नयी दिल्ली : सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये के आरंभिक पूंजी आधार के साथ उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (हेफा) स्थापित करने का निर्णय किया है जिसकी निधियों का उपयोग देश की शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं में आधारभूत ढांचे के सुधार के लिए किया जायेगा. वित्त वर्ष 2016-17 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘ हेफा ‘न हानि, न लाभ’ के आधार पर कार्य करने वाला संगठन होगा, जो बाजार से निधियां प्राप्त करेगा तथा इसकी अनुपूर्ति दान और सीएसआर की निधियों से करेगा. ”
उन्होंने कहा कि इसके अलावा विद्यार्थियों, उच्चतर शिक्षा संस्थाओं और नियोक्ताओं को अभ्यर्थियों के डिग्री प्रमाणपत्र के लिए प्रतिभूति निक्षेपागार की तर्ज पर विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्रों, कालेज उपाधियों, शैक्षणिक पुरस्कारों तथा अंक तालिकाओं संबंधी एक डिजिटल निक्षेपागार की स्थापना किये जाने का भी प्रस्ताव है. ” जेटली ने कहा कि यह उनकी प्रामाणिकता के वैधीकरण, सुरक्षित संचयन और आसानी से पुन: प्राप्ति में सहायक होगा.
बजट में राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 28010 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है जिसमें से सर्व शिक्षा अभियान के लिए 22500 करोड़ रुपये रखे गए हैं. विद्यालयों के लिए मध्याह्न भोजना राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 9700 करोड रुपये और एकीकृत बाल विकास योजना के मद में 16120 करोड रुपयों का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा कि देशभर में प्राथमिक शिक्षा को सर्व सुलभ करने के बाद अब हम शिक्षा के स्तर पर ध्यान देकर अगला बढा कदम उठाना चाहते हैं.
इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत बढा आवंटन किया जायेगा और अभी तक शामिल न किये गए शेष जिलों में 62 नये नवोदय विद्यालय खोले जायेंगे. वित्त मंत्री ने उच्च शिक्षण संस्थाओं के सशक्तिकरण और उन्हें विश्व स्तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र बनाने में सरकार की ओर से मदद देने की प्रतिबद्धता जतायी.
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन में अपनी शुरुआत से एक विस्तृत कौशल विकास परितंत्र तैयार किया है और इसके तहत 76 लाख युवओं को प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने देशभर में 1500 बहु कौशल प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना करने का निर्णय किया है. उन्होंने इन कार्यक्रमों के लिए बजट में 1700 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखने का प्रस्ताव किया. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने उद्योग जगत और शिक्षाविदों के एक राष्ट्रीय कौशल विकास प्रमाणन बोर्ड की स्थापना करने का निर्णय किया है. अगले तीन वर्षों में एक करोड युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को और अधिक बेहतर बनाने का भी प्रस्ताव किया.