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यौन उत्पीडन के आरोपों से घिरे पचौरी ने आईपीसीसी प्रमुख का पद छोडा, टेरी से छुट्टी ली

नैरोबी,नयी दिल्ली: यौन उत्पीडन के आरोपों से घिरे आर के पचौरी ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठित अन्तर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष का पद छोड दिया और संगठन की यहां चल रही बैठक में भाग नहीं लिया.इस बीच भारत के गैरसरकारी संगठन टेरी, पचौरी जिसके प्रमुख है, ने भी कहा है कि […]

नैरोबी,नयी दिल्ली: यौन उत्पीडन के आरोपों से घिरे आर के पचौरी ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठित अन्तर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष का पद छोड दिया और संगठन की यहां चल रही बैठक में भाग नहीं लिया.इस बीच भारत के गैरसरकारी संगठन टेरी, पचौरी जिसके प्रमुख है, ने भी कहा है कि पचौरी फिलहाल छुट्टी पर हैं, लेकिन ऐसा करने के कारण का खुलासा नहीं किया है.पचौरी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को भेजे अपने पत्र में बिना कोई वजह बताए और इस तथ्य का खुलासा किए बिना कि टेरी की एक महिला कर्मचारी ने उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस के पास यौन उत्पीडन की शिकायत दर्ज कराई है, कहा कि उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने के कुछ माह पहले आईपीसीसी के अध्यक्ष का पद छोडने का फैसला किया है.

वह पिछले 13 वर्ष से इस पद पर थे और उनके इस पद पर रहने के दौरान ही संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनका कार्यकाल अक्तूबर में समाप्त होने वाला था.बान को लिखे पत्र में पचौरी ने कहा, ‘‘आईपीसीसी को निकट भविष्य में अध्यक्ष के रुप में पूरे समय, मजबूत नेतृत्व और पूरी तवज्जो की जरुरत है और मौजूदा हालात में मैं शायद ऐसा नहीं कर पाउंगा, क्योंकि मैं संगठन के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करने के लिए इस सप्ताह नैरोबी आने में भी असमर्थ हूं.’’ पचौरी ने लिखा, ‘‘मैंने इसलिए अपना कार्यकाल समाप्त होने से कुछ माह पहले आईपीसीसी के अध्यक्ष के अपने पद से हटने का फैसला किया है. यह 24 फरवरी 2015 से प्रभावी होगा.

जलवायु से जुडे मामलों पर अनुकरणीय कार्य के लिए वर्ष 2007 में अमेरिका के उप राष्ट्रपति अल गोर के साथ नोबेल शांति पुरस्कार साझा करने वाले 74 वर्षीय पचौरी टेरी के भी प्रमुख हैं, जिसकी एक महिला कर्मचारी ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर यौन उत्पीडन का आरोप लगाया है.

पचौरी के इस्तीफे के बारे में आईपीसीसी के आज से यहां शुरु हुए तीन दिवसीय सम्मेलन में जानकारी दी गई. दिल्ली की एक अदालत ने कल पचौरी को 26 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम छूट दे दी थी.पचौरी ने बान को भेजे अपने पत्र में दावा किया कि वह आईपीसीसी के अध्यक्ष का दायित्व पिछले वर्ष नवंबर में कोपेनहेगन में ही छोडना चाहते थे, लेकिन उनके करीबी मित्रों और सहयोगियों ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी और कहा कि दुनियाभर में संगठन के लिए उनके प्रयासों को देखते हुए उन्हें इस पद पर बने रहना चाहिए.

पिछले सप्ताह पचौरी ने आईपीसीसी के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करने के लिए नैरोबी जाने में असमर्थता प्रकट की थी. इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ छेडछाड और यौन उत्पीडन का मामला दर्ज किया था.आईपीसीसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन पर अन्तर सरकारी पैनल के ब्यूरो ने मंगलवार को अपनी प्रक्रिया के अनुरुप उपाध्यक्ष इस्माइल इल गिजौली को संगठन का कार्यवाहक प्रमुख बनाने का फैसला किया.’’ इसके अनुसार, ‘‘राजेन्द्र के पचौरी द्वारा आईपीसीसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद गिजौली को नया पदभार सौंपने का फैसला आज से प्रभावी होगा.’’

ब्यूरो की बैठक का आयोजन करने वाले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक अचिम स्टीनर ने कहा, ‘‘आज किए गए फैसले यह सुनिश्चित करेंगे कि जलवायु परिवर्तन का आकलन करने का आईपीसीसी का मिशन निर्बाध चलता रहे.’’ स्टीनर ने कहा, ‘‘हम इस सप्ताह नैरोबी में उपयोगी सत्र के प्रति आशान्वित हैं.’’ आईपीसीसी प्रमुख सहित नये ब्यूरो का चुनाव अक्तूबर 2015 में होने वाले आईपीसीसी के 42वें सत्र में होने का कार्यक्रम पहले से ही तय है. विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई.

पचौरी दो बार इस पैनल के प्रमुख रहे. उन्हें अप्रैल 2002 में पहली बार अध्यक्ष बनाया गया. आईपीसीसी के प्रमुख के रुप में उनका दूसरा कार्यकाल अक्तूबर में समाप्त होने वाला था.पचौरी के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान ही संगठन को 2007 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया.

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