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एयरपोर्ट पर हुई नोकझोंक ने अमेरिका-चीन के बीच मतभेदों को उजागर किया: ओबामा

हांगझोउ: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज जी-20 सम्मेलन की शुरुआत से पहले घंटे एक अप्रिय घटनाक्रम के संदर्भ में कहा कि अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच मीडिया के प्रवेश को लेकर हुई कहासुनी ने मानवाधिकारों और प्रेस की आजादी पर मतभेदों को उजागर किया है. चीन के सरकारी अधिकारियों ने पूर्वी शहर हांगझोउ […]

हांगझोउ: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज जी-20 सम्मेलन की शुरुआत से पहले घंटे एक अप्रिय घटनाक्रम के संदर्भ में कहा कि अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच मीडिया के प्रवेश को लेकर हुई कहासुनी ने मानवाधिकारों और प्रेस की आजादी पर मतभेदों को उजागर किया है.

चीन के सरकारी अधिकारियों ने पूर्वी शहर हांगझोउ में अमेरिकी राष्ट्रपति के पहुंचने पर प्रेस के प्रवेश को लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस और अन्य अमेरिकी अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया.जब व्हाइट हाउस के कर्मी ओबामा के आगमन पर कवरेज के लिए अमेरिकी संवाददाताओं के स्थिति संभालने मेंं मदद करने का प्रयास कर रहे थे तो चीन के एक अधिकारी ने अमेरिकी अधिकारियों पर चिल्लाते हुए कहा, ‘‘यह हमारा देश है. यह हमारा हवाईअड्डा है.’ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी मेहमान ओबामा के बीच आमने-सामने होने वाली बातचीत से पहले यह अजीब घटनाक्रम हुआ जिसमें चीनी अधिकारी का चिल्लाना कैमरे में कैद हो गया.
दोनों नेता अपने मतभेदों को सुलझाने के इच्छुक हैं और समान सोच वाले क्षेत्रों को चिह्नित करना चाहते हैं. ओबामा ने नई ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरिजा मे के साथ एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि चीन के लिए यह घटना पहली नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे महत्वपूर्ण मानते हैं कि हम जो काम कर रहे हैं उस तक प्रेस की पहुंच हो. सवालों का जवाब देने की क्षमता होनी चाहिए. जब हम इस तरह की यात्राएं करते हैं तो अपने मूल्यों और आदर्शो को छोडकर नहीं आते.’ ओबामा ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति के साथ बातचीत में भी मतभेद जाहिर हैं.उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं मानवाधिकार जैसे मुद्दे उठाता हूं तो कुछ तनाव होता है जो संभवत: तब नहीं होता जब राष्ट्रपति शी अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करते हैं.’
चीन में प्रेस के प्रवेश को लेकर हमेशा से ऐसी स्थिति रही है. वहां सत्तारुढ कम्युनिस्ट पार्टी मीडिया को शासन पर स्वतंत्र निगरानी के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडा का औजार मानती है.चीन में पत्रकारिता पर कडा नियंत्रण है और संवेदनशील या निंदात्मक दिखने वाले मुद्दों पर रिपोर्टिंग पर समय-समय पर पाबंदी लगाई जाती है.
चीन की इस तरह की प्रवृत्ति हांगझोउ में स्पष्ट दिखाई देती है जहां सम्मेलन में चीन के बडे राजनीतिक और वित्तीय निवेश की सुरक्षा के लिए तथा किसी तरह के अवरोध से बचने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं.ओबामा ने इस सबके बाद टरमक के घटनाक्रम पर चुटकी भी ली और कहा कि व्हाइट हाउस के लाव-लश्कर का यात्रा करना किसी भी देश के लिए भयभीत करने वाला हो सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसका एक पहलू यह भी है कि हमारी मौजूदगी कई अन्य देशों से अधिक है.” उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कई विमान हैं, कई हेलीकॉप्टर हैं, कई कारें हैं और कई लोग हैं. आप जानते हैं कि अगर आप मेजबान देश हैं तो कई बार थोडा अधिक लग सकता है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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