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दीपावली से पहले दिल्ली में छाया धुंध, डॉक्टर बोले- यहां सांस लेना यानी मौत को बुलाना

नेशनल कंटेंट सेलदिल्ली और एनसीआर में सोमवार सुबह की शुरुआत धुंध से हुई. दीवाली से पहले ही कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर नीचे गिरकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है. सुबह से ही लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत हो रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. […]

नेशनल कंटेंट सेल
दिल्ली और एनसीआर में सोमवार सुबह की शुरुआत धुंध से हुई. दीवाली से पहले ही कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर नीचे गिरकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है. सुबह से ही लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत हो रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. धूलकणों में भी इजाफा हुआ है. सफर के आंकड़ों के अनुसार, साल में पहली बार सूचकांक 500 के पार पहुंच गया है. सोमवार को दिल्ली के शाहदरा में 757, मंदिर मार्ग पर वायु गुणवत्ता 707, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के पास 676, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के पास 681, पंजाबी बाग में 611, आनंद विहार में 752, पूसा रोड पर 748 के स्तर पर पहुंच गया है. यह हवा का बेहद खतरनाक स्तर है.

सोमवार को पीएम 2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 268 दर्ज किया गया जबकि पीएम10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से भी कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 391 दर्ज किया गया. ध्यान देने वाली बात यह है कि मौसम संबंधी कारणों और दिल्ली में अधिकारियों द्वारा उठाये गये कदमों से हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होने के एक दिन बाद ही दिल्ली की आबोहवा दमघोटू हो गयी.

प्रदूषण के कारण 2016 में 15 लाख बच्चों ने गंवायी जान : विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहा गया है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना उनके लिए ‘मौत की सजा’ के बराबर है जो फेफड़ों या अन्य सांस की बीमारियों से ग्रसित हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, निम्न और मध्यम आय परिवार के पांच साल से कम उम्र के 98 फीसदी बच्चे प्रदूषण से प्रभावित हुए.

बच्चों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य
दिल्ली के स्कूलों में सुबह करायी जाने वाली असेंबली को अंदर के स्थान पर किसी हॉल में शिफ्ट कर दिया गया है. बच्चों को बाहर जाने के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. जल्द ही स्कूलों को बंद करने पर भी विचार किया जा सकता है.

प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 24 %
केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) के एक अधिकारी ने बताया राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 24 प्रतिशत है. पड़ोसी राज्यों से पराली जलने से उठाने वाले धुएं और धूल को ला रही है.

दिल्लीवासी रोज 30-35 सिगरेट के बराबर धुआं ले रहे हैं अपने अंदर

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति इतनी भयावह होती जा रही है कि प्रदूषण का सेहत पर प्रभाव 15 से 20 सिगरेट पीने के प्रभाव के बराबर है. विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में खराब वायु प्रदूषण का सेहत पर असर एक दिन में 15-20 सिगरेट पीने के बराबर है. वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों को प्रदर्शित करने के लिए, शनिवार को शहर के एक अस्पताल में मानव फेफड़ों के प्रतिरूप को रखा है.

धूल कम करने को क्या है दिशा निर्देश

क्षेत्र की बैरिकेडिंग

कंस्ट्रक्शन साइट छोड़ने से पहले गाड़ियां साफ की जाये, मैटैरियल ले वाहन को ढंका जाये

पत्थरों को तोड़ने के लिए वेट जेट को हो इस्तेमाल

पानी का हो नियमित छिड़काव

Prabhat Khabar Digital Desk
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