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पाकिस्तान में सरकार और सेना के बीच अनबन की खबर

नयी दिल्ली : पाकिस्तान की नवाज सरकार और पाकिस्तानी सेना के बीच अनबन की खबर है. सरकार के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश के बाद से ही सेना और सरकार के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं. गुरूवार को पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसके अनुसार पाक पीएम नवाज शरीफ, […]

नयी दिल्ली : पाकिस्तान की नवाज सरकार और पाकिस्तानी सेना के बीच अनबन की खबर है. सरकार के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश के बाद से ही सेना और सरकार के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं. गुरूवार को पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसके अनुसार पाक पीएम नवाज शरीफ, आईएसआई चीफ रिजवान अख्तर और पाक विदेश सचिव एजाज चौधरी की मौजूदगी में कहा पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ रहा है. अखबार ने दावा किया कि सर‍कार ने चिंतित स्वर में कहा है कि पाक पर दबाव है कि वो जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करे और पठानकोट मामले की जांच को आगे बढ़ाए.

पाक पीएम नवाज शरीफ ने कोशिश की कि वे सेना के खिलाफ जाएं लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. पाक पीएम के दफ्तर से कहा गया कि अखबार की रिपोर्ट गढ़ंत और आधा सच दर्शाने वाली है, साथ ही सेना और आईएसआई के पक्ष में यह भी कहा गया कि वे सभी तरह के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

पाक पीएम के कार्यालय ने कहा कि रिपोर्ट भ्रम पैदा करने वाली है. रिपोर्ट को काल्पनिक के साथ-साथ जालसाजी का मिला जुला रूप बताया गया. कुछ विशेषज्ञों ने इस संबंध में कहा कि पीएम कार्यालय के बयान से यह साफ जाहिर होता है कि शरीफ फिर से मुकर गए हैं. पीएम कार्यालय की ओर से कहा गया कि इंटेलीजेंस एजेंसियां, आईएसआई, देश और प्रांतीय स्तर पर मिलकर देश की नीति पर काम कर रही है.

चिंतित हैं नवाज शरीफ
उड़ी में सैन्य शिविर पर हमले और जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकी घुसपैठ की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घिर चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपनी सेना को चेताया है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों को संरक्षण नहीं दें, वरना विश्व से हो जायेंगे अलग-थलग. पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र ‘डॉन’ में छपी खबर के अनुसार उन्होंने अधिकारियों को पठानकोट आतंकी हमले की जांच एवं 26/11 की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है. अखबार के अनुसार, सेना और राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच कई दौर की बैठकों के बाद आतंकियों को संरक्षण नहीं देने का नवाज शरीफ का आदेश आया है. सरकार ने सैन्य नेतृत्व को ‘स्पष्ट, सुनियोजित और अभूतपूर्व’ चेतावनी दी है और प्रतिबंधित आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई समेत कई प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने की मांग की है. अखबार ने बैठकों में शामिल कुछ लोगों के हवाले से यह बात कही है. हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने डॉन की खबर को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह गुमराह करने वाला एवं तथ्यात्मक रूप से गलत है.

क्या कहा भारत ने

उधर, भारत ने कहा है, ‘यह पाकिस्तान सरकार पर निर्भर करता है कि वह ऐसे कार्यों के लिए अपनी धरती का प्रयोग नहीं होने देने के आश्वासन पर खरा उतरे.’ अखबार डॉन के अनुसार, हालिया बैठकों में दो तरह की कार्रवाई पर सहमति बनी. यह फैसला सोमवार को आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन के दौरान लिया गया था. तय हुआ कि आइएसआइ महानिदेशक रिजवान अख्तर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ इस संदेश के साथ सभी प्रांतों का दौरा करेंगे कि प्रतिबंधित आतंकी समूहों के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई की स्थिति में सेना की अगुआई वाली खुफिया एजेंसियां हस्तक्षेप नहीं करे. शरीफ ने पठानकोट मामले की जांच पूरी करने और रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत में 26/11 पर स्थगित सुनवाई फिर से शुरू करने के लिए नये सिरे से प्रयास करने के लिए कहा है.

शरीफ पर विपक्षी नेता का हमला
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता एतजाज अहसन ने गुरुवार को पाक संसद के संयुक्त सत्र में पीएम शरीफ पर हमला किया. उन्होंने कहा कि ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ को आजादी देने की वजह से पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है. एतजाज ने कहा, ‘नेशनल एक्शन प्लान के मुताबिक सरकार नॉन स्टेट एक्टर्स पर रोक लगाने में विफल रही है. ऐसे तत्व इसलामाबाद, लाहौर, फैसलाबाद, कराची में प्रदर्शन करते हैं, भाषण देते हैं.’ उनका इशारा आतंकी मसूद अजहर व हाफिज सईद की ओर था.

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