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सूर्य का CME क्या है, जिसने Airbus को घुटनों पर ला दिया, 6000 A320 हवाई जहाजों की रुकी उड़ान

Airbus 320 grounded due to CME: एयरबस ने अपने A320 विमानों को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट के लिए वापस बुलाया है. एयरबस के आधिकारिक बयान के अनुसार, तीव्र सौर विकिरण (Coronal Mass Ejection) उड़ान नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कंप्यूटर में घुसपैठ कर डेटा को प्रभावित कर सकता है. यह कंप्यूटर विमान के नोज एंगल और पिच को नियंत्रित करने वाली प्रणाली के लिए बेहद जरूरी होता है.

Airbus 320 grounded due to CME: दुनिया की एविएशन इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है. विश्व में सबसे अधिक उड़ान भरने वाली जेट सीरीज Airbus A320 में एक गंभीर तकनीकी दिक्कत सामने आई है. इसकी वजह से एयरबस ने दुनिया भर में उड़ान परिचालन में शामिल लगभग 6,000 A320 परिवार के विमानों की तत्काल मरम्मत के आदेश जारी कर दिए हैं. इसका सीधा असर दुनियाभर की उड़ानों पर पड़ रहा है. कई फ्लाइटें रद्द हो गईं, कई घंटों की देरी से चलीं और एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भारी भीड़ और अव्यवस्था देखने को मिली. इसे अब तक का सबसे बड़ा एविएशन रिकॉल बताया जा रहा है. भारत में एयर इंडिया और इंडिगो ने अपने यात्रियों से माफी मांगी हैं, साथ ही एडवाइजरी जारी की है. वहीं एयर न्यूजीलैंड ने तो यात्रियों को 12 महीने का किराया क्रेडिट दे दिया है. पश्चिमी देशों में यह समय वीकेंड और छुट्टियों का है, ऐसे में समस्या और भी बढ़ सकती है. 

एयरबस के आधिकारिक बयान के अनुसार, तीव्र सौर विकिरण (Coronal Mass Ejection) उड़ान नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कंप्यूटर में घुसपैठ कर डेटा को प्रभावित कर सकता है. यह कंप्यूटर विमान के नोज एंगल और पिच को नियंत्रित करने वाली प्रणाली के लिए बेहद जरूरी होता है. रेडिएशन के कारण इसमें गलत इनपुट जाने की संभावना बन रही थी, जिससे उड़ान के दौरान विमान अचानक असामान्य व्यवहार कर सकता था. एयरबस ने कहा कि उसने वर्तमान में सेवा में मौजूद ए320 फैमिली के बड़ी संख्या में ऐसे विमान पहचाने हैं जो इससे प्रभावित हो सकते हैं. एयरबस ने चेतावनी दी कि यह गंभीर सुरक्षा जोखिम है और इसे तुरंत दुरुस्त किए बिना उड़ान सुरक्षित नहीं होगी. इसी वजह से 6,000 विमानों में तत्काल सॉफ्टवेयर अपग्रेड या हार्डवेयर रिप्लेसमेंट जरूरी कर दिया गया है.

बयान में कहा गया कि एयरबस ने विमानन प्राधिकरणों के साथ मिलकर तुरंत सावधानी बरतने के लिए ऑपरेटरों से एक अलर्ट ऑपरेटर्स ट्रांसमिशन (AOT) के जरिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. यह कदम उपलब्ध सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सुरक्षा को लागू करने और बेड़े की उड़ान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. एयरबस ने बताया कि यह AOT यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) के इमरजेंसी एयरवर्थिनेस डायरेक्टिव में भी शामिल किया जाएगा. EASA ने आदेश दिया है कि खामी दूर किए बिना कोई भी विमान यात्रियों को नहीं ले जा सकता. अब इस रोक के बाद American Airlines, IndiGo, Air India / Air India Express, Avianca (कोलंबिया), EasyJet (UK), Air New Zealand, Lufthansa, Wizz Air (जर्मनी) यानी दुनिया भर में इससे समस्या पैदा होनी तय है.  

खामी का खुलासा कैसे हुआ?

यह बड़ी खामी JetBlue की एक फ्लाइट में सामने आई, जो 30 अक्टूबर को मेक्सिको से अमेरिका जा रही थी. उड़ान के बीच विमान अचानक स्वयं ऊँचाई खोने लगा. पायलट को मजबूरन टाम्पा में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. जांच में पता चला कि तेज सौर विकिरण ने ELAC (Elevator Aileron Computer) नामक कंप्यूटर के डेटा को खराब कर दिया था. यह वही सिस्टम है जो पायलट के कमांड को विमान के पिच/नोज तक पहुंचाता है. इस घटना के बाद एयरबस और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. 

