वाशिंगटन : प्रतिष्ठित स्मिथसनियन संग्रहालय ने योग के इतिहास पर विश्व की पहली प्रदर्शनी लगाने का फैसला किया है जो विश्व में योग के महत्व के प्रति बढ़ते आकर्षण का प्रतीक है.
‘योगा: द आर्ट ऑफ ट्रासंफॉर्मेशन’ नाम की यह प्रदर्शनी 19 अक्तूबर से स्मिथसनियन की अर्थर एम सैकलर गैलरी में शुरु होगी. इसमें योग के 2000 साल पुराने इतिहास को दर्शाया जाएगा.
प्रदर्शनी 26 जनवरी तक चलेगी जिसमें योग के दर्शन और शरीर को चुस्त दुरुस्त बनाने तथा चेतना को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका दिखेगी. प्रदर्शनी में विविध धार्मिक और धर्मनिरपेक्षता से जुड़ा इसका महत्व भी दिखेगा. इसके अलावा योग के जरिए समाज में योगियों और मनीषियों द्वारा निभाई गई भूमिका की झलक भी दिखाई देगी.
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि स्मिथसनियन प्रदर्शनी के लिए वित्तीय सहायता जुटाने के उद्देश्य से 29 मई को पहला बड़ा अभियान शुरु कर रहा है.
प्रदर्शनी में पत्थर और कांस्य की 90 प्रतिमाएं, पांडुलिपियां और तीसरी सदी से लेकर 19वीं सदी के शुरु तक के काल की शानदार पेंटिंग्स भी होंगी. भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग योग पर इस प्रदर्शनी में और भी बहुत सी जानकारियां होंगी.