काठमांडो : नेपाल में राजनीतिक गतिरोध दूर करने पर केंद्रित सत्तारुढ गठबंधन, विपक्ष और आंदोलनकारी भारतीय मूल के मधेसियों के बीच की वार्ता कल कोई भी ठोस नतीजे पर पहुंच नहीं पायी. सत्तारुढ गठबंधन सहयोगियों-सीपीएन-यूएमएल और यूसीपीएन-माओवादी, मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस और ज्वायंट डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट :यूडीएमएफ: के बीच त्रिपक्षीय वार्ता यहां बालूवाटर में प्रधानमंत्री के सरकारी निवास पर हुई. अगले दौर की वार्ता यूडीएमएफ के चार शीर्ष नेताओं के नई दिल्ली यात्रा से लौटने के बाद होगी. कल भारत यात्रा पर जा रहे इन नेताओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शीर्ष भारतीय नेताओं के साथ भेंट करने की संभावना है.
मधेसी फ्रंट ने शनिवार को आधिकारिक रुप से घोषणा की कि फेडरेल सोशलिस्ट फोरम नेपाल के अध्यक्ष उपेंद्र यादव, तराई मधेस डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महंत ठाकुर, सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो ओर तराई मधेस सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष महेंद्र यादव रविवार को नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे. इन नेताओं ने शुक्रवार को भारतीय दूतावास में नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय से मुलाकात की थी. कल की बैठक शुक्रवार को ही होनी थी लेकिन आंदोलनकारी मधेसी नेताओं के नहीं पहुंचने के कारण उसे स्थगित कर दिया गया था.
प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि कई महीने से जारी राजनीतिक संकट और सीमा नाकेबंदी को दूर करने के प्रयास के तहत यह अहम बैठक हुई. प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, नेपाल कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोईराला और यूसीपीएन माओवादी के प्रमुख प्रचंड समेत नेपाल के शीर्ष नेतृत्व ने मधेसियों की मांगों को हल करने के लिए अगले तीन महीने में संविधान में संशोधन करने का कल फैसला किया था. मधेसी संविधान के भेदभावपूर्ण होने का आरोप लगाते हुए सीमा पर धरना दे रहे हैं जिससे वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गयी है.