वियनतेन: भारत और लाओस ने आज अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई और एक हवाई सेवा समझौते पर दस्तखत किये. इससे पहले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आसियान देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करने के लिए लाओस के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत की.
किसी भारतीय उपराष्ट्रपति की यह पहली लाओस यात्रा है. कल यहां दो दिवसीय यात्रा पर आए अंसारी ने राष्ट्रपति भवन में लाओस के उपराष्ट्रपति बोनहांग वोराचित से मुलाकात की और इसके बाद दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता संपन्न हुई. बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने दो सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जिनमें से एक ‘‘त्वरित प्रभाव परियोजनाओं ” से संबंधित है जबकि दूसरा दोनों देशों की विमानन सेवाओं को दोनों के बीच सीधे उडान संचालन करने की अनुमति देने वाले हवाई सेवा समझौते से जुडा है.
विदेश मंत्रालय में सचिव :पूर्व: अनिल वाधवा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत और लाओ के बीच वायु सेवा समझौत एक अहम घटनाक्रम है क्योंकि हमारे पास भारत और लाओ पीडीआर के बीच सीधी उडानें शुरु करने के लिए औपचारिक दस्तावेज के तौर पर कुछ नहीं था।” उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बौद्ध सर्किट और खासतौर पर बोधगया और नई दिल्ली जाना चाहने वाले लाओस के यात्रियों की ओर से इसकी अधिक मांग थी.
आने वाले दिनों में लाओ की विमानन सेवाएं संभावनाओं पर गंभीरता से विचार करेंगी। हम भविष्य में अपनी एयरलाइन्स के साथ भी इस बारे में संभावनाएं तलाशेंगे।” वाधवा ने कहा कि भारत इस पर केवल एयर इंडिया के साथ नहीं बल्कि निजी विमानन सेवाओं के साथ काम करने के बारे में भी विचार करेगा.दूसरा एमओयू मेकांग गंगा सहयोग के तहत ‘त्वरित प्रभाव परियोजनाओं’ पर एक प्रमुख समझौता है. इनमें से प्रत्येक परियोजना 50,000 डॉलर की है.