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FinCEN Files: अमेरिका के रडार पर दाऊद इब्राहिम का मुख्य फाइनेंसर, आतंकी संगठनों को करता था करोड़ों की फंडिंग

FinCEN Files, money laundering: अमेरिकी सरकार की रेगुलेटरी एजेंसी फाइनेंशियल क्राइम्स एन्फोर्समेंट नेटवर्क ( फिनसेन ) की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई मामलों के दस्तावेज लीक हो गए हैं.लीक दस्तावेजों से कई बड़े खुलासे हुए हैं. इसी खुलासे के तहत आतंकी दाऊद इब्राहिम के बारे में भी नई जानकारियां सामने आईं हैं. पता चला है कि उसका पाकिस्तानी फाइनेंसर किस तरह से मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल था.

FinCEN Files, money laundering: अमेरिकी सरकार की रेगुलेटरी एजेंसी फाइनेंशियल क्राइम्स एन्फोर्समेंट नेटवर्क ( फिनसेन ) की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई मामलों के दस्तावेज लीक हो गए हैं.लीक दस्तावेजों से कई बड़े खुलासे हुए हैं. इसी खुलासे के तहत आतंकी दाऊद इब्राहिम के बारे में भी नई जानकारियां सामने आईं हैं. पता चला है कि उसका पाकिस्तानी फाइनेंसर किस तरह से मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल था. यह पूरा जाल पाकिस्तानी नागरिक अल्ताफ खानानी ने बुना हुआ था जो आतंकी संगठनों का पैसा इधर से उधर करता था.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल्ताफ खानानी पर सबसे पहले शक स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक की शिकायत के बाद हुआ था. उसके बाद अल्ताफ का नाम फिनसेन की संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट (एसएआर) में शामिल किया गया. लीक दस्तावेज़ में आठ करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी सामने आई है. इस बात से पर्दा बैंक की संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट्स के चलते हटा है. इसे फिनसेन फाइल कहा जा रहा है.

अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, खनानी इस नेटवर्क के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम समेत कई आतंकी संगठनों को फाइनेंस कर रहा है. इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट के बैनर तले 88 देशों के 109 मीडिया संस्थानों ने फिनसेन फाइल्स में दर्ज इन दस्तावेज़ों को हासिल कर लिया है. अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस एसएआर में खनानी के मनी लॉन्ड्रिंग ऑर्गनाइजेशन (एमएलओ) और अल जरोनी एक्सचेंज के लेनदेन की जानकारी हैं.

कई वर्षों तक खनानी ने इसके जरिए अनुमानित रूप से 14 बिलियन से 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर ड्रग्स कार्टेल और अल-कायदा, हिजबुल और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों को ट्रांसफर किए. बता दें कि अल्ताफ को 2015 में पनामा एयरपोर्ट से गिरफ्तार भी किया गया था. फिर जुलाई 2020 में उसे अमेरिकी इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को सौंपा गया था. फिलहाल साफ नहीं है कि वह पाकिस्तान में है या फिर उसे यूएई भेजा गया.

अल्ताफ के दाऊद से भी कनेक्शन हैं इसका पता भी अमेरिका ने लगाया था. फिर यूएस ऑफिस ऑफ फॉरन एसेट कंट्रोल ने उसपर कई पाबंदियां लगाई थीं.बाद में अल्ताफ से जुड़ी कई और संस्थाओं पर पाबंदियां लगाई गई थीं. इसमें दुबई की मजाका जनरल ट्रेडिंग शामिल थी. मजाका कंपनी ने दिल्ली की रंगोली इंटरनैशनल प्राइवेट लिमिटिड से भी व्यापार किया था. यह कंपनी वैसे तो कपड़ों का व्यापार करती है. इनकी 70 लेन-देन पर शक था. हालांकि, रंगोली कंपनी फिलहाल ऐसी किसी लेन-देन से इनकार कर रही है.

उसका यह भी कहना है कि मजाका ये उसने व्यापार ही नहीं किया. बता दें कि अमेरिकी नियामक फिनसेन ने संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट नाम से गुप्त दस्तावेज तैयार करता है. इसमें 1999 से 2017 के बीच की 2,121 संदिग्ध गतिविधियों का जिक्र है. इनके जरिए 2.099 ट्रिलियन डॉलर का संदिग्ध लेनदेन हुआ.जब किसी बैंक को किसी लेन-देन पर शक होता है. तो वह इसकी शिकायत शिकायत फिनसेन से करता है.

Posted By: Utpal kant

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