सौर विकिरण क्या होता है और यह विमान को कैसे नुकसान पहुँचा सकता है?

सूर्य लगातार तीव्र ऊर्जा, कण और रेडिएशन अंतरिक्ष में छोड़ता रहता है, जिन्हें सामूहिक रूप से सोलर रेडिएशन कहा जाता है. सामान्य परिस्थितियों में पृथ्वी का वातावरण इन्हें काफी हद तक रोक लेता है, लेकिन जब सूर्य पर बड़े विस्फोट (Solar Flares) या Coronal Mass Ejection (CME) जैसी घटनाएँ होती हैं, तो भारी मात्रा में चार्ज्ड पार्टिकल पृथ्वी तक पहुँच जाते हैं. ये कण- सैटेलाइट, GPS सिस्टम, रेडियो कम्युनिकेशन और विमान के कंट्रोल कंप्यूटर तक को बाधित कर सकते हैं. यदि ऐसी स्थिति में कंप्यूटर गलत डेटा पढ़ ले, तो विमान की उड़ान पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है.

कौन-सी उड़ानें सबसे ज्यादा जोखिम में रहती हैं?

पूर्व कैप्टन और सोलर रेडिएशन विशेषज्ञ डॉ. इयान गेटली के अनुसार गंभीर CME की स्थिति में 28,000 फीट (लगभग 8.5 किमी) से ऊपर उड़ान भरने वाले विमान और उनके इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम सीधे प्रभावित हो सकते हैं. BBC की एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि CME के चार्ज्ड कण जब वातावरण में प्रवेश करते हैं, तो ऊपरी हवा में एक इलेक्ट्रॉनिक शोर पैदा करते हैं, जो नेविगेशन और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. डॉ. गेटली ने बताया कि 2003 में अपनी एक उड़ान के दौरान उन्होंने खुद इस तरह की तकनीकी विसंगतियाँ महसूस की थीं, जिसके बाद उन्होंने इस विषय पर विस्तृत शोध किया.

सौर विकिरण का असर एयरबस A320 फैमिली पर ही क्यों दिख रहा है?

Airbus A320 सीरीज में खतरा उसके एक मुख्य कंप्यूटर ELAC (Elevator and Aileron Computer) के कुछ पुराने सॉफ्टवेयर संस्करणों से जुड़ा है. जिन विमान मॉडलों में L104 या इससे पुराने वर्जन इंस्टॉल हैं, उनमें तीव्र सौर विकिरण के कारण कंप्यूटर डेटा में गड़बड़ी (Data Corruption) की संभावना पाई गई है. यह गड़बड़ी कभी-कभी विमान के एलीवेटर में अनचाहे मूवमेंट पैदा कर सकती है, जिससे नोज अनियंत्रित रूप से नीचे झुक सकता है. हालांकि ऑटोपायलट इसे सामान्य स्थिति में ठीक कर सकता है, लेकिन खराब मौसम या अन्य असामान्य परिस्थितियों में यह जोखिम काफी बढ़ जाता है. ऐसे में यह समस्या संरचनात्मक सुरक्षा की नहीं, बल्कि सिस्टम-लेवल कंप्यूटिंग त्रुटि की है, इसलिए इसका समाधान सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट से ही संभव है.

क्या इससे पहले भी सौर विकिरण से फ्लाइट संचालन प्रभावित हुआ है?

इससे पहले भी कॉस्मिक और सौर विकिरण से जुड़ी घटनाएँ कई बार रिकॉर्ड की गई हैं. 2008 में Qantas Flight 72, जो Airbus A330 द्वारा संचालित थी, बेहद चर्चित घटना रही. उड़ान के दौरान विमान अचानक दो बार तेजी से नीचे की ओर झटका (Severe Pitch-Down) खाया, जिसमें 100 से अधिक लोग घायल हो गए. जांच में पाया गया कि एयर डेटा इनर्शियल रेफरेंस यूनिट में संभवतः एक कॉस्मिक-रे-इंड्यूस्ड बिट फ्लिप की वजह से कंप्यूटर ने गलत डेटा पढ़ा था. इस घटना के बाद ग्लोबल एविएशन सेफ्टी में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए. इसके बाद Boeing 737 MAX के रीसर्टिफिकेशन के दौरान यह पता चला था कि रेडिएशन के कारण कंप्यूटर की मेमोरी में बदलाव कर पायलट के नियंत्रण को प्रभावित कर सकता है. यानी कि, रेडिएशन-इंड्यूस्ड कंप्यूटर एरर दुर्लभ होने के बावजूद पहले भी बड़ी घटनाओं का कारण बन चुके हैं.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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