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तेज आवाज से हर पल जा रही है सुनने की क्षमता, क्या हैं मुख्य कारण
अक्सर बातचीत के दौरान हम कुछ शब्दों को सुन नहीं पाते. कई बार ऐसा ध्यान न देने के कारण होता है. लेकिन जब ऐसा बार-बार होने लगे, तो सावधान हो जाने की जरूरत है, क्योंकि यह आपमें सुनने की क्षमता में होनेवाली कमी का संकेत है. हियरिंग लॉस की समस्या से जूझ रहे लोग अपनी […]
अक्सर बातचीत के दौरान हम कुछ शब्दों को सुन नहीं पाते. कई बार ऐसा ध्यान न देने के कारण होता है. लेकिन जब ऐसा बार-बार होने लगे, तो सावधान हो जाने की जरूरत है, क्योंकि यह आपमें सुनने की क्षमता में होनेवाली कमी का संकेत है.
हियरिंग लॉस की समस्या से जूझ रहे लोग अपनी इस कमी को छुपाने के लिए लोगों से बातचीत में कतराने भी लगते हैं. नतीजतन ऐसे लोग डिप्रेशन में भी आ जाते हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट की मानें, तो दुनियाभर में 4660 लाख से भी ज्यादा लोग हियरिंग लॉस के शिकार हैं. जिन लोगों में यह समस्या आंशिक रूप से होती है, उन्हें समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है, ताकि समस्या को बढ़ने से रोका जा सके.
अलग-अलग उम्र के लोगों में यह अलग-अलग कारणों से होता है. अगर बढ़ती उम्र के बच्चों में यह समस्या हो, तो इसका प्रभाव पढ़ाई व उनके कैरियर पर भी पड़ता है. उनमें हीन भावना आने लगती है.
शुरुआती लक्षण : कान में आवाजें सुनाई देना, अचानक सिरदर्द, इयर फोन हटाने के बाद भी घंटी जैसी आवाज सुनाई देते रहना, दूर की आवाज सुनने में परेशानी, फोन पर सुनने में दिक्कत होना, शोर वाले माहौल में बातचीत करने में परेशानी होना, अक्सर कान में दर्द रहना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं.
क्या हैं मुख्य कारण
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार 12 से लेकर 35 साल तक के एक करोड़ से अधिक लोग इस समस्या के दायरे में हैं, जिसकी वजह देर तक शोर-शराबे के बीच रहना है. इसके अलावा सिर में या कान में लगनेवाली चोट, वायरल इन्फेक्शन जैसे मिजिल्स, गलसुआ, बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे एक्यूट और क्रोनिक ओटिटीस मीडिया और मेनिनजाइटीस जैसी चीजें भी सुनने की क्षमता को प्रभावित करती हैं.
कुछ दवाएं जैसे ऑटोटॉक्सिक ड्रग्स अमीनोग्लाइकोसाइड एंटीबायोटिक्स, ड्यूरेटिक्स आदि भी हियरिंग लॉस की समस्या लोगों में पैदा कर देती हैं. बच्चों में ज्यादातर यह समस्या कान में इन्फेक्शन, अनुवांशिक कारणों से, जन्मजात कारणों से, प्री-मैच्योर बर्थ, माता में डायबिटीज का होना, एनोक्सिया, चिकन पॉक्स, इन्सेफ़लाइटिस आदि कारणों से पाया जाता है.
दो तरह से होता है हियरिंग लॉस
कंडक्टिवड हियरिंग लॉस : इसमें कान के बाहरी और बीच वाले भाग में समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसे ट्रीटमेंट द्वारा ठीक किया जा सकता है. यह ज्यादातर कान के बहने, कान का पर्दा फटने या छेद होने, इन्फेक्शन, दुर्घटना में कान को नुकसान पहुंचने और तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से होता है.
सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस : इसमें कान के अंदरूनी हिस्से में समस्या होती है, जो खासकर अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती है. इसमें हियरिंग सेल्स नष्ट होने लगते हैं. नष्ट हो चुके सेल्स को दुबारा ठीक नहीं किया जा सकता है, अतः शुरुआत में ही इसका इलाज करवाना जरूरी है.
46 करोड़ िवश्व में हैं हियरिंग लॉस के शिकार
12 से लेकर 35 साल तक के 100 करोड़ लोगों को खतरा
31% लोगों में यह इन्फेक्शन की वजह से (15 वर्ष उम्र तक)
17% लोगों में जन्म के समय होनेवाले कॉम्प्लिकेशन की वजह से
4% केस में ऑटोटॉक्सिक मेडिसिन की वजह से मां और बच्चे में
8% अन्य कारणों से होता है.
01 लाख बच्चे हर साल हियरिंग लॉस के साथ होते हैं पैदा
इयरफोन पर तेज आवाज में म्यूजिक सुनने या लगातार देर तक फोन पर बातें करने से 6 से 19 साल तक के 12.5% बच्चों व युवाओं में हियरिंग लॉस.
(2015 का आंकड़ा)
डॉ क्रांति भावना
एसोसिएट प्रोफेसर एम्स पटना
शुरुआती लक्षणों के दिखते ही उपचार लें
उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता कम होती ही है. लेकिन आज की लाइफ स्टाइल में सेलफोन पर लंबी बातें करना, तेज आवाज में म्यूजिक सुनने जैसी आदतें कम उम्र में ही सुनने की क्षमता को कम कर रही हैं.
खासकर युवाओं में यह समस्या इसी वजह से पैदा हो रही है. सिर्फ तेज आवाज ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक धीमी आवाज को सुनते रहना भी एक कारण है. जरूरी है कि शुरुआती लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से मिलें. डॉक्टर ऑडियालॉजिकल टेस्ट के बाद मेडिकेशन या सर्जरी की सलाह देते हैं, जो रोग की अवस्था पर निर्भर करता है.
जरूरत पड़ने पर हियरिंग एड या कॉक्लियर इम्प्लांट लगाया जा सकता है. इससे समय रहते समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है. डायबिटिक पेशेंट अगर सही जीवनशैली अपनाकर शुरू से शूगर को कंट्रोल रखते हैं, तो वे समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं. जबकि महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान अगर जॉन्डिस, चिकन पॉक्स आदि की शिकार होती हैं, तो होनेवाले बच्चे में हियरिंग लॉस हो सकता है. अक्सर लोग हियरिंग एड का इस्तेमाल करने में संकोच करते हैं, जो सही नहीं.
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