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चीन कर रही है दक्षिण चीन सागर में उत्खनन का विरोध

बीजिंग: चीन ने आज आगाह किया कि वह दक्षिण चीन सागर में उसके क्षेत्राधिकार और हित का उल्लंघन करने वाली किसी भी उत्खनन गतिविधि का विरोध करेगा. भारत द्वारा वियतनाम के साथ दो अतिरिक्त तेल एवं गैस ब्लाकों में उत्खनन करार करने के कुछ घंटे बाद ही चीन की यह प्रतिक्रिया आई है. चीन के […]

बीजिंग: चीन ने आज आगाह किया कि वह दक्षिण चीन सागर में उसके क्षेत्राधिकार और हित का उल्लंघन करने वाली किसी भी उत्खनन गतिविधि का विरोध करेगा. भारत द्वारा वियतनाम के साथ दो अतिरिक्त तेल एवं गैस ब्लाकों में उत्खनन करार करने के कुछ घंटे बाद ही चीन की यह प्रतिक्रिया आई है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हॉन्ग लेई ने कहा, ‘‘वियतनाम व भारत के बीच दक्षिण चीन सागर के तेल क्षेत्रों में संभावित उत्खनन के मामले में मैं कहना चाहता हूं कि चीन की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है.’’ हॉन्ग उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि भारत ने वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन तान दुंग की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान वियतनाम की ओर से हुई दो अतिरिक्त ब्लाकों में तेल खोज और उत्खनन की पेशकश को स्वीकार कर लिया है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘नंशा द्वीप पर चीन का अविवादित अधिकार है. दक्षिण चीन सागर में किसी तरह की कानूनी व उचित उत्खनन गतिविधि से हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन यदि किसी गतिविधि से चीन के क्षेत्रधिकार या हितों का उल्लंघन होता है, तो हम कडाई से उसका विरोध करेंगे.’’
मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व में नई राजग सरकार बनने के बाद ‘‘हमने शीघ्रता से एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी सक्रियता को बढाया है, क्योंकि यह क्षेत्र भारत के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज, दोनों देशों (भारत और वियतनाम) की समृद्धि को बढाने और हमारे पास-पडोस शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए हमारी साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
’’प्रधानमंत्री ने कहा कि वियतनाम के प्रधानमंत्री के साथ आज हुई वार्ता में हमारे क्षेत्र की स्थिति और हमारे रिश्तों को कैसे प्रगाढ बनाया जाए, इन सबके संबंध में ‘‘उनके (जुंग) और मेरे विचारों में बहुत समानता है.’’ वियतनाम के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश भारत के जहाजों को अपने यहां आने का निमंत्रण देना जारी रखेगा. उल्लेखनीय है कि लगभग एक महीना पहले वियतनाम बंदरगाह जा रहे भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस एरावत को चीन ने अपने जलक्षेत्र से बाहर जाने को कहा था.
मोदी ने कहा, ‘‘हम जल्द ही 100 मिलियन डालर की लाइन आफ क्रेडिट को ऑपरेशनलाइज करेंगे जिससे वियतनाम भारत से नए नौसैनिक वाहन प्राप्त कर सके. आतंकवाद निरोध सहित सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढाने के लिए हमने सहमति जताई है. हम अंतरिक्ष क्षेत्र में आपसी सहयोग बढाने पर भी सहमत हुए हैं.उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने के लिए वियतनाम के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह कहते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री जुंग की यात्रा से न केवल हमारी पांरपरिक मित्रता मजबूत हुई है, बल्कि हमारी सामरिक साझेदारी को भी एक नई उंचाई और गति मिली है.’’

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