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Bilawal Bhutto in US : जैश को खत्म करो, हिंदुओं को सुरक्षा दो, बिलावल भुट्टो  को अमेरिका ने दिया टास्क

Bilawal Bhutto in US : पाकिस्तान में ईसाई, हिंदू और अहमदी समुदायों को बिना हिंसा, भेदभाव या असमान न्याय के डर के अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने की आजादी मिलनी चाहिए. इन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से भाग लेने की पूरी अनुमति मिलनी चाहिए. यह बात अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने कही है.

Bilawal Bhutto in US : भारत की नकल करना पाकिस्तान को महंबा पड़ गया. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में अमेरिका पहुंचे पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को वहां शर्मिंदगी झेलनी पड़ी जिससे पाकिस्तान की थू–थू होने लगी है. दरअसल, अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने उन्हें साफ और सख्त मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है. शर्मन ने खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को खत्म करने की बात कही, जिसने 2002 में पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या की थी. भुट्टो के सामने अमेरिका का रुख बेहद स्पष्ट नजर आया.

पत्रकार डैनियल पर्ल का मर्डर कर दिया था आतंकियों ने

अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को आतंकवाद, खासकर जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की अहमियत बताई. उन्होंने कहा कि यह वही संगठन है जिसने मेरे निर्वाचन क्षेत्र के निवासी पत्रकार डैनियल पर्ल का मर्डर कर दिया था, जिनके परिवार वाले आज भी वहीं रहते हैं. पाकिस्तान को इस आतंकी संगठन को खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाने की जरूरत है.

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अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने एक्स पर क्या लिखा

यही नहीं ब्रैड शर्मन ने पाकिस्तान में ईसाई, हिंदू और अहमदी समुदायों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इन्हें बिना हिंसा, भेदभाव या असमान न्याय के डर के अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए.

बिलावल भुट्टो और शशि थरूर की टीम थी वॉशिंगटन में

यहां खास बात यह है कि जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो अमेरिका दौरे पर थे, उसी समय भारत से शशि थरूर के नेतृत्व में एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भी वॉशिंगटन में ही था. भारत का यह प्रतिनिधिमंडल “ऑपरेशन सिंदूर” और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की जानकारी अमेरिकी अधिकारियों को दे रहा था. भुट्टो ने न्यूयॉर्क में UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सुरक्षा परिषद के राजदूतों से मुलाकात की. इसके बाद फिर वॉशिंगटन जाकर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें उलटा आतंकवाद खत्म करने का निर्देश मिल गया.

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