नेपाल : नेपाल के नये प्रधानमंत्री का चुनाव बुधवार को होने जा रहा है. नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में हैं और उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पेश की. पीएम पद हासिल करने के लिए प्रचंड को संसद में बुधवार को होने जा रहे मतदान प्रक्रिया में अपना बहुमत साबित करना होगा. उनको आंदोलनरत मधेसियों का भी समर्थन मिला. जिनके साथ उन्होंने तीन सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किया.
प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव के साथ हीनेपाल में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जतायी जा रही है. प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचंड एकमात्र आधिकारिक उम्मीदवार हैं. नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख प्रचंड की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा ने इसका समर्थन किया. प्रचंड के नेतृत्व में बनने वाली सरकार के लिए मधेसी पार्टियों का समर्थन हासिल करने के मकसद से नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर ने मधेसी फ्रंट के साथ तीन सूत्री समझैते पर हस्ताक्षर किया.
इस समझौते में मधेसियों को विश्वास दिलाया गया है कि राजनीतिक सहमति और संविधान में संशोधन के जरिए उनकी मांगों को पूरा किया जायेगा. प्रचंड एकमात्र उम्मीदवार हैं, लेकिन मतदान होगा और सीपीएन-यूएमएल और उसका गठबंधन उनके खिलाफ मतदान करेगा. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक माना जा रहा है कि प्रचंड गुरुवार को छोटी कैबिनेट का एलान करेंगे जिसमें माओवादी पार्टी, नेपाली कांग्रेस, सीएन-यूनाइटेड और राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी के सदस्य शामिल होंगे.
गौरतलब हो कि केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद नेपाल में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया. ओली के इस्तीफे के बाद से प्रधानमंत्री का पद खाली पड़ा है. मीडिया में खबर आई थी कि सीपीएन-यूएमएल पूर्व उप प्रधनमंत्री बामदेव गौतम को प्रचंड के खिलाफ उम्मीदवार बना सकता है, लेकिन पार्टी ने आखिरी समय में चुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया. इससे प्रचंड के नेपाल का 39वां प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया.

