पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक न्यूज़ वेबसाइट पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहा कि बिहार चुनाव को बीजेपी ने संप्रादायिक रंग देने का प्रयास किया. नीतीश कुमार ने कहा कि यह सबने देखा केवल बीजेपी के स्थानीय नेता ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी ऐसा किया जिसमें स्वयं मोदी जी भी हैं जिन्होंने चुनाव प्रचार को संप्रादायिकता का रंग देने का प्रयास किया.
.@firstpost Modiji and his party has made brazen attempts to add communal colour to their campaign in Bihar. They have tried to import (1/3)
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 28, 2015
नीतीश कुमार ने कहा कि वह पहले बिहार के बारे में सोचते हैं उसके बाद ही उनके लिए बाकी कुछ मायने रखता है. नीतीश ने कहा कि उनका मानना है कि राजनीति में बातों को रखने के लिए हमेशा संसदीय भाषा का इस्तेमाल हो. नीतीश ने कहा कि इस मामले में बीजेपी के नेता इसका ख्याल नहीं रख रहे हैं.
.@firstpost (2/3) out in the open for all to see. Not only the local leaders but also the national leaders including Modiji himself have
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 28, 2015
उन्होंने कहा कि उनके सात निश्चय हैं जिसमें मैंने बिहार के विकास के लिए सात एजेंडा रखा है. मेरा मानना है कि लोगों ने यह ठान लिया है कि महागंठबंधन को जिताना है. नीतीश ने कहा कि चुनाव में बीजेपी ने बीफ वाले मामले को भी सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी. जबकि बिहार में बीफ कोई इश्यू नहीं है . यह मेरा सौभाग्य है कि महिला मतदाताओं का विश्वास मेरे राजनीतिक कैरियर के लिए काफी बेहतर रहा. मैं उनके बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लेने से काफी खुश हूं. उन्होंने मुझे और महागंठबंधन को सपोर्ट किया है. तीन चरणों के चुनाव में साफ दिख रहा है कि युवाओं का रुझान और समर्थन पूरी तरह से महागंठबंधन की तरफ है.
नीतीश ने कहा कि हम इंडस्ट्रियल ग्रोथ को और बढ़ाकर 14 प्रतिशत के करीब ले जाएंगे जो नेशनल ग्रोथ से भी ज्यादा होगा. हमे इसके लिए जो इनवेस्टर हैं उन्हें बिहार के हित में प्रोत्साहित करना होगा. उन्होंने कहा कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूंगा और इसमें कोई दो राय नहीं है बिहार की जनता ने महागंठबंधन को ही अपना समर्थन दे रही है.