पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच तीसरे मोर्चे को उस समय गहरा झटका लगा जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी गुरुवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भाजपा समर्थक बयान का हवाला देते हुए मोर्चे से अलग हटने का निर्णय किया. एनसीपी के महासचिव एवं सांसद तारिक अनवर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में छह दलों के तीसरे मोर्चे से पार्टी के अलग होने के निर्णय की घोषणा की.
अनवर ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस कथित बयान के प्रतिक्रिया में यह निर्णय किया गया है कि बिहार में भाजपा के पक्ष में लहर है और आने वाले दिनों में भाजपा यहां सरकार बनायेगी. कटिहार से लोकसभा सदस्य तारिक अनवर ने कहा कि ‘‘मतदान के दूसरे चरण में रोहतास और औरंगाबाद में अपने पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए मुलायम द्वारा दिया गया बयान दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. दूसरे चरण का मतदान कल होने वाला है. एनसीपी नेता ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा से मुकाबला कर धर्मनिरपेक्षता को बनाये रखने के लिए छह दल एक साथ आये थे. लेकिन सपा प्रमुख का बयान प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से भाजपा को मदद करता है.
छह दलों के इस मोर्चे में सपा, एनसीपी के अलावा पप्पु यादव के नेतृत्व वाली जनअधिकार पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि के नेतृत्व वाली समरस समाज पार्टी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल थी. एनसीपी पहले जदयू, राजद, कांग्रेस महागठबंधन में शामिल थी. उसे विधानसभा की तीन सीटें आवंटित की गई थी. वह यह कहते हुए महागठबंधन से अलग हो गयी कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने एनसीपी को कम करके आंका है.