21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत-ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह समझौते से चौकन्ना हुआ अमेरिका, समझौते की करेगा पड़ताल

वाशिंगटन : चाबहार बंदरगाह के लिए 50 करोड़ डाॅलर की भारत की घोषणा के बाद ओबामा सरकार ने सांसदों से कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ भारत के बढते रिश्तों पर ‘‘बहुत करीब से निगाह’ रख रहा है और देखेगा कि क्या इसके कानूनी पहलू और जरूरतें पूरी की गयी हैं या नहीं. दक्षिण […]

वाशिंगटन : चाबहार बंदरगाह के लिए 50 करोड़ डाॅलर की भारत की घोषणा के बाद ओबामा सरकार ने सांसदों से कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ भारत के बढते रिश्तों पर ‘‘बहुत करीब से निगाह’ रख रहा है और देखेगा कि क्या इसके कानूनी पहलू और जरूरतें पूरी की गयी हैं या नहीं.

दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की प्रभारी अमेरिकी विदेश उपमंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने संसद की सुनवाई में सीनेट की विदेशी संबंध समिति के सदस्यों को बताया कि अभी तक भारत और ईरान के बीच कोई सैन्य या आतंकवाद निरोधक सहयोग नहीं है जो अमेरिका के लिए चिंता का कारण हो.

बिस्वाल ने कहा कि अमेरिका ईरान के साथ भारत के रिश्तों पर ‘‘बहुत करीब से निगाह रख रहा है.’ अमेरिकी विदेश उपमंत्री ने कहा, ‘‘हम बहुत नजदीक से टोह भी ले रहे हैं कि उनका आर्थिक रिश्ता क्या है और सुनिश्चित कर रहे हैं कि वे समझें कि हम किसे कानूनी पहलू और आवश्यकता समझते हैं.’ बिस्वाल ने कहा, ‘‘चाबहार बंदरगाह में घोषणा के संबंध में हम भारतीयों के साथ इस मामले पर बहुत साफ हैं कि हम ईरान के संदर्भ में किन गतिविधियों को जारी प्रतिबंधों के अधीन मानते हैं और हमने क्या किया.’ उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ईरान यात्रा पर सीनेट की विदेशी संबंध समिति के शीर्ष सदस्य सीनेटर बेन कार्डिन के एक सवाल पर कल कही.

मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह के विकास पर भारत और ईरान के बीच एक द्विपक्षीय करार हुआ जिसमें भारत 50 करोड डालर खर्च करेगा. यह करार ईरान पर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाए जाने के कई माह बाद हुआ.

कार्डिन ने अंदेशा जताया कि ईरान के साथ भारत के आर्थिक रिश्ते विभिन्न आतंकवादी समूहों को समर्थन देने की ईरान की कथित गतिविधियों को और भी बल देंगे. उन्होंने सवाल किया, ‘‘जाहिरा तौर पर कुछ भी हमारे समझौतों का उल्लंघन नहीं प्रतीत होता है. लेकिन हम कैसे भारत को उग्रवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण से संघर्ष में एक साझेदार के तौर पर देखते हैं?’ बिस्वाल ने कहा कि ईरान के साथ भारत के रिश्ते ऊर्जा की निरंतर बढती मांग और अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया के प्रवेशमार्ग केरूप में ईरान को इस्तेमाल करने से प्रेरित है.

उन्होंने अपने जवाब में कहा, ‘‘वे (भारतीय) हमारी ब्रीफिंग के प्रति तेजी से और सकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं. और हमें यह देखने के लिए चाबहार घोषणा के ब्योरा की जांच करनी होगी क्या यह सही जगह बैठती है.’ बिस्वाल ने कहा, ‘‘लेकिन, ईरान के साथ भारत के रिश्तों के संदर्भ में, जिसे मैं मानती हूं कि यह प्राथमिक रूप से अर्थशास्त्र और ऊर्जा मुद्दों पर केंद्रित है, हम मानते हैं कि भारतीय परिप्रेक्ष्य से ईरान भारत के लिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया के प्रवेशद्वार केरूप में प्रतिनिधित्व करता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में योगदान करने में भारत के सक्षम होने के लिए उसे पहुंच की जरूरतहै जो उसकी भूसीमा से आसानी से उपलब्ध नहीं है. और भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने उर्जा रिश्ते प्रगाढ़ कर रहा है और उन मार्गों की खोज कर रहा है जो इसमें मदद करें.’ बिस्वाल ने कहा, ‘‘यह कहते हुए हम भारतीयों के साथ बहुत स्पष्ट हैं कि हमारी सुरक्षा चिंताएं क्या रही हैं और हम उन मुद्दों पर उनके साथ चर्चा करना जारी रखेंगे.’

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel