तोक्यो : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जापानी सार्वजनिक प्रसारक को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि वह हिरोशिमा पर किए गए परमाणु हमले के लिए इस सप्ताह अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान माफी नहीं मांगेंगे. जब ओबामा से पूछा गया कि उनके द्वारा वहां की जाने वाली टिप्पणियों में क्या माफी भी शामिल की जाएगी, तो ओबामा ने एनएचके से कहा, ‘नहीं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह समझना जरुरी है कि युद्ध के बीच में, नेता हर तरह के फैसले लेते हैं.’ ओबामा ने कहा, ‘यह इतिहासकारों का काम है कि वे सवाल पूछें और उनकी पडताल करें. लेकिन मैं पिछले साढे सात साल से इस पद पर बैठे हुए व्यक्ति के रूप में यह जानता हूं कि हर नेता बहुत कठिन फैसले लेता है, विशेषकर युद्धकाल में.’
ओबामा ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, जो अपने पद पर रहते हुए हिरोशिमा की यात्रा पर जाएंगे. हिरोशिमा में छह अगस्त 1945 को पहला परमाणु बम गिराया गया था और इस बम हमले में लगभग 1.4 लाख लोग मारे गए थे. हिरोशिमा पर गिराए गए इस शक्तिशाली बम के कारण उठे आग के गुबार की चपेट में आकर हजारों लोग मारे गए थे. इस बम हमले में बहुत से लोग घायल हुए थे और कितने ही लोग विकिरण की चपेट में आ गए थे. इन लोगों की आने वाले सप्ताहों, महीनों और वर्षों में मौत हो गई थी.
दक्षिणी शहर नागासाकी पर तीन दिन बाद बम हमला किया गया. इस बम हमले में 74 हजार लोग मारे गए थे. इसे दूसरे विश्वयुद्ध के निर्णायक कदमों में से एक माना जाता है.पिछले सप्ताह ही अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी हिरोशिमा गये थे जहां उन्होंने परमाणु बम गिराये जाने से प्रभावित हुए लोगों की याद में बनाये गये स्मारक और संग्रहालय का दौरा किया था.
केरी के साथ सात विदेश मंत्रियों का समूह भी था. यह सभी लोग उस स्थान पर भी गये जहां छह अगस्त 1945 को एक अमेरिकी विमान ने ‘परमाणु बम’ गिराया था. यह दुनिया का अब तक का पहला परमाणु हमला था. अमेरिका सरकार के एक अनाम शीर्ष अधिकारी ने कहा कि परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया के लिए आह्वान करने के कारण वर्ष 2009 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किये गये ओबामा परमाणु शस्त्रों को पूरी तरह समाप्त करने के बारे में एक संबोधन दे सकते हैं.