कोलंबो : श्रीलंका में भीषण बाढ़ में मरनेवालों की संख्या रविवार को बढ़ कर 150 पर पहुंच गयी, जबकि मौसम में सुधार होने और बाढ़ का पानी घटने से राहत एवं बचाव कार्य ने तेजी पकड़ ली है. वर्ष 2003 के बाद सबसे हुई मूसलाधार बारिश के कारण करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
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श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग मांगा है. भारत पहला देश है, जिसने आपातकालीन राहत सामग्री के साथ नौसेना के तीन जहाजों को श्रीलंका के लिए रवाना किया. पहला भारतीय जहाज यहां शनिवार को पहुंचा. दूसरा भारतीय पोत (आईएनएस शार्दूल) रविवार को कोलंबो पहुंचा और तीसरे जहाज के शनिवार को पहुंचने की संभावना है. श्रीलंका के विदेश मंत्री रवि करुणानायक ने पोत का स्वागत किया.
खराब मौसम के कारण बट्टीकलोआ, कोलंबो, गाले, गम्पाहा, हम्बनटोटा, कालूतारा, केंडी, किगाले, मटाले, मटारा, मल्लैतिवु, रत्नापुरा, त्रिंकोमाली और वावुनिया में बाढ़ और भू-स्खलन की घटनाएं हुई हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने बयान जारी कर बताया, ‘‘सबसे बुरी तरह प्रभावित गाले है.’ आपदा प्रबंधन केंद्र ने रविवार को बताया कि 15 जिलों के 1,14,124 परिवारों के कम-से-कम 4,42,299 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.आपदा केंद्र के अनुसार बाढ़ से 150 लोग मारे गये हैं और 112 लापता हैं. वहीं, 24,603 परिवारों के 1,01,638 लोगों को 319 सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
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इस बीच, विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय तलाश एवं बचाव सलाहकार समूह (आईएनएसएआरएजी) तथा पड़ोसी देशों से सहयोग करने की अपील की है. पड़ोसी मुल्क में आयी भीषण आपदा में तत्काल मदद का हाथ बढ़ाने वाला भारत पहला मुल्क है. उसने श्रीलंका की सहायता के लिए आपात आपूर्ति के साथ नौसेना के तीन जहाज भेजे हैं.
आईएनएस किर्च को बाढ़ राहत अभियानों में तत्काल सहायता के लिए कोलंबो भेजा गया है, वहीं आईएनएस शार्दुल और आईएनएस जलाश्व खाद्य पदार्थ, पानी और दवाइयां ने कर यहां केे लिए रवाना हो चुका है.