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अफगानिस्तान : कर्ज चुकाने के लिए बेटियों को बेच रहे पिता, चार महीने में 161 बच्चियों की लगायी गयी बोली
जिनेवा : अफगानिस्तान में सूखे की समस्या ने मानवीय संकट को इस हद तक बदतर बना दिया है कि लोग अपना ऋण चुकाने और खाद्य सामग्री खरीदने की खातिर अपनी छोटी-छोटी बेटियों को शादी के लिए ‘बेचने’ को मजबूर हैं. संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी के मुताबिक, अफगानिस्तान के हेरात और बगदीज प्रांत में एक […]
जिनेवा : अफगानिस्तान में सूखे की समस्या ने मानवीय संकट को इस हद तक बदतर बना दिया है कि लोग अपना ऋण चुकाने और खाद्य सामग्री खरीदने की खातिर अपनी छोटी-छोटी बेटियों को शादी के लिए ‘बेचने’ को मजबूर हैं. संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी के मुताबिक, अफगानिस्तान के हेरात और बगदीज प्रांत में एक महीने से लेकर 16 साल तक की उम्र के कम से कम 161 बच्चे सिर्फ चार महीने में बेचे गये.
यूनीसेफ की प्रवक्ता एलिसन पार्कर ने बताया कि अफगानिस्तान में बच्चों की स्थिति बेहद खराब है.
अफगानिस्तान पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जिनेवा में बोल रहीं पार्कर ने कहा कि जुलाई से अक्तूबर के बीच किये गये सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी कि लड़कियों की या तो सगाई कर दी गयी या शादी कर दी गयी या उन्हें एक तरह से कर्ज चुकाने के लिए बेच दिया गया. उन्होंने कहा कि सूखे से पहले 80 फीसदी से ज्यादा परिवार कर्ज की चपेट में थे.
कई परिवारों को उम्मीद थी कि अच्छी फसल होने पर वह कर्ज चुका देंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये. पार्कर ने कहा कि दुर्भाग्यवश यहां लड़कियां अब कर्ज चुकाने का जरिया बन रही हैं. जिन बच्चियों की सगाई की गयी है, उनमें से कई तो कुछ महीने की बच्चियां हैं. इसके अलावा 11 साल या इससे कम उम्र तक की लड़कियों की शादी कर दी गयी. इन 161 प्रभावित बच्चों में से छह लड़के हैं. अफगानिस्तान में बच्चों से जबरन मजदूरी कराने के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
80 % से अधिक परिवार कर्ज की चपेट में
अफगान में बाल विवाह की जड़ें गहरी : पार्कर
पार्कर ने कहा कि अफगानिस्तान के समाज में बाल विवाह की जड़ें बहुत गहरी हैं. करीब 35 फीसदी आबादी इसमें शामिल है, जबकि कहीं-कहीं यह 80 फीसदी तक है. दुर्भाग्यवश, बच्चे युद्ध और सूखे की कीमत अदा कर रहे हैं. अफगान के सिविल सोसाइटी के सदस्य भी इस पर सहमत है कि देश में छोटी लड़कियों को शादी के लिए बेचा जा रहा है.
बुजुर्गों से की जा रही शादी
अफगानिस्तान में वॉयस ऑफ विमन की प्रमुख सुराया पकजाद ने कहा कि यह बेहद स्तब्ध करने वाला है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आर्थिक संकट के हल के लिए 8-12 साल की लड़कियों की शादी बूढ़े व्यक्तियों से की जा रही है. ये लड़कियां इसके लिए राजी नहीं थी.
मेरे पास कोई विकल्प नहीं था : पीड़ित
पकजाद ने बताया कि वह एक ऐसी लड़की के पिता से मिली हैं, जिन्होंने अपनी लड़की को शादी के लिए ‘बेच’ दिया और कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था. उन्होंने कहा कि लड़की के पिता ने बताया था कि मैं अपनी बेटी से प्यार करता हूं. मैं जानता हूं कि मैंने क्या किया. मुझे इसका बेहद दुख है. लेकिन क्या आप मुझे इसके अलावा कोई विकल्प देंगे.
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