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”भारत के 80 फीसदी हथियार पाकिस्‍तान के लिए”

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सेना ने संसदीय समिति को बताया है कि देश के लिए एकमात्र बाहरी खतरा भारत है और भारत पाक वार्ता निलंबित होने के मद्देनजर दोनों देशों के संबंधों के संदर्भ में स्थिति अस्थिर है. सीनेटर मुशाहिद हुसैन की अध्यक्षता में सीनेट की रक्षा समिति के सदस्यों ने कल रावलपिंडी स्थित सेना […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सेना ने संसदीय समिति को बताया है कि देश के लिए एकमात्र बाहरी खतरा भारत है और भारत पाक वार्ता निलंबित होने के मद्देनजर दोनों देशों के संबंधों के संदर्भ में स्थिति अस्थिर है. सीनेटर मुशाहिद हुसैन की अध्यक्षता में सीनेट की रक्षा समिति के सदस्यों ने कल रावलपिंडी स्थित सेना के ज्वॉइंट स्टाफ मुख्यालय का दौरा किया. वहां ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल रशद महमूद और उनकी टीम ने उनके साथ बातचीत की. दैनिक डॉन की खबर के अनुसार, सेना के अधिकारियों ने सीनेट के सदस्यों को बताया कि भारत ने पिछले कुछ साल में लगभग 100 अरब डॉलर के हथियार खरीदे हैं जिनमें से 80 फीसदी हथियार पाकिस्तान के लिए हैं.

खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की अंधाधुंध खरीदी जारी है और अगले पांच साल में वह 100 अरब डॉलर के और हथियार खरीदेगी. अखबार में कहा गया है कि दुनिया में हथियारों के दूसरे सबसे बडे आयातक भारत ने पिछले दशक में रक्षा पर अपना व्यय दोगुना से भी अधिक कर दिया है. इस साल दिल्ली का रक्षा बजट 40.70 अरब डालर है. समिति के सदस्यों को बताया गया कि इसे देखते हुए स्थिति का सतत मूल्यांकन करने और प्रतिक्रिया की व्यवस्था अद्यतन करने की जरुरत है.

समिति के सदस्यों को यह भी बताया गया कि ज्वॉइंट स्टाफ मुख्यालय किस तरह एक उच्च रक्षा प्रतिष्ठान और रणनीतिक योजना प्रभाग के तौर पर काम करता है जो कि परमाणु कार्यक्रम का परिरक्षक है. गैर परंपरागत सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बात करते हुए सैन्य अधिकारियों ने कहा कि साइबर जगत में ये खतरे बडी चुनौती पेश कर रहे हैं. सैन्य अधिकारियों ने साइबर हमलों और साइबर युद्ध से निपटने के लिए सरकार से एक ‘इंटर सर्विसेज साइबर कमांड’ की स्थापना करने का आग्रह किया.

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