Indonesia Mosque Blast: शुक्रवार की दोपहर इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में लोग हमेशा की तरह जुमे की नमाज अदा कर रहे थे. मस्जिद के अंदर शांति थी. लेकिन कुछ ही सेकंड में माहौल बदल गया. एक तेज धमाका हुआ, धुआं उठा और लोग चीखते हुए बाहर भागने लगे. यह घटना इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के एक स्कूल कॉम्प्लेक्स के अंदर बनी मस्जिद में हुई. हादसे के बाद पूरा परिसर अफरा-तफरी में बदल गया.
54 लोग घायल, कई की हालत गंभीर
रॉयटर्स के अनुसार, शहर के पुलिस प्रमुख आसेप एदी सुहेरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि धमाके के बाद कुल 54 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायलों को मामूली और गंभीर दोनों तरह की चोटें आई हैं. कई लोगों के शरीर पर जलने के निशान भी मिले हैं. डॉक्टर्स की टीम लगातार इलाज में लगी हुई है और घायलों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. पुलिस ने मस्जिद को सील कर दिया है और धमाके की वजह की जांच कर रही है
❗️Explosion Rocks Mosque Inside Jakarta School Complex
— RT_India (@RT_India_news) November 7, 2025
At least 54 people, including children and teachers, were injured after an explosion tore through a mosque inside a school complex in North Jakarta during Friday prayers, according to police.
The blast occurred within a… pic.twitter.com/uu1kmbY0e6
VIDEO: The large dome of a grand mosque in Indonesia's capital Jakarta collapses after a major fire razed the structure, without causing any casualties pic.twitter.com/U2yTSmadNF
— AFP News Agency (@AFP) October 20, 2022
मस्जिद में दो धमाके हुए थे
अंतरा, इंडोनेशिया की सरकारी न्यूज एजेंसी, ने डिप्टी चीफ सिक्योरिटी मिनिस्टर लोडेविक फ्रेडरिक के हवाले से बताया कि मस्जिद में दो धमाके हुए थे. काले कपड़ों में पुलिसकर्मी, हाथों में असॉल्ट राइफल लिए, परिसर के लोहे के गेट के बाहर तैनात थे. सड़क पर एम्बुलेंस और पुलिस की बख्तरबंद गाड़ियां खड़ी दिखाई दीं. यह पूरा परिसर उत्तरी जकार्ता के एक घनी आबादी वाले इलाके में है और ज्यादातर जमीन नौसेना (नेवी) की है. इस इलाके में कई सैन्य अधिकारी और सेवानिवृत्त अधिकारी रहते हैं. अब तक यह साफ नहीं है कि धमाका दुर्घटना थी या किसी साजिश का हिस्सा. इंडोनेशिया में पहले चर्चों और कुछ पश्चिमी ठिकानों को निशाना बनाने वाली घटनाएं हुई हैं, लेकिन मस्जिदों पर हमले की घटनाएं बहुत दुर्लभ रही हैं. पिछले कुछ वर्षों में कट्टरपंथी गतिविधियों को काफी हद तक रोका गया है.
यह भी पढ़ें:
रूस में 19 दिन से लापता भारतीय छात्र अजित सिंह चौधरी का शव डैम से बरामद, परिवार में पसरा मातम

