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अब अपना भी होगा आशियाना
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण शुरू करते हुए कहा, ‘कश्ती चलानेवालों ने जब हार कर दी पतवार हमें, लहर-लहर तूफान मिले, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको कि इन हालत में आता है दरिया करना पार हमें.’ वाकई वैश्विक अर्थव्यवस्स्था में नरमी के बावजूद सरकार ने संतुलित […]
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण शुरू करते हुए कहा, ‘कश्ती चलानेवालों ने जब हार कर दी पतवार हमें, लहर-लहर तूफान मिले, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको कि इन हालत में आता है दरिया करना पार हमें.’ वाकई वैश्विक अर्थव्यवस्स्था में नरमी के बावजूद सरकार ने संतुलित बजट पेश कर कुछ ऐसे ही संकेत दिये हैं, जिसमें फोकस गांव, शिक्षा और स्वास्थ्य पर है. बजट में पहली बार घर खरीदने वालों को सौगात देते हुए ब्याज में 50000 की छूट का प्रस्ताव है.
50 लाख का होगा घर तो मिलेगी छूट
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को राजग सरकार का तीसरा बजट पेश किया. बजट ने जहां एक ओर किसी को खुश किया तो दूसरी ओर कुछ इससे निराश भी नजर आये. बजट में सामाजिक क्षेत्र और नीतियों पर जोर है. स्वास्थ्य और शिक्षा पर क्वालिटी की बात है. स्वास्थ्य के लिए नयी बीमा स्कीम शुरू होगी. वहीं लंबे समय से चल रही मांग को सरकार ने मान लिया है.
अपना पहला घर खरीदने वालों को सरकार ने बड़ी सौगात दी है. हालांकि छोटी-सी शर्त भी है, लेकिन यदि आप उसे पूरा करते हैं, तो पहला घर खरीदना अब किफायती जरूर हो गया है. वित्त मंत्री ने बजट में प्रस्ताव रखा है कि पहला घर खरीदने वालों को ब्याज की राशि में 50000 रुपये की छूट मिलेगी. हालांकि ये छूट उन्हें मिलेगी जिनका घर 50 लाख से कम का होगा. गौरतलब है कि जिन लोगों का पहला घर 50 लाख से ज्यादा का होगा उन्हें ब्याज में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी.
परंपरा का होगा आदान-प्रदान : एक भारत, श्रेष्ठ भारत योजना
बजट में एलान किया है कि देश के राज्यों और जिलों को जोड़ने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना शुरू की जायेगी. इस योजना का लक्ष्य देश के राज्यों और जिलों को आपस में जोड़ना है.
लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब उसके नागरिक शिक्षित होने के साथ स्वस्थ्य होंगे. यही वजह है कि बजट में स्वस्थ समाज के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं. सरकार ने नया हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम लांच किया है.
योजना के तहत हर परिवार को एक लाख रुपये सलाना कवर मिलेगा. शुरू में आठ करोड़ परिवार इसके दायरे में लाये जायेंगे. इसके लिए 800 रुपये प्रीमियम होगा, जिसमें से केंद्र का सहयोग 500 रुपये होगा और 300 रुपये का अंशदान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा. माना जा रहा है कि इस योजना से 40 करोड़ लोग कवर होंगे. इस योजना के तहत ऐसे परिवार के 60 साल से अधिक आयुवाले बीमार लोगों को 30 हजार रुपये का अतिरिक्त टॉप अप पैकेज दिया जायेगा.
रुपये प्रीमियम पर एक लाख तक का स्वास्थ्य बीमा
3000 दवा भंडार खुलेंगे : दवाओं की समस्या खास तौर से ग्रामीण इलाकों में, जेनरिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार 3000 नये सस्ते जेनरिक दवा भंडार खोलेगी.
जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं : गुरदे की डायलिसिस प्रक्रिया की अधिक लागत के मद्देनजर सरकार राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम शुरू करेगी. कार्यक्रम के तहत हर जिला अस्पताल में गुरदे की डायलिसिस की सुविधा होगी. इसके तहत देश भर में कम से कम 2000 नये डायलिसिस केंद्र खोले जायेंगे. देश में 2.2 लाख नये गुरदे रोगियों की बढ़ोतरी हो रही है. इसके परिणाम स्वरूप 3.4 करोड़ डायलिसिस सत्रों की अतिरिक्त मांग बढ़ी है. फिलहाल देश में 4950 डायलिसिस केंद्र हैं, जो मुख्यत: निजी क्षेत्र और प्रमुख नगरों में हैं.
