बर्लिन : अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने वाशिंगटन और न्यूयार्क स्थित यूरोपीय संघ के दूतावासों तथा कार्यालयों की जासूसी की थी तथा ब्रसेल्स में उसके कार्यालय के कम्यूटर नेटवर्क को भी निशाना बनाया था. एक मीडिया में रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. यूरोपीय संघ के नेताओं ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए अमेरिका से स्पष्टीकरण की मांग की है. जर्मनी की मशहूर समाचार साप्ताहिक पत्रिका ‘डेर स्पेगल’ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक किए गए एनएसए के सितंबर, 2010 के गोपनीय दस्तावेजों के अनुसार इस एजेंसी ने वाशिंगटन और न्यूयार्क में यूरोपीय संघ के कार्यालयों की जासूसी की योजना बनाई और इसके कम्यूटर नेटवर्क तक पहुंच कायम की.’’
इसमें कहा गया, ‘‘इससे एनएसए ने न सिर्फ यूरोपीय संघ के दूतावासों में हो रही बातचीत को सुनने में कामयाबी हासिल की, बल्कि इसके कम्यूटर के दस्तावेजों और ईमेल पर भी नजर रखी.’’ पत्रिका का कहना है, ‘‘पांच साल पहले एनएसए ने ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संघ के मुख्यालय की इमारत ‘जेसतर लिपसियस बिल्डिंग’ के कम्यूटर और टेलीफोन नेटवर्क में घुसपैठ तथा जासूसी की योजना बनाई.’’यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के कार्यालय इसी इमारत में हैं और इस निकाय के उच्च स्तर की बैठकें भी यहीं होती हैं.
यूरोपीय संसद के अध्यक्ष मार्टिन शुल्ज ने इस खुलासे पर कहा, ‘‘मैं इन आरोपों को लेकर सकते में और चिंतित हूं. अगर ये बातें सच साबित हुईं तो इसका संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.’’उन्होंने अमेरिकी सरकार से इस पर पूरा स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि वह यूरोपीय अधिकारियों को इस बारे में प्रासंगिक सूचना मुहैया कराए. एनएसए के पूर्व कांट्रैक्टर स्नोडेन द्वारा दस्तावेज लीक किए जाने के बाद अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जासूसी कार्यक्रम का भंडाफोड़ हुआ था. इस खुलासे के बाद वह अमेरिका से भाग गए और फिलहाल मास्को के हवाई अड्डे पर हैं. वह इक्वाडोर में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं.