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एग्जिट पोल का दावा : असम में भाजपा, बंगाल में फिर दीदी

केरल में एलडीएफ, तमिलनाडु में जयललिता मुश्किल में नयी दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के वोट के बाद सोमवार को आये अलग-अलग एग्जिट पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल को छोड़ कर बाकी चारों राज्यों में सत्ता परिवर्तन होगा. असम में पहली बार भाजपा गंठबंधन की सरकार बनने के आसार दिख रहे हैं, तो […]

केरल में एलडीएफ, तमिलनाडु में जयललिता मुश्किल में

नयी दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के वोट के बाद सोमवार को आये अलग-अलग एग्जिट पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल को छोड़ कर बाकी चारों राज्यों में सत्ता परिवर्तन होगा. असम में पहली बार भाजपा गंठबंधन की सरकार बनने के आसार दिख रहे हैं, तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सत्ता में वापसी तय लग रही है.

तमिलनाडु में डीएमके और अन्नाद्रमुक के बीच कांटे की टक्कर में द्रमुक-कांग्रेस गंठबंधन थोड़ा आगे रहेगा, तो केरल में कांग्रेस सत्ता गंवायेगी और वहां एलडीएफ को सरकार बनाने का मौका मिलेगा. वहीं पुडुचेरी में कांग्रेस गंठबंधन की सरकार बनने की उम्मीद है. वैसे 19 मई को परिणाम आने के बाद ही तसवीर साफ होगी.

कमोवेश सभी एग्जिट पोल और इसके आधार पर निकाले गये औसत में असम में भाजपा की सरकार गठन का दावा किया गया है. असम में पिछले 15 साल से कांग्रेस की सरकार है. इस बार कांग्रेस का एआइयूडीएफ से गठबंधन नहीं था. भाजपा ने असम गण परिषद और बोडो पीपुल्स फ्रंट के साथ चुनावी गंठबंधन किया था. अगर असम में भाजपा गंठबंधन की सरकार बनी, तो पूर्वोत्तर में यह भाजपा की पहली सरकार होगी.

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को राज्‍य में मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाया है. ऐसा लग रहा है कि असम में एआइयूडीएफ ने कांग्रेस के परंपरागत मुसलिम वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है. एग्जिट पोल में टाइम्स नाउ-सी वोटर को छोड़ कर बाकी सभी ने भाजपा गंठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिया है. सी वोटर के सर्वे में भाजपा गंठबंधन को 57 सीटों की उम्मीद जतायी गयी है.

सभी एग्जिट पोल में पश्चिम बंगाल में फिर से ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार की वापसी की संभावना है. एग्जिट पोल का औसत भी बताता है कि ममता की पार्टी को बहुमत के लिए जरूरी 147 सीटों से कहीं बहुत ज्यादा सीटें मिलेंगी. इंडिया टुडे-एक्सिस ने तृणमूल कांग्रेस को सबसे ज्यादा 233-251 सीटें दी हैं.

दूसरी तरफ, वाम मोरचा को कांग्रेस के साथ गंठबंधन का कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. वाम मोरचा-कांग्रेस गंठबंधन को एबीपी और टाइम्स नाउ ने क्रमश: 126 और 120सीटें दी हैं. यहां भाजपा इस बार भी अपनी स्थिति नहीं सुधार पायी. वैसे खाता खुलने की संभावना दिख रही है. 2011 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 184 व कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं. वहीं वाम मोरचा को 62 सीटें मिली थीं.

कांग्रेस के लिए राहत की बात ये हो सकती है कि उसे केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की सत्ता में दोबारा लौटने का मौका मिलने की संभावना है. तमिलनाडु में कांटे की लड़ाई में द्रमुक आगे निकलता दिख रहा है और अधिकतर एग्जिट पोल बता रहे हैं कि जयललिता की वापसी मुश्किल है. वैसे सी वोटर टाइम्स नाउ के मुताबिक जयललिता की पार्टी एआइडीएमके को 139 सीटें मिलेंगी, लेकिन इंडिया टुडे व न्यूज नेशन ने द्रमुक-कांग्रेस गंठबंधन के सरकार बनाने की संभावना जाहिर की है.

तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में सोमवार को मतदान संपन्न हुआ. इससे पहले पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव हो चुके हैं. पांचों राज्यों के चुनावों की मतगणना 19 मई को होगी.

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