महिला सदस्यों के नाम नया गैस कनेक्शन
गरीबों के घरों में भी एलपीजी कनेक्क्शन
क्या कभी आपने सोचा है चूूल्हे पर खाना पकानेवाली महिलाओं के बारे में, यदि नहीं, तो कोई बात नहीं. सरकार को इसकी चिंता है. यही वजह है कि देशभर में रसोई गैस की सर्वसुलभ कवरेज सुनिश्चित करने के लिए गरीब परिवारों की महिला सदस्यों के नाम रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराने का एलान बजट में किया गया है. साथ ही दो साल के भीतर पांच करोड़ बीपीएल परिवारों को शामिल करने की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र भी बजट में है.
इन एलपीजी कनेक्शनों को मुहैया कराने की लागत पूरी करने के लिए इस वर्ष के बजट में दो हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. 2016-17 में लगभग डेढ़ करोड़ बीपीएल परिवार इससे लाभान्वित होंगे. योजना कम से कम दो वर्षों तक जारी रहेगी, ताकि कुल पांच करोड बीपीएल परिवार इसका लाभ उठा सकें.
मध्य वर्ग के शौक पर सर्विस टैक्स का तड़का
रेस्तरां से ब्यूटी पार्लर तक महंगा
बजट में चुपके से मिडिल क्लास की जेब पर भार डाल दिया गया है. ऐसा सर्विस टैक्स के बढ़ने से होगा, क्योंकि इसे 14.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 कर दिया गया है. यानी यदि आप रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, तो आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. उच्च श्रेणी में हवाई और रेल यात्रा पर भी आपकी जेब पर भार पड़ेगा. वहीं केबल, सिनेमा, मोबाइल बिल और ब्यूटी पार्लर का बिल भी बढ़ जायेगा. उत्पाद शुल्क के बढ़ने से सभी तरह की कारें भी महंगी हाेंगी.
ब्रांडेड कपड़ों को लेकर भी जेब ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि इनपर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है. कोयले पर 400 रुपये प्रति टन का क्लीन एनर्जी सेस लगाया गया है. ऐसे में देर-सवेर बिजली के रेट भी बढ़ सकते हैं. खैर, वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास को कुछ राहत देने की घोषणा की है. यदि आप 50 लाख तक का मकान खरीदते हैं, तो आपको 50 लाख रुपये की छूट मिलेगी. इसके साथ ही डाइलेसिस में काम आने वाली मशीनों पर छूट दी जायेगी.
सोना हुआ महंगा, मैं चांदी ले आया
सोने और हीरे की ज्वैलरी महिलाओं की पहली पसंद मानी जाती है, लेकिन इस बजट में इस पर भी महंगाई का तड़का लगा दिया है. इन ज्वैलरी पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है, यानी अब हीरे और सोने की ज्वैलरी महंगी हो जायेगी. हालांकि, चांदी से बनी ज्वैलरी पर किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गयी है. महिलाओं को एक और झटका दिया है. इस बजट में ब्यूटी पार्लर पर टैक्स बढ़ा दिया है. बजट में इस बार महिलाओं को इनकम टैक्स स्लैब में भी किसी तरह की छूट नहीं मिली है.
युवा कर्मियों को तोहफा : पीएफ खाते में तीन साल तक सरकार जमा करेगी पैसा
सरकार ने नये कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है.
आम बजट में नये कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में सरकार पहले तीन साल के लिए 8.33 फीसदी अंशदान करेगी. यानि अब कर्मचारियों का पैसा नहीं कटेगा. यह स्कीम केवल उन कर्मचारियों के लिए है जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये है. बजट में नयी इपीएफ स्कीम के लिए एक हजार करोड़ रुपये की रकम अलग से रखी गयी है. साथ ही सरकार ने इपीएफ और पेंशन योजना में सर्विस टैक्ट की छूट की घोषणा की है.
