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कौन हैं ‘फिलिस्तीन का नेल्सन मंडेला’, जिसकी रिहाई को लेकर हमास इजराइल से अड़ा, गाजा शांति समझौते पर छाया संकट!

Gaza Peace Deal: गाजा शांति समझौते में बड़ा ड्रामा! हमास की शर्त, मारवान बरगौती की रिहाई, नेतन्याहू का इनकार, फिलिस्तीनी राजनीति में एक नया टकराव देखने को मिल रहा है.

Gaza Peace Deal: गाजा में शांति समझौते की बातें अंतिम चरण में हैं, लेकिन रास्ता आसान नहीं. हमास ने स्पष्ट किया है कि समझौते का हिस्सा बनने के लिए उन्हें चार प्रमुख कैदियों की रिहाई चाहिए मारवान बरगौती, अहमद सआदत, इब्राहिम हमीद और अब्बास अल-सईद. इनमें सबसे हाई-प्रोफाइल नाम मारवान बरगौती है, जो फिलहाल इजराइल की जेल में पांच आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. फिलिस्तीनी गुटों ने कई मौकों पर, मौजूदा संघर्ष के दौरान भी, उनकी रिहाई के प्रयास किए, लेकिन इजराइल ने लगातार इनकार किया. अगस्त में उनके बेटे अरब बरगौती ने सीएनएन को बताया था कि नेतन्याहू उनके पिता को रिहा नहीं करना चाहते क्योंकि वे “शांति के लिए एक साथी नहीं चाहते”.

Gaza Peace Deal: मारवान बरगौती- किशोरावस्था में ही राजनीति शुरू की थी

बरगौती की राजनीतिक यात्रा बेहद लंबी और विवादित रही है. उन्होंने किशोरावस्था में ही सक्रिय राजनीति शुरू की थी. कई लोग उन्हें “फिलिस्तीनी नेल्सन मंडेला” कहते हैं और उन्हें ऐसे नेता के रूप में देखते हैं जो फिलिस्तीनी लोगों को एकजुट कर आजादी की राह पर ले जाने में सक्षम हैं. 15 साल की उम्र में तत्कालीन प्रतिबंधित फतह पार्टी में शामिल होने के कारण उन्हें चार साल जेल काटना पड़ा. जेल से रिहाई के बाद उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान का अध्ययन किया और आगे चलकर कब्जे वाले पश्चिमी तट में फतह के महासचिव और फिलिस्तीनी विधान परिषद के सदस्य बने.

अप्रैल 2002 में, ऑपरेशन डिफेंसिव शील्ड के दौरान रामल्लाह में गिरफ्तार किया गया. जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, उन्हें हत्या के पांच मामलों और अन्य आरोपों में दोषी ठहराया गया, और वे आज भी पांच आजीवन और अतिरिक्त वर्षों की सजा काट रहे हैं. इजराइल उन्हें अपने सबसे हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों में से एक मानता है.

राजनीतिक महत्व और समर्थन

बरगौती को रामल्लाह में लंबे समय तक प्रवेश पर प्रतिबंध रहा, लेकिन 1994 में ओस्लो समझौते के बाद उन्हें लौटने की अनुमति मिली. वे फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के संभावित उत्तराधिकारी माने जाते हैं और फिलिस्तीनियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनका समर्थन फिलिस्तीनियों को एकजुट करने वाले नेता के रूप में है और वे लंबे समय से दो-राज्य समाधान के पक्षधर रहे हैं.

बरगौती को उनके परिवार और कैदियों के समाज के अनुसार, वर्तमान गाजा युद्ध के बाद से एकांत कारावास में रखा गया है. उनकी आखिरी सार्वजनिक झलक इजराइली सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर द्वारा जारी एक संक्षिप्त वीडियो में मिली, जिसमें उन्हें जेल में ताना मारते हुए देखा गया. 

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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