Bangladesh Election Awami League: अंतरराष्ट्रीय दबाव और घरेलू सियासी उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग को लेकर अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है. अमेरिका के कई सांसदों द्वारा ‘समावेशी चुनाव’ कराने की अपील के ठीक एक दिन बाद ढाका ने साफ संदेश दे दिया है. अंतरिम सरकार ने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध बरकरार रहेगा और पार्टी को 12 फरवरी 2026 के आम चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बुधवार (24 दिसंबर, 2025) को विदेश सेवा अकादमी में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने दो टूक कहा, “अवामी लीग को लेकर हमारा रुख बिल्कुल साफ है.” उनके इस बयान ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आगामी फरवरी 2026 के चुनाव में पार्टी की भागीदारी की कोई गुंजाइश नहीं है. आलम के बयान के साथ ही अंतरिम प्रशासन की नीति पूरी तरह सामने आ गई है. बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में यह 1971 के बाद पहली बार होगा, जब अवामी लीग को चुनावी मैदान से बाहर रखा जाएगा.
कब की थी प्रतिबंध की घोषणा
गौरतलब है कि अंतरिम सरकार ने 11 मई 2025 को अवामी लीग की सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. इससे पहले, अक्टूबर 2024 में पार्टी के प्रभावशाली छात्र संगठन छात्र लीग पर भी पाबंदी लगाई गई थी. हालात तब और सख्त हो गए, जब 17 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल को मौत की सजा सुनाई, जिससे पार्टी की राजनीतिक गतिविधियां लगभग ठप हो गईं.
बीते महीनों में अंतरिम सरकार बार-बार यह संकेत देती रही है कि ‘भगोड़े’ करार दिए गए किसी भी व्यक्ति को 12 फरवरी 2026 को प्रस्तावित चुनाव में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय नेताओं और संस्थाओं की प्रतिक्रिया के बीच यह पहली बार है, जब सरकार ने अवामी लीग को लेकर अपनी नीति को खुले तौर पर और स्पष्ट शब्दों में रखा है.
अमेरिकी सांसदों ने जाहिर की थी चिंता
इसी बीच, पांच अमेरिकी सांसदों ने मंगलवार (23 दिसंबर) को मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर चुनावी प्रक्रिया से अवामी लीग को बाहर रखने पर चिंता जताई थी. इसमें हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के वरिष्ठ सदस्य ग्रेगरी मीक्स, दक्षिण और मध्य एशिया उपसमिति के अध्यक्ष बिल ह्यूइजेंगा शामिल हैं. उसी उपसमिति की रैंकिंग सदस्य सिडनी कामलागर-डोव और कांग्रेस सदस्य जूली जॉनसन इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शफीकुल आलम ने कहा कि उन्होंने वह पत्र नहीं देखा है और कहा, “मुझे इस पत्र की कोई जानकारी नहीं है.”
तारिक रहमान की हो रही वापसी
इससे पहले शेख हसीना भी भारतीय मीडिया को दिए गए अपने लिखित साक्षात्कारों में यह चेतावनी दे चुकी हैं कि यदि उनकी पार्टी को चुनाव लड़ने से रोका गया, तो अवामी लीग समर्थक मतदान प्रक्रिया से दूरी बनाए रखेंगे. इसी बीच बांग्लादेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की चीफ खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की 17 साल बाद वतन वापसी हो रही है. ऐसे में कुछ हद तक यह साफ हो रहा है कि चुनावी रंग में बीएनपी पूरी ताकत से उतरेगी. हालांकि हिंसा के माहौल में बांग्लादेश जल रहा है. बीते दिनों छात्र नेता और इकलाब मंचो के संस्थापक उस्मान हादी की मौत के बाद मीडिया को निशाना बनाया गया.
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