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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में स्मारक के लिए दिया 260,000 डॉलर का योगदान
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने अटलांटिक महासागर पार, दास व्यापार और गुलामी प्रथा के शिकार हुए लोगों की याद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बनाये गए एक स्थायी स्मारक के लिए 260,000 डॉलर का योगदान दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और महासभा के अध्यक्ष सेम कुटेसा ने कल आर्क ऑफ रिटर्न का […]
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने अटलांटिक महासागर पार, दास व्यापार और गुलामी प्रथा के शिकार हुए लोगों की याद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बनाये गए एक स्थायी स्मारक के लिए 260,000 डॉलर का योगदान दिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और महासभा के अध्यक्ष सेम कुटेसा ने कल आर्क ऑफ रिटर्न का उद्घाटन किया. इस साल महिला और दासता की थीम के साथ दासता के शिकारों और अटलांटिक पार दास व्यापार की याद में 25 मार्च को अंतरराष्ट्रीय दिवस पर स्मारक का उद्घाटन हुआ.
अमेरिकी वास्तुविद रोडनी लिओन द्वारा डिजाइन किये गए इस स्मारक का मकसद दास व्यापार की त्रासद परंपरा को रेखांकित करना है, जिसके कारण चार सदियों तक 1.5 करोड अफ्रीकी मानवाधिकारों से वंचित हुए और उनके सम्मान को चोट पहुंची.
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत अशोक मुखर्जी ने कहा, भारत का स्थायी मेमोरियल ट्रस्ट फंड को 260,000 डॉलर का स्वैच्छिक योगदान नस्ली भेदभाव और दास व्यापार खत्म करने के मकसद से लगातार जारी हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है.
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