खेल बजट में 50 करोड़ 87 लाख का इजाफा
केंद्रीय बजट में खेल मंत्रालय के लिए आवंटन में पिछले साल की तुलना में 50 करोड़ 87 लाख रुपये का मामूली इजाफा किया है. योजना व्यय के तहत 1400 करोड़ रुपये, जबकि गैर योजना व्यय के तहत 192 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए कुल 1592 करोड़ रुपये खेल मंत्रालय के लिए आवंटित किये. पिछले साल कुल 1541 करोड़ 13 लाख रुपये आवंटित किये गये थे.
स्वच्छ भारत मिशन के लिए नौ हजार करोड़
सरकार के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन केलिए बजट में नौ हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन विशेष कर ग्रामीण भारत में स्वच्छता और सफाई सुधारने का भारत का सबसे बड़ा अभियान है. यह विषय राष्ट्रपति के हृदय के करीब था.
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार संसद में स्वच्छता पर एक व्यापक बहस की गयी. ये लगभग 12 साल के बाद चर्चा का विषय बन गया. हमने स्वच्छता के संबंध में शहरी क्षेत्रों के श्रेणीकरण की शुरुआत की है, जिसके फलस्वरूप नगरों और शहरों के बीच एक रचनात्मक प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो गयी है. जेटली ने कहा कि इस रफ्तार को बनाये रखने के लिए उन गांवों को पुरस्कृत करने के वास्ते केंद्र प्रायोजित योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जायेगा, जो खुले में शौच करने की समस्या से मुक्त हो चुके हैं.
आपकी जेब पर असर
महंगे होनेवाले उत्पाद : कारें, सिगरेट, सिगार, तंबाकू, पेपर में लिपटी बीड़ी तथा गुटखा, सभी प्रकार की सेवाएं मसलन बिलाें का भुगतान, होटल में खाना और हवाई यात्रा, रेडिमेड गारमेंट अैर 1,000 रुपये से अधिक के ब्रांडेड परिधान, सोना और चांदी, (चांदी के जड़ाऊ गहनों को छोड़ कर) के आभूषण, मिनरल वॉटर सहित पानी, चीनी या मीठी सामग्री वाला एरेटेड वॉटर, दो लाख रुपये से अधिक की नकद वस्तुएं और सेवाएं, एल्युमीनियम फायल, प्लास्टिक बैग, रोपवे, केबल कार राइड, आयातित नकली (इमिटेशन) आभूषण, औद्योगिक सौर वॉटर हीटर, कानूनी सेवाएं, लॉटरी टिकट, बसाें आदि को किराये पर लेना, पैकर्स और मूवर्स की सेवाएं, वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल के उपकरण, आयातित गोल्फ कार.
ये उत्पाद सस्ते होंगे : फुटवियर, सौर लैंप, राउटर, ब्रॉडबैंड मॉडम और सेटटॉप बाक्स, डिजिटल वीडियो रिकार्डर और सीसीटीवी कैमरा, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन, स्टरलाइज्ड डायलाइजर, 60 वर्ग मीटर से कारपेट क्षेत्र से कम के कम कीमत के मकान, प्रदर्शन के लिए लोक कलाकाराें की सेवाएं, रेफ्रिजरेटेड कंटेनर, पेंशन योजनाएं, माइक्रोवेव अवन, सैनिटरी पैड, ब्रेल पेपर.
बजट विश्लेषण
जरूरतमंद परिवारों तक लाभ पहुंचाना चुनौती
प्रो जयती घोष
अर्थशास्त्री, जेएनयू
हमारे समाज की बेहतरी में महिलाओं और युवाओं का विशेष स्थान है. इस ऐतबार से ग्रामीण महिलाओं के नाम एलपीजी कनेक्शन का बजटीय प्रावधान अच्छा है, जिसमें यह कहा गया है कि डेढ़ करोड़ ग्रामीण परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिया जायेगा. लेकिन, यह एक छोटा प्रावधान है और अभी यह देखना है कि गैस सिलिंडर डिलीवर कैसे किये जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्राें में इसका वितरण कैसे होगा, और क्या यह लक्षित महिलाओं तक आसानी से पहुंच पायेगा, इसे लेकर संदेह हो सकते हैं, क्योंकि हमारी जन-वितरण प्रणाली में बहुत खामियां हैं. वास्तव में जरूरतमंद परिवारों तक एलपीजी की पहुंच को कायम करना एक चुनौती है.
