप इस साल मई में पहली विदेश यात्रा पर सऊदी अरब गए थे, जहां उनका अभूतपूर्व स्वागत किया गया. उनकी यात्रा से पहले सऊदी अरब ने अमेरिका में 600 अरब डॉलर के बड़े निवेश का ऐलान किया था, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और गहरे होने की उम्मीद है.

ट्रंप की खुशी- जेट खरीदेगा सऊदी अरब

शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह सऊदी अरब को लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित F-35 स्टील्थ जेट बेचने की डील पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “वे बहुत सारे जेट खरीदना चाहते हैं. मैं इस पर विचार कर रहा हूँ. उन्होंने मुझसे इसे देखने को कहा है. वे काफी संख्या में F-35 खरीदना चाहते हैं, बल्कि उससे भी अधिक लड़ाकू विमान चाहते हैं.” सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की व्हाइट हाउस की यात्रा के दौरान आर्थिक और रक्षा समझौते, F-35 डील और सऊदी अरब के अब्राहम समझौतों में शामिल होने की संभावना पर चर्चा होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें:-

सऊदी अरब में भयानक हादसा, आग का गोला बनी बस, उमराह के लिए गए 42 भारतीयों की मौत की आशंका

जापान में ज्वालामुखी का जलजला, 4.4 किलो मीटर तक उठा लावा का धुआं, देखें विस्फोट का खतरनाक वीडियो

न्यूयॉर्क को बर्बाद कर देगा ये मूर्ख कम्युनिस्ट, एंजेलीना जोली के पिता का जोहरान ममदानी पर तीखा हमला, ट्रंप को लेकर कही ये बात

Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel