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Email-Photo Delete Order: ईमेल-फोटो डिलीट करने की चेतावनी, जानें क्यों इस देश ने जारी किया बड़ा फरमान

Email-Photo Delete Order: इस देश में दशकों में सबसे गंभीर सूखा, पानी बचाने के लिए सरकार ने होजपाइप बैन के साथ पुराने ईमेल और फोटो डिलीट करने की अपील की. जानें AI और डेटा सेंटर का पानी पर प्रभाव और पारंपरिक उपाय.

Email-Photo Delete Order: यूनाइटेड किंगडम में इंग्लैंड के कई हिस्सों में सूखा गहराता जा रहा है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-जुलाई 2025 का समय 1976 के बाद का सबसे शुष्क रहा. यॉर्कशायर, मर्सीसाइड, ग्रेटर मैनचेस्टर, ईस्ट और वेस्ट मिडलैंड्स जैसे क्षेत्र गंभीर सूखा झेल रहे हैं. अगस्त तक चार लू और तेज गर्मी ने जल संकट और बढ़ा दिया है.

Email-Photo Delete Order In UK: सरकार की कार्रवाई और होजपाइप बैन

पानी की बचत के लिए Yorkshire Water, Thames Water और अन्य नेटवर्क में पाइप से पानी खर्च करने पर रोक लगी है. नेशनल ड्रॉट ग्रुप ने जनता से सहयोग की अपील की है. पर्यावरण एजेंसी की अधिकारी हेलेन वेकहम ने कहा, “साधारण कदम जैसे नल बंद करना या पुराने ईमेल डिलीट करना भी इस सामूहिक प्रयास में मदद करता है.”

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डिजिटल डेटा का पानी पर प्रभाव

हर ऑनलाइन ईमेल, फोटो और फाइल को स्टोर करने में ऊर्जा खर्च होती है, जो पानी की खपत से जुड़ी होती है. ऑक्सफोर्ड की स्टडी के अनुसार, 1 मेगावॉट डेटा सेंटर सालाना लगभग 2.6 करोड़ लीटर पानी ठंडा करने में इस्तेमाल करता है. बिजली उत्पादन में भी भारी मात्रा में पानी लगता है.

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UK Water Crisis 2025 in Hindi: AI और डेटा सेंटर का दबाव

AI सिस्टम की बढ़ती मांग और नए डेटा सेंटरों की वजह से बिजली और पानी का दबाव और बढ़ गया है. अमेरिका में मेटा का डेटा सेंटर स्थानीय पानी की खपत का 10% अकेले इस्तेमाल करता है. ब्रिटेन में भी बड़े डेटा सेंटर की योजना जल और ऊर्जा संकट की चिंता बढ़ा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि ईमेल डिलीट करने से पानी बचत नगण्य है. फिर भी सरकार इसे जागरूकता का कदम मान रही है.

लोगों को लीक टॉयलेट ठीक करना, वर्षा जल संचयन, छोटे शॉवर, नल बंद करना और लॉन पर पानी कम खर्च करने की सलाह दी जा रही है. पानी कंपनियां अगले 5 साल में £700 मिलियन निवेश कर लीकेज कम करने की योजना बना रही हैं. सिवर्न ट्रेंट क्षेत्र में पानी की मांग में 20% कमी दर्ज की गई. ब्रिटेन का जल संकट सिर्फ घरेलू खपत तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल आदतों और टेक्नोलॉजी से भी गहराई से जुड़ा है.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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