नेशनल हेल्थ मिशन और समन्वित बाल विकास योजना (आइसीडीएस) में महिलाओं के लिए जितनी राशि आवंटित होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई. बल्कि, सबसे खराब बात तो यह लगी कि कुछ क्षेत्रों में पिछले साल के मुकाबले इस बार बहुत कम राशि आवंटित की गयी है.
यह सुनने में अच्छा, तो लग सकता है कि देश भर में अगले तीन साल में एक करोड़ युवाओं को कुशल बनाया जायेगा. लेकिन, जरा गौर से सोचें, तो समझ में आयेगा कि आखिर इतने युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण के बाद नौकरी भी उपलब्ध होगी क्या! सरकारें कौशल विकास के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करने की बात तो करती हैं, लेकिन उसी अनुपात में नौकरियों का सृजन नहीं हो पाता है.
और तो और, जो लोग पहले से ही पढ़-लिख कर डिग्रियां हासिल कर बेरोजगार हैं, उनकी बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकारों के पास न तो कोई नीति है और न ही कोई प्रावधान. सरकार को कौशल प्रशिक्षण के बाद नौकरियों की निश्चितता तय करनी होगी और इसके लिए बजट से अच्छा कोई मौका नहीं है. ऐसा करके ही देश-निर्माण में बेरोजगार युवाओं के महत्वपूर्ण योगदान को हम भुना सकेंगे. जहां तक नये कर्मचारियों को तीन साल तक पीएफ सरकार द्वारा देने की बात है, मुझे नहीं लगता कि इससे कुछ खास फर्क पड़ेगा.
इस बजट में महिला और बाल विकास मंत्रालय को पिछले साल के मुकाबले कम पैसा आवंटित किया गया है. महिला सुरक्षा को लेकर देशभर में जो चिंताएं हैं, उनमें से किसी पर भी कोई खास जोर नहीं दिया गया है. कुछ दिन पहले कहा जा रहा था कि एक महिला बैंक की स्थापना की जायेगी, लेकिन उस पर भी जोर नहीं दिया गया. कुल मिला कर देखें, तो सरकार ने अपने इस बजट से साबित कर दिया कि यह सरकार युवा-विरोधी तो है ही, महिला-विरोधी भी है.
बजट प्रतिक्रिया
बाजार पर बजट का असर केवल कुछ दिन ही रहता है. उसके बाद बाजार की चाल ग्लोबल संकेतों के कार्यान्वयन पर निर्भर करेगी. इस बजट में वित्तीय घाटे के 3.5 % रहने की वजह से बाजार को काफी राहत मिली है.
मनीष चोखानी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट
अरुण जेटली बजट में पास हुए हैं. वित्त मंत्री ने वो सारी बातें रखी हैं, जिनकी आज के वक्त में जरूरत थी. हर क्षेत्र के लिए कुछ न कुछ है. ग्रामीण क्षेत्र व कॉरपोरेट के लिए भी है, जो बहुत अमीर है. यह अच्छी बात है.
यशवंत सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री
मैं समझता हूं कि आज के परिप्रेक्ष्य में इतना ट्रांसफॉर्मेशनल बजट पेश किया है कि वह देश को नये आयाम पर ले जायेगा. देश की पूरी 125 करोड़ जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने बजट पेश किया है.
पीयूष गोयल, बिजली मंत्री
बजट के जरिये अर्थव्यवस्था को विकास के रास्ते पर ले जाने की कोशिश हुई है. वित्त मंत्री ने सोशल और आर्थिक सेक्टर के बीच सामंजस्य बनाते हुए अपने नाइन पिलर अप्रोच से काफी स्पष्ट दृष्टिकोण पेश किया है.
राना कपूर, को फाउंडर, येस बैंक
दुर्भाग्य है कि इस बजट में जो कुछ करने की जरूरत थी, वही नहीं किया गया. सबसे बड़ी बात कि बेरोजगारी दूर करने के लिए इसमें कोई प्रयास नहीं दिख रहा. मध्यम वर्ग के लिए इसमें कुछ नहीं.
कमलनाथ, कांग्रेस नेता
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