India china dispute, india china clash: कोरोना संकट काल में सीमा विवाद को लेकर भारत से उलझे चीन को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीन में हो रही कार्रवाई को लेकर चीन को सजा देने वाला बिल पास किया है. इसके तहत उइगर मुस्लिमों पर सर्विलांस करने वाले और उन्हें डिटेंशन सेंटरों में डालने वाले अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. माना जा रहा है कि इस दिशा में चीन के खिलाफ किसी देश का उठाया यह सबसे कड़ा कदम है.
अब और आक्रमक होंगे ट्रंप
कोरोना वायरस के चलते चीन और अमेरिका पहले से ही आमने-सामने हैं. इसी बीच अमेरिका के एक कदम से चीन और भड़क सकता है. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 27 मई को उइगुर मुस्लिमों का उत्पीड़न करने के जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को भारी बहुमत से मंजूरी दी थी. राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद उइगर मानवाधिकार नीति अधिनियम 2020 अब अस्तित्व में आ गया है. एचटी के मुताबिक, अमेरिका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने कहा कि अमेरिकी राष्टपति ने निजी बातचीत में इस मुद्दे के अब आक्रमक ढंग से उठाने के लिए कहा है.
उइगर कार्यकर्ताओं को खुशी
उइगर मानवाधिकार नीति अधिनियम 2020 को अमेरिकी कांग्रेस के पक्ष और विपक्ष यानी डेमोक्रेट्स और रिपबलिकन, दोनों का समर्थन मिला हुआ है. इस विधेयक को ट्रंप ने बिना किसी समारोह के अपनी मंजूरी दी. उइगर कार्यकर्ताओं को ट्रंप के इस कदम के बाद काफी ज्यादा खुशी मिली है. रिपोर्ट के अनुसार यह बिल चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगुर और अन्य मुस्लिम समूहों के दमन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान करता है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को हिरासत में लिया गया है.
अमेरिका-चीन में बढ़ेगा तनाव!
बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोनो वायरस महामारी के लिए लगातार चीन को दोषी ठहरा रहे हैं. माना जा रहा है कि उइगुर मुस्लिमों से संबंधित यह कानून चीन और अमेरिका के बीच और भी ज्यादा तनाव बढ़ा सकता है. उइगुर मुस्लिमों को लेकर बने इस कानून पर अमेरिका और चीन के बीच विवाद और गहराने की संभावना है. चीन जहां इसे अपने संप्रभुता का उल्लंघन बताएगा वहीं अमेरिका इसे मानवाधिकारों से जोड़कर उठाया गया कदम बता रहा है. चीन और अमेरिका के बीच पहले से ही ट्रेड वॉर, साउथ चाइना सी और कोरोना वायरस को लेकर जांच पर विवाद है.
पाकिस्तान की बढ़ी मुसीबत
उइगुर मुसलमानों को लेकर अमेरिका में बने इस कानून को लेकर इमरान खान के लिए मुसीबत बन सकती है. इमरान न तो इस बिल का खुलकर विरोध करेंगे और न ही समर्थन. बता दें कि उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर आज तक पाकिस्तान से कोई विरोध सामने नहीं आया है. पाकिस्तान को आर्थिक और सैन्य मदद के लिए चीन की जरूरत है जबकि चीन को भी भारत को घेरने के लिए आए दिन पाकिस्तान की मदद लेनी पड़ती है. वहीं, इमरान खान यह भी नहीं चाहेंगे कि वह अमेरिका के कानून का विरोध करें क्योंकि वहां से भी पाकिस्तान को भारी-भरकम मदद मिल रही है.
उइगर कौन हैं ?
इस्लाम को मानने वाले उइगर समुदाय के लोग चीन के सबसे बड़े और पश्चिमी क्षेत्र शिंजियांग प्रांत में रहते हैं. इस प्रांत की सीमा मंगोलिया और रूस सहित आठ देशों के साथ मिलती है. तुर्क मूल के उइगर मुसलमानों की इस क्षेत्र में आबादी एक करोड़ से ऊपर है. इस क्षेत्र में उनकी आबादी बहुसंख्यक थी. लेकिन जब से इस क्षेत्र में चीनी समुदाय हान की संख्या बढ़ी है और सेना की तैनाती हुई है तब से यह स्थिति बदल गई है.बीते कुछ समय के दौरान इस क्षेत्र में हान चीनियों की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी हुई है.इस क्षेत्र में हान चीनियों और उइगरों के बीच टकराव की खबरें आती रहती हैं. इस क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों की धार्मिक स्वतंत्रता पर भी सरकार ने अंकुश लगा रखा है. 2014 में शिनजियांग की सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों के रोजा रखने और मुस्लिम नागरिकों के दाढ़ी बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी थी. 2014 में ही राष्ट्रपति जिनपिंग के सख्त आदेशों के बाद यहां की कई मस्जिदें और मदसों के भवन ढहा दिए गए.
Posted By: Utpal kant