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तीसरा फेज : नीतीश के खिलाफ मोर्चे पर उनके दर्जन भर बागी

पिछलीबार जीते जदयू के 13 विधायकों ने या तो पार्टी बदल ली या टिकट कटा11 खुद या पत्नी को लड़ा रहे हैं चुनाव ज्यादातर ने पकड़ी एनडीए की राहत तो कुछ गये थर्ड फ्रंट में राहुल सिंह पटना : बिहार विधानसभा का तीसरा फेज कई मायनों में पहले के दो चरणों व बाद के दो […]

पिछलीबार जीते जदयू के 13 विधायकों ने या तो पार्टी बदल ली या टिकट कटा
11 खुद या पत्नी को लड़ा रहे हैं चुनाव
ज्यादातर ने पकड़ी एनडीए की राहत तो कुछ गये थर्ड फ्रंट में

राहुल सिंह


पटना :
बिहार विधानसभा का तीसरा फेज कई मायनों में पहले के दो चरणों व बाद के दो चरणाें से अलग व खास है. इस फेज की दो अहम खासियत यह है कि इसमें महागंठबंधन नीतीश कुमार से जुड़े रहे कई लोग आज उन्हीं के गंठबंधन के खिलाफ एनडीए या थर्ड फ्रंट से खम ठोक रहे हैं और नीतीश के नेतृत्व को उनके उम्मीदवारों के बहाने कड़ी चुनौती दे रहे हैं. दूसरी बात यह कि इस फेज में कुछ बड़े नेताओं के साथ लालू प्रसाद के दो पुत्र की सीटों पर भी मतदान होना है. उनकी जीत व हार बिहार की राजनीति की दिशा तय करेगा.

नीतीश के सबसे ज्यादा बागी एनडीए में

नीतीश कुमार की पार्टी बिहार विधानसभा में सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी रही है. अब भी उनके 113 विधायक हैं. लेकिन, महागंठबंधन की मजबूरियों के कारणनीतीश कुमारकीपार्टीइसबार महज101 सीटों पर लड़ रही है. ऐसे में उन्हें मजबूरन अपने कईविधायकों का टिकट काटना पड़ावउनकीसीट कोलालूप्रसाद यादव की पार्टीराष्ट्रीय जनता दल व कांग्रेस को देना पड़ा.ऐसे में नीतीश के कई बागी आजएनडीएकेतीसरामोर्चा के घटक दलों के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में कूदे हैं. उदाहरणकेतौर परसारण जिले के मांझीसे पिछली बार जदयू से गौतम सिंह लड़े व जीते थे, लेकिन इस बार यह सीट कांग्रेस खाते में चली गयी है, इस कारण गौतम सिंह यहां सपा के टिकट पर लड़ रहे हैं. इसी तरह सारण की परसा सीट से पिछली बार जदयू के छोटेलाल राय लड़े व जीते थे, लेकिन इस बार यह सीट राजद कोटे में चली गयी है. ऐसे में छोटेलाल राय लोजपा में शामिल हो गये और उसके टिकट पर एनडीए के उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे हैं.

लालू के दोनों बेटों की सीट से जदयू के सीटिंग विधायक एनडीए में

इसी तरहवैशाली जिले की वैशाली सीटसेपिछलीबारजदयू के वृषिण पटेल जीते थे, लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार बनामजीतनराम मांझीकेसंघर्ष मेंमांझीका साथ दिया औरआज बतौरहमउम्मीदवार एनडीएकाइससीट से प्रतिनिधत्व कर रहे हैं. इसीतरह वैशालीजिलेसे लालू के दोनों बेटों के लिएनीतीश ने ही अपनी सीटिंग सीट छोड़ी है.लालूके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के लिए नीतीश ने महुआ सीट छोड़ी है, जहां से जदयू के रवींद्रराय पिछला चुनावजीतेथे,जबकिछोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव के लिए राघोपुर सीटछोड़ी है, जहांसे पिछली बार जदयू से सतीश कुमार जीते थे.

इस बार सतीश कुमार भाजपाकेटिकटपरराघोपुर से तो रवींद्रराय हम के टिकट पर महुआ से लालूपुत्रको चुनौती दे रहे हैं. यानीनीतीश के दोनों सीटिंग विधायकअब लालू के पुत्र केखिलाफ एनडीएउम्मीदवार हैं. वहींमहुआ से पिछलीबार दूसरे नंबरपर रहे राजद उम्मीदवार जगेश्वर राय इस बार पप्पू की पार्टी से लड़ रहे हैं. इसी तरह राजा पाकर सीट से रामसुंदर दास के पुत्र व सीटिंग एमएलए संजय कुमार का जदयू से इस बार टिकट कट गया और यह सीट राजद खाते में चली गयी.


नीतीश को अपने घर में अपनों से चुनौती

इसी तरह नालंदा जिले में बिहारशरीफ सीट पर पिछलीबारजदयू से डॉ सुनील कुशवाहा जीते थे, लेकिनइसबार वे भाजपा के टिकट पर लड़ रहे हैंऔर नीतीश कुमारने नया कार्यकर्ता मैदान में उतारा है. इसी तरह पिछली बार इस्लामपुर से जदयू के टिकट पर जीते पूर्व नौकरशाह राजीव रंजन अब भाजपा में शामिल हो गये हैं. नीतीश ने इस बार यहां से चंद्रसेन प्रसाद को मैदान में उतारा है. जाहिर है, राजीव रंजन जदयू को हराने में यहां से कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. हिलसा सीट भी नीतीश की सीटिंग सीट है, जहां से राजद लड़ रहा है.


बाहुबली व सहयोगी ने भी पकड़ी दूसरी राह

पटना जिले में पड़ने वाली मोकामा सीट से जदयू को अपने ही बागी से जूझना पड़ रहा है. पिछली जदयू से चुने गये बाबुबली विधायक अनंत सिंह यहां से निर्दलीय मैदान में हैं और सभी प्रत्याशी को यहां उन्हीं से मुकाबला करना पड़ रहा है. जदयू ने यहां से नीरज कुमार को मैदान में उतारा है. वहीं, बाढ़ से जदयू के टिकट पर पिछली बार चुने गये निवर्तमान विधायक ज्ञानेंद्र कुमार ज्ञानु अब यहां से भाजपा उम्मीदवार हैं.इसीतरहमसौढी की सीटिंग सीट भी जदयू कोराजदको देना पड़ाहै. तरारी सीट पर भी जदयू को नरेंद्र पांडेय उर्फ सुनील पांडेय से जूझना पड़ रहा है. बाहुबली सुनील पांडेय पिछली बार जदयू से जीते थे, बाद में विवादों के कारण उनकी नीतीश से दूरी बन गयी. अब सुनील की पत्नी गीता पांडेय यहां से लोजपा के टिकट पर एनडीए की उम्मीदवार हैं. वहीं, बक्सर जिले के डुमरांव सीट से पिछली बार जदयू के टिकट पर डॉ दाउद अली चुनाव जीते थे, लेकिन यह टिकट कटने पर वे बागी हो गये हैं और पप्पू यादव की पार्टी से तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार हैं. जदयू ने यहां से इस बार ददन सिंह को मैदान में उतारा है. बहरहाल, नीतीश कुमार अपने इन पुराने साथियों और आज के बागियों से निबटना होगा.

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