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जानिये बढ़ती अर्थव्यवस्था की क्या कीमत चुका रहा है चीन

बीजिंग/नयी दिल्लीः चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है. इस बढ़ते अर्थव्यवस्था की कीमत चीन को प्रदूषण के बढ़ते दायरे में आकर चुकानी पड़ रही है. भारत की अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर की है और चीन की 9 ट्रिलियन डालर की. चीन दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है के […]

बीजिंग/नयी दिल्लीः चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है. इस बढ़ते अर्थव्यवस्था
की कीमत चीन को प्रदूषण के बढ़ते दायरे में आकर चुकानी पड़ रही है. भारत की अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर की है और चीन की 9 ट्रिलियन डालर की. चीन दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है के साथ-साथ. एक आर्थिक महाशक्ति है . मानव इतिहास में इतनी तेजी से इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने कभी गरीबी से अमीरी का सफर तय नहीं किया है . 1981 से 2013 के बीच 68 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला.
चीन में लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा बड़े शहर आज प्रदूषण को नियंत्रण करने में असफल रहे हैं. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए चीन कई कदम उठाता रहा है जिसमें लगभग 53 लाख कारों को सड़कों पर आने से रोकने का फैसला हो या प्रदूषण के नियंत्रण के मद्देनजर समय समय पर लिये गये फैसले लेकिन बढ़ते कारखानों के दम पर अर्थव्यवस्था को तेजी देने की रणनीति उन्हें भारी पड़ती रही. पर 2013 के मुकाबले चीन प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में सफलता की ओर बढ़ता दिख रहा है.
चीन के 74 शहरों में सिर्फ आठ शहर ऐसे हैं जो प्रदूषण के राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरे. चीन प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. इसके लिए निम्न स्तर के औधोगिक क्षमता वाली कंपनियों को कम करने और कोयला के इस्तेमाल में कमी लाने की दिशा में भी काम कर रहा है.
बीजिंग उन दस शहरों में नहीं है जो सबसे प्रदूषित शहरों में गिने जाते हैं और उन 10 शहरों में भी नहीं जो प्रदूषणमुक्त शहरों में गिने जाते हैं. बीजिंग प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मुख्य रूप से वायु प्रदूषण के नियंत्रण की दिशा में कदम उठा रहा है. पिछले साल बीजिंग में 45 दिन ऐसे थे जिसे सबसे ज्यादा प्रदूषित दिनों में गिना जाता है. सबसे ज्यादा प्रदूषित दिनों के कारणों का पता लगाने पर जानकारी मिली की चीन के पड़ोसी क्षेत्रों से प्रदूषण हुआ.
उपरोक्त जानकारी से स्पष्ट है कि हालांकि चीन की अर्थव्यवस्था आज तेजी से बढ रही है लेकिन उसके साथ-साथ वहां प्रदूषण भी बढ रहे हैं. अगर चीन अपनी बढती अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ विश्व की सबसे बडी समस्या प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयास भी नहीं करती तो हो सकता है कि भविष्य में उसे इससे भी भयंकर कीमत चुकानी पडेगी.
सबसे अच्छी हवा की गुणवत्ता के साथ 10 शहर
1 हाइको, दक्षिण चीन के हैनान प्रांत की राजधानी शहर
2 ज़ौशान पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत
3 ल्हासा, दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी शहर
4 शेन्ज़ेन, दक्षिण चीन गुआंग्डोंग प्रांत
5 जुहाई दक्षिण चीन गुआंग्डोंग प्रांत
6 हुजू, दक्षिण चीन गुआंग्डोंग प्रांत
7 फ़ूज़ौ, पूर्वी चीन के फ़ुज़ियान प्रांत की राजधानी शहर
8 ज़ियामेन, पूर्वी चीन के फ़ुज़ियान प्रांत
9 कुनमिंग, दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी शहर
10 जोंगशान दक्षिण चीन गुआंग्डोंग प्रांत
सबसे खराब हवा की गुणवत्ता के साथ 10 शहर
1 पाओटिंग, उत्तरी चीन के हेबई प्रांत
2 जिंगशाई, उत्तरी चीन के हेबई प्रांत
3 शीज़ीयाज़ूआंग, उत्तरी चीन के हेबई प्रांत
4 तांगशान, उत्तरी चीन के हेबई प्रांत
5 हान्डान, उत्तरी चीन के हेबई प्रांत
6 हेंगशुई, उत्तरी चीन के हेबईप्रांत
7 जिनान, पूर्वी चीन के शेडोंग प्रांत
8 लैंगफैंग, उत्तरी चीन के हेबई प्रांत
9 झेंग्झौ, उत्तरी चीन के हेनान प्रांत
10 तिआनजिन
Prabhat Khabar Digital Desk
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