ब्रासीलिया : सांसदों द्वारा राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दिये जाने के साथ ही ब्राजील आज गहरे राजनीतिक संकट में फंस गया और यह दावा किया जाने लगा कि लातिन अमेरिका के इस सबसे बडे देश में लोकतंत्र खतरे में है. कांग्रेस के निचले सदन में विपक्ष के सदस्यों को रोसेफ को सीनेट के समक्ष भेजने के लिए 513 मतों में से 342 मत या दो तिहाई बहुमत चाहिए था. अब सीनेट महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने का फैसला करेगी. पांच घंटे के मतदान के बाद यह विषय कल आधी रात को सीनेट के पास पहुंचा.
मत विभाजन में 342वां मत मिलने पर विपक्ष ने चिल्लाते हुए खुशी का इजहार किया, जिसके जवाब में रोसेफ के सहयोगियों ने गुस्से में ताने मारे.ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में ओलंपिक के आयोजन से महज चार माह पहले यहां का माहौल कटुता से भर गया है. प्रेसिडेंशियल चीफ ऑफ स्टाफ जेक्स वागनर ने महाभियोग के समर्थक सांसदों पर आरोप लगाया कि उन्होंने यह साबित किए बगैर ही उसके पक्ष में मतदान किया है कि वामपंथी राष्ट्रपति ने कोई गंभीर अपराध किया है. राष्ट्रपति पर आंकडों में अवैध रूप से हेराफेरी करने के आरोप है.
उन्होंने 1985 में सैन्य तानाशाही की समाप्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘इस तरह सांसदों का चैम्बर देश में 30 साल के लोकतंत्र में बाधा डालने की धमकी दे रहा है.’ रोसेफ के अटार्नी जनरल जोस एडूआर्डो कार्डोजो ने कहा, ‘यह लोकतंत्र के खिलाफ तख्तापलट है.’ कार्डोजो ने कहा कि 1970 के दशक में सैन्य शासन के अंतर्गत जेल में डाल दी गयीं और उत्पीडन की शिकार हुईं रोसेफ आज पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया देंगी. वित्तीय बाजार से खुशीभरी प्रतिक्रिया की संभावना है जो रोसेफ के हटने और ब्राजील की डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अधिक कारोबार अनुकूल सरकार के पदार्पण के बारे में दांव लगा रहा है.
कांग्रेस के बाहर हजारों लोग बडी-बडी टीवी स्क्रीनों पर इस प्रक्रिया को देख रहे थे. विपक्षी समर्थक जहां जश्न के मूड में थे, वहीं रोसेफ के समर्थकों में निराशा छाई हुई थी. मेरिस्टेला डी मेलो (63) नामक महिला ने कहा, ‘मैं बेहद खुश हूं. मैंने इस उम्मीद में पूरा साल विरोध प्रदर्शन किया कि डिल्मा को हटाया जाएगा.’ लेकिन रोसेफ समर्थक मरियाना सांटो (23) की आंखों में आंसू आ गए और कहा कि मत-विभाजन हमारे देश के लिए कलंक है. इस अवसर पर हजारों पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे और प्रतिद्वंद्वी गुटों को धातु से बनी एक बडी दीवार के जरिए अलग-अलग रखा गया था.
यदि अधिकतर लोगों की उम्मीद के मुताबिक सीनेट इस वामपंथी राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाती है तो उपराष्ट्रपति माइकल टेमर सत्ता संभालेंगे. उन्होंने एक प्रमुख विरोधी बनने के लिए रोसेफ का साथ छोड दिया था. निचले सदन के अध्यक्ष और टेमर के सहयोगी एडूआर्डो कुन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर रोसेफ के दिन गिने चुने रह गए हैं. कुन्हा ने महाभियोग पर सफल मत-विभाजन में अहम भूमिका निभायी है. उन्होंने कहा, ‘अब ब्राजील को कुंए के तल से बाहर निकलने और हमें स्थिति यथाशीघ्र हल करने की जरुरत है. सीनेट को जल्द आगे बढना चाहिए.’
वैसे कुछ विश्लेषकों का कहना है कि विपक्षियों का जश्न महज कुछ समय का हो सकता है. टेमर एक ऐसे देश की कमान संभालेंगे जो कई दशकों की अब तक की सबसे भीषण मंदी से जूझ रहा है और जहां का राजनीतिक परिदृश्य बेहद निष्क्रिय सा है. यहां एक ऐसा माहौल है, जिसमें रोसेफ की वर्कर्स पार्टी बदला लेने का संकल्प ले रही है. एक स्वतंत्र राजनीतिक विश्लेषक एंड्रे सीजर ने कहा, टेमर के लिए ‘यह आसान नहीं होगा, यह एक बुरा सपना होगा.’
रोसेफ (68) पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2014 के पुन: चुनाव के दौरान सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए खातों में हेराफेरी की. कई ब्राजील निवासी उन्हें देश के आर्थिक संकट और सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास से जुडे भ्रष्टाचार घोटाले के लिए भी दोषी ठहराते हैं. इस खराब रिकॉर्ड के चलते उनकी सरकार की स्वीकार्यता महज 10 प्रतिशत की रह गई है. यदि सीनेट महाभियोग के पक्ष में दो तिहाई मत देती है तो रोसेफ को हटाया जाएगा. टेमर 2018 के चुनाव तक रहेंगे. वैसे रोसेफ के एक वरिष्ठ सहयोगी ने कहा कि वह हथियार डालने वाली नहीं हैं.