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झारखंड में हर 100 में 13 व्यक्ति को दिल की बीमारी

दिल की बीमारी से विश्व में 17.9 मिलियन लोग की मौत हर साल हो जाती है. इसमें 85 फीसदी मृत्यु सिर्फ स्ट्रोक व हार्ट अटैक की वजह से होती है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार झा ने बताया कि झारखंड में 100 में 13 व्यक्ति हार्ट की बीमारी से पीड़ित हैं.झारखंड का यह क्षेत्र […]

दिल की बीमारी से विश्व में 17.9 मिलियन लोग की मौत हर साल हो जाती है. इसमें 85 फीसदी मृत्यु सिर्फ स्ट्रोक व हार्ट अटैक की वजह से होती है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार झा ने बताया कि झारखंड में 100 में 13 व्यक्ति हार्ट की बीमारी से पीड़ित हैं.झारखंड का यह क्षेत्र तंबाकू के उत्पाद का उपयोग करने वाला क्षेत्र है, जहां बीड़ी, सिगरेट व खैनी का उपयोग किया जाता है. वहीं, यहां खाने की वेराइटी भी ज्यादा शामिल की जाती है, जिससे वसा की मात्रा को शामिल किया जाता है.

दाल-रोटी, मक्का मड़ुआ में है बहुत दम
रिम्स की डायटिशियन मीनाक्षी कुमारी ने बताया कि पारंपरिक भाेजन जैसे: मड़ुआ, मकई, बाजरा से बने रोटी व दाल में पौष्टिक का भंडार है, लेकिन इसको अब लाेग भूल गये हैं. आज के युवा तो मड़ुआ को जानते तक नहीं है. उसे काली राेटी बोलकर नहीं खाते हैं. पहले इसी को खाकर लाेग बलवान होते थे.
मड़ुआ में कैल्शियम व आयरन भरपूर होता है. वहीं, मकई व बाजरा में प्रचूर मात्रा में फाइबर होता है. यह हमारे शरीर में जितनी कैलोरी चाहिए वह पूरा कर देता है. गेंहू की रोटी तो छोड़ दीजिये, आज के लोग चाउमिन, पिज्जा का उपयोग करने लगे हैं. इससे बच्चे मोटापा का शिकार हो रहे हैं. यही डायबिटीज व बीपी का कारण बनता है.
हृदय रोिगयों के िलए रिम्स में बेहतर सुविधा
अगर आप हृदय के मरीज हो गये हैं, तो इलाज के लिए रिम्स से बेहतर कहीं नहीं है. रिम्स में कार्डियोलॉजी सुपर स्पेशियलिटी विंग है, जहां हृदय की जांच व इलाज की पूरी सुविधा है. कार्डियोलाजी इमरजेंसी है, जहां 24 घंटे बेहतर सुविधा उपलब्ध रहती है. इसीजी, इको, टीएमटी, हॉल्टर से हृदय की स्थिति का पता लगाया जा सकता है.
वहीं, एंजियोग्राफी की सुविधा भी है, जिससे हार्ट के आर्टरी की स्क्रीनिंग की जा सकती है. अगर मरीज के हार्ट में कहीं ब्लॉकेज हो जाये तो एंजियोप्लास्टी कर हार्ट के ब्लॉकेज का हटाया जा सकता है. वहीं, हृदय की स्थिति अगर ज्यादा खराब है और हार्ट की सर्जरी करने की नौबत आ जाये, तो रिम्स के कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग में हार्ट सर्जरी की सुविधा है.
हृदय की बीमारी से बचाव के लिए नियमित योगाभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. अगर आसन व प्राणायाम का नियमित अभ्यास किया जाये तो स्वस्थ रहा जा सकता है. 45 मिनट का नियमित अभ्यास करना चाहिए.
स्वामी मुक्तरथ, योग प्रशिक्षक
की उम्र में भी फिट हैं अारएन मिश्रा
आरएन मिश्रा की उम्र 82 साल की है, लेकिन उम्र के इस पड़ाव में वह आज भी स्वस्थ है. नियमित व्यायाम व संतुलित भोजन से अपने अपनी दिनचर्या को बेहतर बनाया है. डाॅ मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1974 दुर्घटना के कारण दोनाें पैर में फ्रैक्चर हो गया था.
इसके बाद नियमित योगाभ्यास कर अपने को स्वस्थ बनाये रखा है. आज भी वह 45 मिनट का नियमित योगाभ्यास करते हैं. इसके अलावा आहार को भी संतुलित रखा है. पारंपरिक भोजन लेने के साथ वह नियमित फल का उपयोग भी करते हैं.
ठेला पर बिक रहा है कॉलेस्ट्रोल
राजधानी के चौक-चौराहों पर लगने वाले ठेला व खोमचा पर हाई कोलेस्ट्राल का खाद्य पदार्थ बिक रहा है. ठेला, खोमचा व फूड स्टाॅल पर बिकने वाले समोसे, कचौरी, बटूरा, चाउमिन, बर्गर, पिज्जा आदि में कॉलेस्ट्राल की मात्रा ज्यादा रहती है. ठेला व खोमचा वाले खाद्य पदार्थ को तैयार करने में जिस तेल का उपयोग करते हैं, वह कई बार प्रयोग किया हुआ होता है. इसमें बनाये गये खाद्य पदार्थ से हार्ट की बीमारी होने की संभावना ज्यादा रहती है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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