वाशिंगटन : कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी हस्तक्षेप संबंधी प्रयासों को लेकर ओबामा प्रशासन द्वारा झिडके जाने के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि उसने कभी ऐसी कोई ‘मांग’ नहीं की है और उसने इस मामले पर अमेरिकियों को केवल अपनी इच्छा से अवगत कराया है. पाकिस्तान के निवर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, ‘उन्होंने (प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने) कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि (भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर पर) द्विपक्षीय वार्ता काम नहीं कर रही है. हम तीसरे पक्ष की मध्यस्थता चाहते हैं लेकिन हमने इस संबंध में अमेरिका से मांग नहीं की है.’
अजीज पाकिस्तानी मीडिया के साथ बात करते हुए अमेरिका द्वारा दिये गये उस बयान संबंधी प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे जिसमें अमेरिका ने कहा था कि वह तब तक मध्यस्थता के कोई प्रयास नहीं करेगा, जब तक भारत और पाकिस्तान दोनों इसके लिए आग्रह नहीं करते हैं. अजीज ने इन खबरों का खंडन किया कि पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के आपसी विवादों को सुलझाने के लिए अमेरिका से ‘मध्यस्थता करने की मांग’ की है.
उन्होंने कहा, ‘शिमला समझौते के तहत यह निर्णय लिया गया था कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय रूप से अपने विवाद सुलझाएंगे. इस प्रकार की द्विपक्षीय वार्ताओं से पिछले 40 वर्षों में कोई परिणाम नहीं निकला है. तो फिर इसका समाधान कैसे निकलेगा?’अजीज ने कहा, ‘शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा था कि द्विपक्षीय प्रक्रिया काम नहीं कर रही है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दोनों देशों के बीच बढते तनाव और नियंत्रण रेखा पर बढती गोलीबारी पर ध्यान देना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘यह केवल कश्मीर का मुद्दा नहीं है, यह क्षेत्रीय सुरक्षा को भी खतरा है.’
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कश्मीर मसले पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में अंतरराष्ट्रीय दबाव हो सकता है.’ अजीज ने दावा किया कि शरीफ ने अमेरिकी मध्यस्थता के बारे में कभी नहीं कहा. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में हमारी चिंताओं पर ध्यान देते हुए कहा है कि कश्मीर विवाद को सुलझाये जाने की आवश्यकता है.’
अजीज ने कहा कि संयुक्त बयान में कश्मीर और इसके समाधान का जिक्र एक बहुत अहम घटनाक्रम है. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘संयुक्त बयान में कश्मीर को एक मुद्दा नहीं बल्कि विवाद बताया गया है. यह अहम है क्योंकि अमेरिका ने इस बयान में इस बात पर सहमति जतायी है कि कश्मीर एक विवाद है. पहले यह एक मुद्दा था. यह भारत के लिए एक अहम संकेत है.’