संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया रोडा डालते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से शिकायत करते हुए यह आरोप लगाया है कि भारत वैश्विक निकाय के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा पर एक दीवार के निर्माण की योजना बना रहा है.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रुसी राजदूत विताली चर्किन को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि भारत जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान के बीच स्थित 197 किलोमीटर लंबी कामकाजी सीमा पर 10 मीटर उंचा और 135 फुट चौडा पुश्ता (दीवार) बनाने की योजना बना रहा है. पाकिस्तान के अनुसार दीवार की योजना इसलिए बनायी गई है ताकि नियंत्रण रेखा को ‘‘एक अर्ध अंतरराष्ट्रीय सीमा’ में तब्दील किया जा सके.
भारत ने कथित दीवार की योजना के आरोप पर तत्काल कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं जतायी है लेकिन लोधी की ओर से क्रमश: चार सितम्बर और नौ सितम्बर को लिखे गए दो पत्रों की सामग्री को ‘‘विरोधाभासी’ बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत इन दावों का ‘‘एक उचित समय पर’ जवाब देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ यहां वाल्डोर्फ एस्टोरिया होटल में रुके हुए हैं लेकिन लोधी के पत्रों में पाकिस्तान का जो रुख झलकता है उससे यह प्रतीत होता है कि इसने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर दोनों देशों के नेताओं के बीच किसी बैठक की संभावना को और कम कर दिया है.
नौ सितम्बर तिथि वाले पत्र में लोधी ने हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के एक ‘‘बयान’ के आधार पर कथित दीवार को लेकर ‘‘गहरी चिंता’ जतायी. सलाहुद्दीन को स्वरुप ने ‘‘वैश्विक आतंकवादी’ करार दिया. स्वरुप ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि दूसरा पत्र (नौ सितम्बर की तिथि वाला) सलाहुद्दीन के किसी बयान पर आधारित है. वह ऐसा व्यक्ति है जिसे हम एक वैश्विक आतंकवादी मानते हैं. हम उचित समय पर इसका जवाब देंगे.
‘ चार सितम्बर की तिथि वाले पहले पत्र में कहा गया है कि कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई है. स्वरुप ने इसका खंडन करते हुए कहा कि बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच बैठक पहले ही हो चुकी है. स्वरुप ने कहा, ‘‘इसलिए वह पत्र अपने आप में विरोधाभासी है कि कोई वार्ता नहीं हुई है. बातचीत हुई है.’ उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र की ओर से क्या इन पत्रों पर कोई कदम उठाया गया है. यह पहला सवाल है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से यदि कदम उठाया जाता है हम उचित जवाब देंगे.
यदि संयुक्त राष्ट्र की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता है तब इसका मतलब यह होगा कि पत्रों का किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया है.’ पत्र में लोधी ने कहा है कि पाकिस्तान ‘‘पुश्ते को एक स्थायी ढांचा मानता है जो सुरक्षा परिषद के वर्ष 1948 के प्रस्ताव का उल्लंघन करते हुए क्षेत्र में एक भौतिक बदलाव लाएगा.’ लोधी ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर राज्य अंतरराष्ट्रीय रुप से मान्य विवादित क्षेत्र है और जम्मू-कश्मीर के आधिकारिक दर्जे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्ताव अभी लागू नहीं हुए हैं.’