रियो डि जिनेरियो : पुरुष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोडकर भारत के लिये रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा है जिसमें लिएंडर पेस की शुरू में ही विदाई भी शामिल है. पुरुष हाकी टीम ने ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया. वहीं भोकनलाल पुरुषों के एकल स्कल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए. इन दोनों को छोडकर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी. टेनिस में पेस का दूसरा ओलंपिक पदक जीतने का सपना टूट गया.
पेस और रोहन बोपन्ना की जोडी पुरुष युगल के पहले दौर में पोलैंड के मार्सिन माटकोवस्की और लुकास कुबोट से 4-6, 6-7 से हारकर बाहर हो गयी. रिकार्ड सातवें और संभवत: अपने आखिरी ओलंपिक में खेल रहे पेस अपनी निराशा नहीं छिपा पाये। उन्होंने पहले दौर में बाहर होने के बाद कहा कि वह एक ‘‘आसान निशाना बन गए हैं” और इस वजह से हीं लोग ‘‘उनके पीछे पडे रहते हैं” हैं. बाद में महिला युगल में विश्व की नंबर एक युगल खिलाडी सानिया मिर्जा और उनकी अनुभवहीन जोडीदार प्रार्थना थोम्बारे को पहले दौर में ही शुहाई च्यांग और शुहाई पेंग की चीनी जोडी के हाथों दो घंटे 44 मिनट तक चले मैच में आखिर में उन्हें 6-7, 7-5, 5-7 से हार का सामना करना पडा. टेनिस में भारतीय चुनौती अब मिश्रित युगल पर टिकी है जिसमें सानिया और रोहना बोपन्ना खेलेंगे. भारत के लिये असल में इसी स्पर्धा में पदक की संभावना थी.
निशानेबाजी में भी निराशा हाथ लगी. जीतू राय पुरुषों की दस मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में आठवें स्थान पर रहे जबकि अपूर्वी चंदेला और अयोनिका पाल क्वालीफिकेशन दौर में ही बाहर हो गयी. पदक के प्रबल दावेदार माने रहे जीतू राय फाइनल में 78 . 7 अंक के साथ आठवें स्थान पर रहे. वह प्रारंभिक दौर में 46 निशानेबाजों में छठे स्थान पर रहे थे. कई चोटी के निशानेबाजों के सामने उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही. इसी स्पर्धा में भारत के दूसरे निशानेबाज गुरप्रीत सिंह फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहे. महिलाओं की दस मीटर एयर राइफल में अपूर्वी और अयोनिका का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। अपूर्वी ने 51 प्रतिभागियों के बीच कुल 411.6 अंक के साथ 34वां और अयोनिका ने 403 अंक के साथ 47वां स्थान हासिल किया. टेबल टेनिस में अचंता शरत कमल सहित सभी चारों भारतीय खिलाडी पहले दौर में ही हारकर बाहर हो गये। मोउमा दास को केवल 21 मिनट में हीं 0-4 से हार झेलनी पडी. उनके अलावा बाकी तीनों खिलाडियों ने कम से कम एक गेम जीता. शरत और सौम्यजीत दोनों ने विरोधियों से एक एक गेम छीने लेकिन उन्हें 1-4 से शिकस्त झेलनी पडी. पहली बार ओलंपिक में खेल रहीं मणिका बत्रा ने बाकी खिलाडियों से बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन वह भी 2-4 से हार गयी.
दिलचस्प रुप से ओलंपिक टेबल टेनिस में भारत का सफर केवल 139 मिनट या दो घंटे, 19 मिनट का रहा. भारोत्तोलन में भारत की सैखोम मीराबाई चानू ने निराशाजनक प्रदर्शन किया तथा वह भारोत्तोलन प्रतियोगिता में महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग के क्लीन एवं जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रहने के कारण ओवरआल स्कोर में जगह बनाने में नाकाम रही. इस स्पर्धा में कुल 12 भारोत्तलकों ने हिस्सा लिया था लेकिन वह उन दो खिलाडियों में शामिल रही जो ओवरआल स्कोर में जगह नहीं बना पायी. मीराबाई ने क्लीन एवं जर्क में पहले प्रयास में 104 किग्रा भार उठाने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रही. इसके बाद उन्होंने अगले दोनों प्रयास में 106 किग्रा भार उठाना चाहा लेकिन उसमें भी नाकाम रही। दूसरे और तीसरे प्रयास में तो वह थोडा भी भार नहीं उठा पायी.
दिलचस्प बात यह है कि क्लीन एवं जर्क में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 107 किग्रा है. असल में स्नैच और क्लीन एवं जर्क के छह प्रयासों को मिलाकर मीराबाई केवल एक बार ही भार उठाने में सफल रही. दिन की शुरुआत पुणे के 25 वर्षीय भोकनलाल ने नौकायन में 2000 मीटर रेस में पहली हीट में तीसरे स्थान पर रहकर की. उन्होंने सात मिनट 21 . 67 सेकंड का समय निकाला. वह क्यूबा के एंजेल एफ रौद्रिगेज और मैक्सिको के जुआन कार्लोस कैबरेरा के बाद तीसरे स्थान पर रहे. एशिया ओशियाना क्वालीफायर में रजत पदक जीतकर क्वालीफाई करने वाले भोकानलाल ने पहले 500 मीटर के बाद दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया था लेकिन बाद में वह पिछड गये.