बीजिंग: चीन की नयी बडी पहलों जैसे कि रेशम मार्ग और समुद्री रेशम मार्ग पर भारत के कथित ‘‘स्पष्ट रुख’’ नहीं दर्शाने की निंदा करते हुए चीन के एक सरकारी थिंक टैंक ने आज कहा कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में सुधार लाने के बजाय भारत अभी भी उनके विकास की क्षमता को लेकर घबराया हुआ है.
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थिंक टैंक ने कहा , चीन के विकास को लेकर अभी भी घबराया हुआ है भारत
बीजिंग: चीन की नयी बडी पहलों जैसे कि रेशम मार्ग और समुद्री रेशम मार्ग पर भारत के कथित ‘‘स्पष्ट रुख’’ नहीं दर्शाने की निंदा करते हुए चीन के एक सरकारी थिंक टैंक ने आज कहा कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में सुधार लाने के बजाय भारत अभी भी उनके विकास की क्षमता को लेकर घबराया हुआ […]
आज ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में शंघाई इंस्टीट्यूट्स फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के एक शोधार्थी के हवाले से लिखा, ‘‘बीजिंग के ‘‘वन बेल्ट एंड वन रोड’’ जैसी पहल पर स्पष्ट रुख दिखाने के बजाय भारत केवल भारत-चीन-बांग्लादेश-म्यांमा आर्थिक गलियारा (बीसीआईएम) पर अध्ययन में रुचि दिखा रहा है.’’ चीन के मुताबिक, बीसीआईएम मध्य एशिया के जरिए चीन और यूरोप को जोडने वाली तथा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए प्रमुख रेशम मार्ग सहित कई सिल्क मार्गों का हिस्सा है. इसके अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 21वीं सदी के समुद्री रेशम मार्ग का भी प्रस्ताव रखा जिसके लिए भारत ने विस्तृत जानकारी की मांग की है.
चीन ने अभी तक इन सारी पहलों के लिए अंतिम ब्लू प्रिंट तैयार नहीं किया है बावजूद इसके शी ने इनके लिए 40 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि की घोषणा कर दी है और श्रीलंका तथा मालदीव सहित कई देशों ने समुद्री रेशम मार्ग परियोजना का समर्थन किया है.
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