नयी दिल्ली : मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ किफे और नार्वे के दंपती एडवर्ड मोजर और ब्रिट मोजर को मिला है. यह पुरस्कार उन्हें मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के संबंध में नयी खोज के लिए दिया गया है.इन वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की पोजिशिनिंग सिस्टम से संबंधित नयी खोज की है.
BREAKING NEWS: John O’Keefe @uclnews and @MayBrittMoser @NTNU and Edvard Moser awarded the #nobelprize2014 #medicine pic.twitter.com/7uykwwpM1P
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 6, 2014
नोबेल असेंबली का कहना है कि इस आंतरिक जीपीएस से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि मस्तिष्क किस तरह से उस मैप का निर्माण करता है जिसके जरिये हम एक जटिल वातावरण में जीने की जगह बनाते हैं.
लंदन विश्वविद्यालय के ओ किफे ने इस बात का जानकारी 1971 में ही प्राप्त कर ली थी कि मस्तिष्क की कुछ नसें उस वक्त हमेशा कार्यरत रहती हैं जब एक चूहा एक चुनिंदा जगह या कमरे में होता है. 34 वर्ष बाद मे ब्रिट और एडवर्ड मोजर ने उसी तरह के अन्य नस का पता लगाया जो नये मार्ग को तलाशने में योगदान देते हैं.
नोबेल असेंबली ने कहा कि मस्तिष्क के पोजिशनिंग सिस्टम के बारे में यह नयी जानकारी हमें स्मृति हानि संबंधित बीमारियों को समझने में मदद करेगी, जिससे हम अल्जाइमर जैसे रोगों का इलाज कर पायेंगे. सम्मान पाने वाले तीनों वैज्ञानिक 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (11 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि को साझा करेंगे. पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा ओ किफे को जायेगा जबकि शेष भाग मोजर दंपती को मिलेगा.
नोबेल असेंबली ने यह जानकारी दी है कि भौतिकी, रसायन और साहित्य और शांति के लिए कार्य करने वालों को मिलने वाले पुरस्कार की घोषणा अगले कुछ दिनों में की जायेगी. वहीं अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा अगले सप्ताह की जायेगी.