आतंकियों ने बुधवार को इराक की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी पर हमला कर उसके अधिकांश हिस्से पर कब्जा जमा लिया. माना जा रहा है कि रिफाइनरी के 75 फीसदी हिस्से पर उनका अधिकार है. इस तबाही से इराक विस्थापन, विभाजन की ओर तो बढ़ ही रहा है, लेकिन दुनिया पर भी इसकी मार पड़ रही है. आखिर ‘तेल की धार’ पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में जो असर पड़ रहा है. यही वजह है कि संसेक्स 275 अंक लुढ़का, बाजार सुस्त रहा. इस बीच भारत सहित तमाम देशों ने अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं.
बगदाद:इराक में बहुत बड़े आक्रमण की तैयारी मे जुटे आतंकवादियों ने बुधवार को देश की सबसे बड़े तेल रिफाइनरी पर हमला किया. माना जा रहा है कि बैजी तेल रिफाइनरी पर हमले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल महंगा होगा. रिफाइनरी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक (भारतीय समयानुसार) बुधवार को सुबह साढ़े चार बजे बगदाद के उत्तर में सलाहेद्दीन प्रांत की इस रिफाइनरी में संघर्ष छिड़ा. देश की इस सबसे बड़ी रिफाइनरी में हमले के दौरान तेल उत्पादों के कुछ गोदामों में आग लग गयी. इस बीच प्रधानमंत्री ने शीर्ष कमांडरों को बरखास्त कर दिया और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से भी बातचीत की. इस संकट से हजारों इराकी विस्थापित हो गये हैं. देश के विभाजित हो जाने का खतरा पैदा हो गया.
अधिकांश हिस्सों पर कब्जा
रिफाइनरी का उत्पादन केंद्र, प्रशासनिक केंद्र और चार वॉच टॉवर उनके कब्जे में है. ये रिफाइनरी का 75 फीसदी हिस्सा है. वहीं मुख्य कंट्रोल रूम के नजदीक सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच झड़प जारी है. रिफाइनरी में घुसने के तीन गेट हैं. दो गेट से आतंकियों ने हमला किया. सुरक्षा बलों को कंपाउंड पर हमले को रोकने के लिए दीवार बना ली थी. पिछले सप्ताह जब सुन्नी मिलिशिया ने उत्तरी इराक में मेजर मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया था तब से रिफाइनरी की घेराबंदी कर दी गयी थी.
प्रतिदिन 25 लाख बैरल का उत्पादन
दुनिया के तेल उत्पादक इराक की स्थिति पर नजर रहे हैं लेकिन इस बात पर बल दिया कि देश की विशाल कच्च तेल आपूर्ति फिलहाल सुरक्षित है. इराक फिलहाल प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल का उत्पादन करता है. एक दिन पहले ही रिफाइनरी बंद कर दी गयी थी. कई कर्मचारी निकाले जा चुके थे क्योंकि उत्तरी क्षेत्र के विशाल हिस्सा सरकारी नियंत्रण से निकलकर आतंकवादियों के कब्जे में चला गया है. हमलों के चलते कई शहरों में तेल उत्पादों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
अमेरिकी कार्रवाई
आतंकवादियों के विरुद्ध हवाई हमले पर विचार कर रहे अमेरिका ने कहा कि बगदाद के सुरक्षाबल हमले का मुकाबला कर रहे हैं. अमेरिका ने बगदाद में अपने दूतावास के कर्मियों की रक्षा के लिए 275 सैनिक तैनात किये हैं. पहली बार उसने मिशन की सुरक्षा सार्वजनिक रूप से संभाल ही है.
दुनिया चिंतित
सभी देश भी अपने नागरिकों और राजनयिकों को वहां से निकालने के प्रयास में जुट गये हैं. ब्रिटेन, चीन,भारत ने अपने-अपने नागरिकों को देश का दौरा न करने की सलाह दी है. इस बीच ईरान ने ठान लिया है कि वह इराक में सुन्नी अरब आतंकवदियों के हाथों में शिया धर्मस्थलों को नहीं जाने देगा.
कई बरखास्त
आतंकवादी हमले के विरुद्ध प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने कई शीर्ष सुरक्षा कमांडरों को भी बरखास्त कर दिया. सभी ने दुर्लभ एकता प्रदर्शित करते हुए अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वियों को संपर्क किया था. आतंकवादियों ने नौ जून को हमला शुरू किया था. मलिकी ने सेना का साथ छोड़ देने पर एक अधिकारी का कोर्ट मार्शल करने का आदेश दिया है.