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अमेरिका ने मोदी सरकार से सहिष्णुता के आदर्शों को हकीकत में बदलने को कहा

वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दादरी हत्याकांड की पृष्ठभूमि में सांप्रदायिक सद्भाव का आह्वान किये जाने के बीच अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी मामलों के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका मोदी सरकार को देशभर में ‘सहिष्णुता और विनम्रता” के आदर्शो को अमली जामा पहनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी. कुछ दिन पहले […]

वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दादरी हत्याकांड की पृष्ठभूमि में सांप्रदायिक सद्भाव का आह्वान किये जाने के बीच अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी मामलों के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका मोदी सरकार को देशभर में ‘सहिष्णुता और विनम्रता” के आदर्शो को अमली जामा पहनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी. कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने दादरी में गौमांस का सेवन करने की अफवाह के चलते एक व्यक्ति को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डालने की घटना की पृष्ठभूमि में सांप्रदायिक सौहार्द का आह्वान किया था.

‘यूएस एम्बैस्डर-एट-लाफार्ज फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम’ डेविड सैपरस्टीन ने बताया ‘गौमांस को लेकर हुई घटनाओं के संबंध में विवाद होने के बाद प्रधानमंत्री ने विभिन्न समुदायों के बीच विनम्रता एवं सहिष्णुता का आह्वान किया था. हम इन आदर्शों को देश भर में हकीकत में तब्दील करने के लिए प्रधानमंत्री को और सरकार को प्रोत्साहित करेंगे.’ सैपरस्टीन से वर्ष 2014 के लिए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर विदेश मंत्रालय द्वारा कांग्रेस की सालना रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद संवाददाताओं ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में सवाल पूछे थे. रिपोर्ट में भारत वाले प्रखंड में 26 मई 2014 तक संप्रग सरकार के शासन का जिक्र है.

इसमें कहा गया है कि वर्ष 2014 में भारत में धर्म को लेकर हत्या, गिरफ्तारी, दंगे और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाएं हुईं और कुछ मामलों में पुलिस सांप्रदायिक हिंसा से कारगर तरीके से निपटने में नाकाम रही. सैपरस्टीन से खास तौर पर मोदी सरकार के शासन में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में पूछा गया. इस पर उनका जवाब था ‘हम आकलन नहीं करते, सिर्फ तथ्यों को पेश करते हैं. मैं कहना चाहूंगा कि हम रिपोर्ट को उसका पक्ष खुद रखने दें.’ बहरहाल अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा जनवरी में नयी दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता के महत्व पर दिये गये भाषण का संदर्भ दिया.

सैपरस्टीन ने कहा ‘अमेरिका के राष्ट्रपति जब वहां गए थे तो उन्होंने धर्म के कारण देश में बिखराव को देखते हुए इसे नजरअंदाज करने की जरुरत पर जोर दिया था.’ उन्होंने यह भी कहा कि देश के कल्याण के लिए इन समस्याओं का हल निकालने की जरुरत है. अमेरिकी राजनयिक ने कहा ‘‘हम भारत सरकार से उन स्थितियों को दूर करने की खातिर कदम उठाने के लिए कहते रहेंगे जिनके चलते हिंसा होती है. हम ऐसे कदम उठाने के लिए भी उनसे कहते रहेंगे कि प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय जिनकी कुछ क्षेत्रों में संवेदनशील स्थिति है? उनकी सुरक्षा हो.’

दादरी की घटना की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह देश में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की वकालत करते हुए कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों को साझा शत्रु ‘गरीबी’ से मुकाबला करने के लिए मिलजुलकर काम करना चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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